गीतांजली पाण्डेय द्वारा लिखित, 18 साल की छात्रा

वर्तमान समय में सम्पूर्ण विश्व कोरोना महामारी को झेल रहा है जिस कारण सम्पूर्ण वैश्विक अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य व्यवस्था एवं शैक्षणिक व्यवस्था की स्थिति खराब हो गई है। इस महामारी के समय में ऑफलाइन शिक्षा को जारी रखना बहुत ही कठिन एवं असंभव समान प्रतीत होता है इसलिए ऑफलाइन शिक्षा के विकल्प के रूप में ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था को अपनाया गया है।

ऑनलाइन शिक्षा से अभिप्राय ऐसी शिक्षा से है जो कंप्यूटर, मोबाइल और इंटरनेट के माध्यम से घर बैठे प्राप्त की जाती है। वर्तमान समय में भारत सहित सम्पूर्ण विश्व के विद्यार्थी ऑनलाइन शिक्षा का उपयोग करके अपनी शिक्षा को जारी रख पा रहे हैं।

ऑनलाइन शिक्षा के लाभ

ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली कई संचार मोड का उपयोग करके, शिक्षकों और छात्रों दोनों को विचारों और जानकारी का आदान-प्रदान करने और देश के किसी भी कोने से काम करने का मौका देती है। ऑनलाइन शिक्षा के कई लाभ हैं-

  1. मितव्ययी व्यवस्था – ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था एक मितव्ययी शिक्षा का साधन है क्योंकि इस व्यवस्था में समय, धन एवं ऊर्जा की बचत होती है। घर पर बैठकर ही विद्यार्थी बिना समय तथा परिवहन खर्च बर्बाद किये शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं तथा इससे शारीरिक ऊर्जा भी कम खर्च होती है एवं शारीरिक व मानसिक थकान भी नहीं होती है।
  2. तकनीकी ज्ञान में वृद्धि – ऑनलाइन शिक्षा बच्चों को नई- नई तकनीक से रूबरू करवाता है जिससे न केवल विद्यार्थी अपितु अध्यापकों को भी वर्तमान की तकनीकों का ज्ञान होता है। तकनीक ज्ञान देश में वैज्ञानिक अनुसंधान तथा अन्वेषणों को बढ़ावा देता है।

ऑनलाइन शिक्षा की दुनिया

ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था कई चुनोतियों से भरपूर्ण है जो शिक्षा के विकास में बाधा के रूप में उभरते हैं।

  1. शैक्षिणक असमानता में वृद्धि – शिक्षा की ऑनलाइन व्यवस्था शैक्षिणक असमानता को बढ़ाती है। ऑफलाइन शिक्षा में अमीर एवं गरीब, ऊंची जाती एवं नीची जाति, तथा विभिन्न धर्म के बच्चे एक साथ विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करते थे जहां उन्हे समान सुविधाएं एवं समान वातावरण मिलता था परंतु ऑनलाइन माध्यम में अमीर बच्चे सुचारु रूप से अच्छे वातावरण में कक्षाएँ ले पाते हैं वही गरीब एवं माध्यम वर्ग के विद्यार्थियों के घर का माहौल एवं आर्थिक स्थिति उनकी शिक्षा को प्रभावित करती है। इस प्रकार शैक्षिणक क्षेत्र में असमानताएँ बढ़ रही हैं।
  2. साइबर अपराध – जहां ऑनलाइन शिक्षा विद्यार्थियों एवं अध्यापकों को तकनीकी ज्ञान प्राप्त करने का अवसर देती है वही उन्हे साइबर अपराध का शिकार भी बनाती है। पिछले कुछ महीनों में ऑनलाइन शिक्षा के विकास के साथ-साथ साइबर अपराध में भी दोगुनी वृद्धि हुई है।
  3. स्वास्थ्य पर नकारत्मक प्रभाव – हम सभी इस बात से अवगत हैं कि कंप्यूटर, मोबाइल एवं लैपटाप जैसे इलेक्ट्रोनिक डिवाइस कई प्रकार के रेडिएशन छोड़ते हैं जिससे कई प्रकार की शारीरिक एवं मानसिक बीमारियाँ उत्पन्न होती हैं। निरंतर रूप से स्क्रीन का उपयोग करने से विद्यार्थियों की आँखें कमजोर हो जाती हैं।

निष्कर्ष

अतः ऑनलाइन शिक्षा एक विकल्प के रूप में अपनाई गई थी और विकल्प एक छोटे समयवधि के लिए उपयोगी होता है परंतु दीर्घकाल के लिए नकारात्मक एवं अनुपयोगी बन जाता है इसलिए आनलाइन शिक्षा कभी भी ऑफलाइन शिक्षा जितना उपयोगी एवं सार्थक सिद्ध नहीं हो सकता है।

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