Ashu द्वारा लिखित – 19 साल की छात्रा

हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, ये तो हम सभी जानते हैं । तो आज के समय में फैली कोरोना वायरस नामक महामारी को हम सिर्फ उसके एक पहलू से क्यों देख रहे हैं? जी हाँ कोरोना के भी ऐसे कुछ पहलू हैं जो हमें इस कठिन परिस्थिति में मुस्कुराने में मदद कर सकते हैं । वातावरण पर इसका बहुत सुंदर प्रभाव देखने को मिला है । इसके अलावा और भी कई तरीकों से इसने हमारी ज़िंदगी में प्रभाव डाला है । तो चलिए आज इसे एक अलग नज़रिये से देखते हैं

नमस्ते की परंपरा:  आधुनिक समय में हम सभी नई-नई चीजों और नए-नए प्रयोग करने को उत्सुक रहते हैं। एक दूसरे से मिलने पर हम हाथ मिलाते हैं या अंग्रेज़ी शब्दों का प्रयोग करते हैं । किसी से मिलने पर हाथ जोड़कर नमस्ते बोलना हम भारतवासियों की परंपरा है । कोरोना से बचाव के लिए आज पूरे विश्व में हाथ जोड़कर नमस्ते बोलने की परंपरा चल पड़ी है।

मदद के हाथ बढ़ाना : अपनी रोज़ की जिंदगी में व्यस्त होने के कारण हम सब इंसानियत भूलते जा रहे थे लेकिन आज इतने लोगों को तकलीफ में देखकर हम सभी अपने पहले धर्म इंसानियत की ओर बढ़ रहें हैं । आज अधिकतर लोग अपनी क्षमता के अनुसार मदद के हाथ बढ़ा रहे हैं।

अपराध में कमी : महामारी के कारण अपराध की दर में कमी एक सराहनीय बदलाव है । वाहन चोरी या भीड़ वाले स्थानों पर जेबकतरी रोज़ होने वाले आम अपराध बन चुके थे लेकिन इन दिनों इन अपराधों में कमी देखी जा सकती है।

आपसी  मेलजोल : वक़्त की कमी के कारण लोग अपने तक सीमित रहने लगे थे । यहाँ तक की अपने पड़ोसियों से भी वास्ता नहीं था । लेकिन अब सभी के पास वक़्त है और इस कठिन समय ने हमें हमारे रिश्तों को वक़्त देना सिखाया है ।

शौक : बहुत से लोगों की जिंदगी सिर्फ पढ़ने या कमाने में ही निकल जाती है । जैसे जैसे हम बड़े होते हैं, हमारे बचपन के साथ साथ हमारे शौक भी पीछे रह जाते हैं । हम अपने आप को अपने ही शौक पूरे करने का वक्त नही दे पाते । लेकिन आज हमारे पास वक्त है- अपने शौक पूरे करने का, अपने आप को वक्त देने का और एक बार फिर से अपने लिए जीने का ।