मजदूरी के पिंजरे से जिंदगी की आस लिए मटुक नयनों से चुपके से झांकता मासूम बचपन

शाम के करीब 6 बज गए थे, लंबे सफ़र के थकान के बाद सामने एक ढाबा नज़र आया। वहींथोड़ी देर ठहर कर कुछ जलपान करके आगे बढ़ने का विचार हुआ।

वैवाहिक बलात्कार समाज के लिए कलंक

हमारा भारतीय समाज एक पुरुष प्रधान समाज है। जहां समाज में फैली विभिन्न कुरीतियां हमेशा से ही महिलाओं का शोषण करती आ रही है जिसमें भूण हत्या, दहेज प्रथा, बलात्कार जैसी घटनाएं शामिल है।

10 जून को लगा साल 2021 का पहला सूर्य ग्रहण

साल 2021 का पहला सूर्य ग्रहण 10 जून को दुनिया भर के कई देशों में देखने को मिला। ये सूर्य ग्रहण ज्येष्ठ मास की अमावस्या को लगा है। भारतीय समय के अनुसार ये दोपहर 1:42 पर शुरू हुआ और शाम 6:41 पर समाप्त हुआ।

Cyber crime : एक बड़ी समस्या

Cyber crime एक तकनीकि प्रगति का परिणाम है, आज 21st century में तकनीक जिस प्रगति पर है, जिसकी वजह से आज हम लोग lockdown के समय में घर बैठे भी अपने कामों को कर रहे हैं, वही बच्चों की पढ़ाई में भी कोई रुकावट नहीं आई है, आज टेक्नालॉजी इतनी आगे बढ़ गई है कि हम अपने कई कामों को कम समय एवं घर बैठे हुए भी कर सकते हैं।

ऑनलाइन शिक्षा के लाभ एवं हानियाँ

वर्तमान समय में सम्पूर्ण विश्व कोरोना महामारी को झेल रहा है जिस कारण सम्पूर्ण वैश्विक अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य व्यवस्था एवं शैक्षणिक व्यवस्था की स्थिति खराब हो गई है। इस महामारी के समय में ऑफलाइन शिक्षा को जारी रखना बहुत ही कठिन एवं असंभव समान प्रतीत होता है इसलिए ऑफलाइन शिक्षा के विकल्प के रूप में ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था को अपनाया गया है।

कोरोना वाइरस का आर्थिक प्रभाव

कोरोना वाइरस महामारी ने सभी देशों की अर्थव्यसथाओं को प्रभावित किया है तथा भारत की अर्थव्यवस्था भी इस से प्रभावित रही है ।

बालक ध्रुव

हमारे देश का नाम है भारतवर्ष । पुराने जमाने में हमारे देश में एक प्रतापी राजा थे। उनका नाम था उत्तानपात। वे अपनी प्रजा को अपने बेटे के समान प्यार करते थे। प्रजा भी अपनी राजा को भगवान की समान पूजा करते थी। राजा उत्तानपात के दो रानियाँ थी। बड़ी रानी का नाम सुनीति और छोटी रानी का नाम सुरूचि ।

मोबाइल और बचपन

आज बचपन मोबाइल के इर्दगिर्द घूमता है । मोबाइल ने तकनीकी युग में सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है । आज बच्चों की शरारतें खिलौने तथा सभी खेल भी मोबाइल में कैद होकर रह गए हैं । मोबाइल में रहकर सभी उसके गुलाम बन गए हैं । आज हम शिक्षा, विज्ञान, संस्कृति तथा मनोरंजन सभी क्षेत्रों मोबाइल पर निर्भर हो गए हैं ।

हिन्दी भाषा- देश का गौरव

किसी भी स्वतंत्र राष्ट्र की अपनी एक भाषा होती है जो उसका गौरव होती है, इसी भाषा को राष्ट्र भाषा के नाम से जाना जाता है, राष्ट्रीय एकता और राष्ट्र के स्थायित्व के लिए राष्ट्रभाषा की अनिवार्यता किसी भी शब्द के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती है अतः यही भाषा शिक्षा के माध्यम तथा सरकारी काम-काज चलाने के लिए प्रयुक्त की जाती है ।

हिंदी : पहले और आज

किसी भी समाज में भाषा का स्थान महत्वपूर्ण होता है। भाषा के जरिए एक व्यक्ति अपनी भावनाओं और संवेदनाओं को दूसरे व्यक्ति तक संप्रेषित करता है।

हम बच्चों को समझे कौन ?

आज की दुनिया में हम बच्चों की समस्याओं को कोई नही समझता। आज छोटे-छोटे एकाकी परिवारों में भौतिक सुख सुविधाओं के बीच हम बच्चों का बचपन सिमट कर रह गया है। आज हम भागदौड़ भरी व्यस्त जिन्दगी में नितांत अकेले हैं। पैसे कमाने की लगी माँ-बाप की होड़ में बचपन में ही बच्चे बड़े होते जा रहे हैं। माता-पिता अपनी व्यस्त जिन्दगी से बच्चों के लिए समय नहीं दे पाते और बच्चे लगातार भौतिक सुख-सुविधाओं के बीच अकेले तथा अपराध की दुनिया में घिरते जा रहे हैं।

आओ हम हिन्दी अपनाएं

हिन्दी हमारी राष्ट्र भाषा है। हम प्रतिवर्ष 14 सितम्बर को ‘हिन्दी दिवस’ के रूप में मनाते है। हिन्दी भाषा हमारे राष्ट्र का गौरव तथा हमारी शान है। हमारे देश में अनेक भाषाएं बोली जाती है। हिन्दी भाषा हमारे देश की सर्वाधिक प्रचलित भाषा है। पिछले कुछ दशकों में विदेशी सभ्यताओं ने हमारे देश में पैर पसारे तथा साथ ही विदेशी भाषाओं ने भी इस कारण हमारे देश में अंग्रेजी भाषा का भी बाहुल्य हो गया। अंग्रेजी भाषा के ज्ञान तथा प्रयोग के साथ ही साथ हमें अपनी मातृभाषा की महत्ता को कभी भी कम नहीं करना चाहिए।

राष्ट्र भाषा हिन्दी

भारत एक ऐसा देश है, जिसके बारे में कहा जाता है विविधता में एकता इसकी विशेषता है। ‘‘यह बात इस देश के भूगोल, धर्म, जाति, वेशभूषा, रहन-सहन, रंग-रूप’’ पर लागू नहीं होती अपितु भाषा की दृष्टि से भी यह बात खरी उतरी है। भाषा की दृष्टि से भारत एक बहुभाषि देश है। हिन्दी न केवल इसकी राष्ट्र भाषा है, अपितु मातृ भाषा है।