इरशाद द्वारा लिखित, कक्षा 12 का छात्र

Cyber crime एक तकनीकि प्रगति का परिणाम है, आज 21st century में तकनीक जिस प्रगति पर है, जिसकी वजह से आज हम लोग lockdown के समय में घर बैठे भी अपने कामों को कर रहे हैं, वही बच्चों की पढ़ाई में भी कोई रुकावट नहीं आई है, आज टेक्नालॉजी इतनी आगे बढ़ गई है कि हम अपने कई कामों को कम समय एवं घर बैठे हुए भी कर सकते हैं।

लेकिन जिस तरह से टेक्नालॉजी बहुत लाभदायक है, उसी तरह से एक अभिशाप भी है क्योकिं इस टेक्नालॉजी का गलत इस्तेमाल करके कई लोग ऑनलाइन धोखाधड़ी, डेटा चोरी और हैकिंग जैसे अपराध कर रहे हैं। Cyber Crime एक ऐसा अपराध है जो इंटरनेट द्वारा किए गए अपराध के रुप में परिभाषित किया जाता है। जिससे किसी संगठन या सरकार को नुकसान पहुँचाया जा सकता है। इस अपराध को करने वाले को “हैकर”कहा जाता है।

Cyber crime में कई चीजें हैं जैसे – ऑनलाइन धोखाधड़ी, अकाउंट से पैसों की चोरी, किसी के पहचान की चोरी, किसी कम्पनी के डेटा की चोरी, किसी संगठन के सिस्टम को नष्ट करने के लिए वायरस जैसे मैलवेयर बनाकर भेजना और अन्य चीजें शामिल हैं।

भारत कानून-व्यवस्था में ऑनलाइन अपराध के लिए सजा का प्रावधान है:-

● हैकिंग के लिए किसी व्यक्ति को IT ACT 2008 की धारा 43A, 66, IPC की धारा 379 और 406 के तहत तीन साल की सजा या फिर पाँच लाख का जुर्माना हो सकता है।

● डेटा की चोरी के लिए IT ACT 2008 की धारा 43B, 66E, 77C, IPC  की धारा 379, 405 और 420 एवं Copyright Act के तहत तीन साल की सजा या फिर दो लाख का जुर्माना हो सकता है।

●किसी सिस्टम में वायरस-स्पाईवेयर फैलाने के जुर्म में IT ACT 2008 की धारा  43C, 66, IPC की धारा 268 और साईबर आतंकवाद के जुर्म में 66F के तहत तीन साल की सजा या फिर जुर्माना हो सकता है और साईबर वॉर या साईबर आतंकवाद से जुड़े मामलों में उम्र कैद की सजा हो सकती है।

 ●पहचान की चोरी- किसी व्यक्ति की गोपनीय जानकारियाँ हासिल कर उनका गलत इस्तेमाल करने पर IT ACT 2008 की धारा 43,66C और IPC की धारा 419 के तहत तीन साल की सजा या एक लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है।

भारतीय सरकार ने cyber crime की रिपोर्ट दर्ज करवाने के लिए National Cyber Crime Reporting Portal बनाया है, जिससे आप ऑनलाइन अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। दिल्ली सरकार ने एक हेल्पलाइन नम्बर भी जारी किया है, 155260 जिस पर आप ऑनलाइन धोखाधड़ी की अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए साईबर cell की भी स्थापना की है ।

ऐसी गतिविधियाँ लोग आसान तरीके से पैसे कमाने के लिए करते हैं, वो इसे पैसे कमाने का आसान तरीका मानते हैं। इन सभी चीजों में ज्यादा पढ़े लिखे और ज्ञानवर्धक लोग शामिल होते हैं जो अपनी कौशलता का इस्तेमाल इन सभी नकारात्मक चीजों में करते हैं। कई लोग अपने ज्ञान का उपयोग सकारत्मक कार्यों में भी करते हैं, परन्तु बड़े स्तर पर इसका इस्तेमाल ऑनलाइन धोखाधड़ी और अपराध के लिए किया जाता है। साईबर अपराध दिन प्रतिदिन हमारे समाज के लिए खतरा बनता जा रहा है ।

आज के इस युग में हम सभी को सुरक्षापूर्वक व्यवहार और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए। जैसे हमें अपनी बैंक अकाउंट डिटेल किसी के साथ साझा नहीं करने चाहिए और निजी जानकारी किसी के साथ शेयर नही करनी चाहिए। कई बार हम अपने मोबाइल फोन पर किसी भी लिंक पर  क्लिक कर देते हैं। हमें इन सभी चीजों में सावधानी बरतनी चाहिए। पहले पुष्टि कर लें कि कोई चीज़ सेफ है, उसी के बाद उसमें Enroll करना चाहिए। इंटरनेट का इस्तेमाल करते समय सुरक्षा व सावधानी बरतना ही इस समस्या का समाधान है।

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