आशु द्वारा लिखित- 20 साल की छात्रा

मॉरीशस के पास हिंद महासागर में एक ईंधन से भरे जहाज़ के चट्टान से टकराने के कारण हुआ तेल रिसाव| मॉरीशस के प्रधानमंत्री श्री प्राविंद जगन्नाथ ने इस घटना को ‘पर्यावरणीय आपातकाल घोषित कर दिया|

कब और कैसे हुई ये घटना?

यह घटना मॉरीशस के दक्षिण- पूर्व में स्थित ब्लू बे मरीन पार्क के पास हुई| एक जापानी जहाज़ जो 4000 टन ईंधन ले जा रहा था, मूंगा चट्टान से टकरा गया| जहाज़ दो हिस्सों में विभक्त हो गया| जिसके कारण हिंद महासागर में 1000 टन से भी अधिक तेल फैल गया|

हांलाकि पहले इससे भी अधिक मात्रा में तेल रिसाव की घटनाएं हो चुकी हैं, फिर भी यह बहुत अधिक घातक माना जा रहा है क्योंकि इसके प्रभाव बहुत बुरे और लंबे समय तक होने वाले हैं|

पर्यावरण कैसे होगा प्रभावित-

  1. यह जहाज़ मॉरीशस के पोंइटे डेसी के पास टूटा| यह क्षेत्र पर्यावरण के प्रति संवेदनशील क्षेत्रों में से एक है| तेल के फैलने से यहाँ के समुद्री तट की पारिस्थितिकी और हिंद महासागर के समुद्री जीवन को खतरा हो गया है|
  2. तेल सतह पर होने के कारण सूर्य के प्रकाश को भीतर प्रवेश करने से रोकता है जिसके कारण जल में मिली हुई ओक्सीजन के स्तर में कमी होने लगती है| इसी कारण तेल के रिसाव ने लुप्तप्राय प्रवाल भित्तियों, उथले पानी में समुद्री घास, मैंग्रोव, मछलियों और अन्य जलीय जीवों को खतरे में डाल दिया है|
  3. विशालकाय कछुए, लुप्तप्राय हरे कछुए और गंभीर रूप से लुप्तप्राय गुलाबी कबूतर जैसे प्रमुख वन्य जीवों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है|
  4. क्रूड ओयल पक्षियों के फर व पंखों के गुणों को बर्बाद कर देता है| इसलिए तेल में लिपटे पक्षी और समुद्री स्तनधारी हाइपोथर्मिया के कारण मर सकते हैं|

क्यों हुआ ये तेल रिसाव?

जापान की कंपनी तो जहाज़ के टकराने का कारण खराब मौसम को बता रही है| वहीं मॉरीशस ने जहाज़ के कैप्टन सुनील कुमार नंदेश्वर को गिरफ्तार कर लिया है| उनकी उम्र 58 साल है और वो भारतीय मूल के हैं| उनपर आरोप है कि वो जहाज़ को बर्थडे पार्टी और वाईफाई सिग्नल के लिये तट के करीब लाये थे| तेल रिसाव का कारण उनकी लापरवाही को माना जा रहा है|

स्थिति पर क्या बोले मॉरीशस के प्रधानमंत्री-

प्रधानमंत्री जगन्नाथ ने कहा- “हमारे देश के पास फंसे हुए जहाजों को फिर से प्रवाहमान बनाने का कौशल और विशेषयज्ञता हासिल नहीं है| इसलिए मैंने फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैंक्रो से मदद की अपील की है|” उन्होंने साथ ही कहा कि ये रिसाव 13 लाख की आबादी वाले उनके देश के लिये ‘एक खतरा’ है, जो मुख्यतः पर्यटन पर आश्रित है|

 श्री जगन्नाथ ने जहाज ‘एमवी वाकाशियो’ की एक तस्वीर पोस्ट की जो खतरनाक ढंग से झुका हुआ है| मॉरीशस मौसम विज्ञान सेवा ने कहा ‘समुद्र में अत्याधिक खतरा है, उसमें जाने की सलाह नहीं दी जाती है|’

भारत ने बढ़ाये मदद के हाथ-

भारत सरकार ने भारतीय वायुसेना के विमान के ज़रिए मॉरीशस के लिये 30 टन से अधिक तकनीकी उपकरण और सामग्री भेजी है| विशेष उपकरण जिसमें ओशियन बूम, रिवर बूम, डिस्क स्किमर्स, हेली स्किमर्स, पावर पैक, ब्लोअर्स साल्वेज, ओयल एबजॉर्बेंट ग्राफीन पैड्स और अन्य शामिल हैं| विदेश मंत्रालय ने कहा कि 10-सदस्ययी तकनीकी रेस्पॉन्स टीम में भारतीय तटरक्षक बल के कर्मी शामिल हैं| इन्हें मॉरीशस में तैनात किया है|

स्थिति को काबू में करने का प्रयास और उसका परिणाम –

जहाज़ के 3 टैंकों में 2500 मिट्रिक टन कच्चा तेल था| जहाज़ दो टुकड़ों में टूटा जिसमें से एक टुकड़े को तट के पास लाया गया| दूसरे टुकड़े में 90 टन कच्चा तेल है जिसे समुद्र में डुबाने की योजना है| लेकिन कुछ पर्यावरणीय समजकर्ताओं का कहना है कि इस योजना से समुद्री जीवों को बहुत नुकसान होगा| उनका कहना है कि जिस जगह दूसरे टुकड़े को डुबाया जा रहा है, वहाँ ह्वेल मछलियों का प्रोटेक्टिव क्षेत्र है| सफाई करने के बाद भी इस घटना के परिणाम लंबे समय तक देखने को मिलेंगे|