गीतांजलि द्वारा लिखित, 19 साल की छात्रा

75 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद भारत में प्रधानमंत्री के जन्मदिन के दिन चीता का आगमन हुआ है तथा उसे मध्यप्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में रखा गया है परंतु अब भारतीय नागरिकों की यह ज़िम्मेदारी है कि वह चीता को सुरक्षित रखें तथा पहले की तरह विलुप्त होने से बचाएं। इस कार्य के लिए मध्यप्रदेश में एक विशेष समूह का गठन हुआ है जिन्हें चीता मित्र नाम से जाना जा रहा है। आज हम चीता मित्र के बारे में पूर्ण जानकारी लेते हैं:-

कौन है चीता मित्र?

नामीबिया से चीता को मध्य प्रदेश कुनो नेशनल पार्क में लाया गया है और वे अभी भारत के पर्यावरण से समन्वय स्थापित करने में लगे हुए हैं। भारत के वन विभाग ने चीता की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए चीता मित्र समूह का गठन किया है। यह मध्यप्रदेश के ग्रामीण लोगों का समूह है जो चीतों के बारे में जानकारी बढ़ाएगा।

भारतीय वन विभाग के द्वारा मध्यप्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र के 450 लोगों को चीता मित्रों के रूप में चयनित किया गया है।

चीता मित्रों का काम

किसी भी समूह की नियुक्ति किसी विशेष कार्यभार के लिए किया जाता है, वैसे ही चीता मित्रों को विशेष कार्यभार और जिम्मेदारियां दी गईं हैं, वह इस प्रकार हैं:-

  • चीता और तेंदुआ का फर्क

मध्यप्रदेश के जिस क्षेत्र में चीता को रखा गया है वहां पर बहुत से तेंदुआ भी पाए जाते हैं और तेंदुए का शिकार भी होता है ऐसे में चीता मित्र शिकार को रोकने में अहम भूमिका निभाएंगे।

ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले बहुत से लोगों को चीता, तेंदुआ और बाघ आदि में अंतर भी नहीं पता है। तेंदुए बहुत ही हिंसक होते हैं जिसके कारण लोग बचाव के लिए उन पर हमला कर देते हैं ऐसे में सरकार को डर है कि कहीं लोग चीतों को तेंदुआ समझकर उस पर हमला न कर दें, ऐसे में चीता मित्र चीते के बारे में संपूर्ण मध्यप्रदेश में जागरूकता फैलाने का काम कर रहे हैं ताकि चीता को बचाया जा सके।

  • लोगों में जागरूकता

चीता मित्र का काम चीता की देखभाल नहीं है जबकि चीता के बारे में जानकारी बढ़ाना तथा जागरूकता फैलाना है क्योंकि कई बार घूमते घूमते चीता ग्रामीण क्षेत्रों में पहुच जाते हैं और लोग उनसे डर जाते हैं ऐसे में चीता मित्र लोगों को यह बताएंगे की चीता मनुष्य पर हमला नहीं करते, वह बहुत ही शांत स्वभाव के होते हैं इसलिए उनसे डरने और उन पर हमला करने की बजाय उनकी सूचना वन विभाग को दी जाए।

  • चीता का जीवन आसान बनाना

चीता मित्र लोगों को इस बारे में भी जागरूक करेगा कि वह जंगल और पेड़-पौधों को समाप्त ना करें क्योंकि इसके कारण जीवों का आवास नष्ट होता है तथा उनका जीवन खतरे में पड़ जाता है।

चीता मित्र में कौन-कौन है?

चीता मित्र की बात करें तो उसके लिए मध्यप्रदेश के बहुत से लोगों को लिया गया है तथा 450 चीतामित्रों की नियुक्ति हुई है। इसमें प्रमुख रूप से मध्यप्रदेश के कुनो नेशनल पार्क के आसपास के गांवों में रहने वाले शिक्षित व्यक्तियों, ग्राम सेवकों, समाज सेवकों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं आदि को सम्मिलित किया गया है।

चीता मित्रों में उन लोगों को ज्यादा प्राथमिकता दी गई है जो चीता और वन्य जीव से संबंधित चीजों में रूचि रखते हैं ताकि वह अलग-अलग रचनात्मक क्षमताओं का प्रयोग करके जागरूकता फैला सकें।

आशा है आपको “चीता मित्र समूह” के बारे में जानकारी प्राप्त हुई होगी। हमें इसी प्रकार के विभिन्न जानकारियों से साथ फिर मिलेंगे। इसी प्रकार के विभिन्न खबरों के लिए हमारे वेबसाइट से जुड़े रहें।

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