अश्मित अगरवाल द्वारा लिखित, कक्षा 8 का छात्र

आज बचपन मोबाइल के इर्दगिर्द घूमता है । मोबाइल ने तकनीकी युग में सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है । आज बच्चों की शरारतें खिलौने तथा सभी खेल भी मोबाइल में कैद होकर रह गए हैं । मोबाइल में रहकर सभी उसके गुलाम बन गए हैं । आज हम शिक्षा, विज्ञान, संस्कृति तथा मनोरंजन सभी क्षेत्रों मोबाइल पर निर्भर हो गए हैं ।

इंटरनेट की दुनिया ने हमारे देश को पूरी तरह बदल दिया है । यदि हम इससे लाभान्वित होते हैं तो यह बहुत अच्छी बात है हमे सब कुछ गहर बैठे ही मिनटों में सीखने को मिल जाता है। हम गूगल से अपनी जिज्ञासा शांत कर सकते हैं। कोरोना मानव को परस्पर जोड़े रखे है । हमे इसके को महत्व को समझते हुए इसकी हानियों से दूर रहना चाहिए ।

यदि हम केवल गेम खेल कर या फिजूल बातों में अपना समय बर्बाद करते हैं तो दुरुपयोग है। हमे इस से बचना चाहिए और इसके महत्व को स्वीकार कर मोबाइल के सदुपयोग पर ध्यान देना चाहिए । आज परिस्थितिवश हम अपने घरों में कैद हैं ऐसे में शिक्षा  तथा सामाजिक व्यवस्था के लिए मोबाइल ही एकमात्र साधन के रूप में प्रयुक्त हो रहा है इसलिए हमे खुद यह समझना पड़ेगा कि हमें इस सुविधा का सदुपयोग करना है या दुरुपयोग।

मैं अपने लेख के माध्यम से अपने सभी दोस्तों को कहना चाहूँगा कि अति किसी भी चीज़ की नुकसान देती है । इसलिए हमें समय के महत्व को ध्यान में रखते हुए मोबाइल का आवश्यकता अनुसार प्रयोग करना चाहिए । मोबाइल हमारी ज़िंदगी को तभी सुधार सकता है जब हम उसका सदुपयोग करें ।