हम सभी ने भूकंप (earthquake) , टोर्नेडो (tornado) और बाढ़ (flood) जैसी प्राकृतिक विपत्तियों / डिसास्टर्स के बारे में सुना है। लेकिन कुछ ऐसी प्राकृतिक विपत्तियों हैं, जिनके बारे में लोगों को बहुत ज़्यादा जानकारी नहीं है। ऐसिड / अम्लीय वर्षा ऐसी ही एक प्राकृतिक डिजास्टर है, जो पर्यावरण को नष्ट करता है। हालाँकि यह वर्षा आखिरी बार अमेरिका में १९९० में हुआ था, यह एक गंभीर पर्यावरणीय समस्या है।

जब वर्षा के पानी में अमलों / ऐसिड की मात्रा ज़्यादा हो जाती है, तो उस वर्षा को अम्लीय / ऐसिड वर्षा कहा जाता है। इसका कारण यह है कि CO2 (कार्बन डाय ऑक्साईड) जो पॄथ्वी के वायुमंडल (atmosphere) में प्राकृतिक रूप में मौजूद है, जल के साथ मिलकर कार्बोनिक एसिड (carbonic acid) बनाता है।

अम्लवर्षा में अम्ल दो प्रकार के वायु प्रदूषणों से आते हैं, सल्फर डॉय ऑक्साइड (SO2) व नाइट्रोजन ऑक्साइड (NO) । यह दो प्रदुषण मुख्य रूप से खारखाने से निकलती धुँवा, कार, बस और अन्य गाड़ियों से निकलते गैस से बनता है और वायु को ख़राब, प्रदूषित कर वायुमंडल में मिल जाता है।

यही गैसें वायुमंडल से रसायनिक क्रिया (chemical reaction) करके सल्फेट (sulphate) तथा सल्फ्यूरिक अम्ल (sulphuric acid) बनते हैं और यह अम्ल / ऐसिड के साथ वर्षा के रूप में धरती पर पहुँचती है। इसे अम्ल / ऐसिड वर्षा कहते हैं।

अम्लीय / ऐसिड वर्षा, प्राकॄतिक रूप से ही अम्लीय (acidic) होती है। शुद्ध जल का Ph स्तर ५.५ से ५.७ के बीच होता है। अम्लीय / ऐसिड वर्षा जिसकी पीएच स्तर ५.५ से कम होती है। यदि जल का पीएच मान ४ से कम होता है तो यह जल, जीव प्राणियों के लिए हानिकारक है।

ऐसिड वर्षा क्या नुकसान करती है?

प्राकृतिक पर्यावरण को नष्ट करने में अम्लीय / ऐसिड वर्षा एक प्रमुख कारण है। यह वर्षा सभी देशों में, खासकर विकसित देशों में जहाँ कार, खरखाने इत्यादि ज़्यादा है, एक गंभीर पर्यावरणीय समस्या बनी हुई है।

अम्लीय / ऐसिड वर्षा के केमिकल्स गैसीय रूप में होते हैं, जिन्हें हवा तथा बादल दूर तक फैला देते हैं। इस कारण प्रदुषण एक जगह हो तो अमलीय / ऐसिड वर्षा किसी और जगह भी हो सकती है। कहा जाता है कि ब्रिटेन और जर्मनी में स्थित कारखानों से निकली सल्फर डाइ ऑक्साइड (SO2) और नाइट्रस ऑक्साइड (NO) के कारण नार्वे(Norway), स्वीडन(Sweden) तथा फिनलैण्ड(Finland) में अम्लीय / ऐसिड वर्षा होती है, जिसके कारण इन देशों की जल जीवन मर गए और ख़तम हो चुके हैं। इसके आलावा एसिड वर्षा के कारण खेंतो और पेड़-पौधों नष्ट हो जाते हैं। जर्मनी व पश्चिम यूरोप के जंगलो का नष्ट भी इन एसिड वर्षा के कारण हुआ है। ज़मीन की मिटटी, यह एसिड के कारण उपजाऊ नहीं कर सकते हैं।

हम तक्या कर सकते हैं?

हम सभ को ऐसे प्रदुषण संकट को पर्यावरण से बचाने  के लिए, सबसे पहले, प्रदूषित गैसें और प्रदूषित चीज़ों का उपयोग बंद करना होगा। सभी देशों को, खासकर प्रगतिशील देशों को ऐसे प्रदुषण उत्पन्न करने वाले प्रदार्थों को बैन घोषित करना होगा। अम्लीय/ एसिड वर्षा ने पर्यावरण को संकट में डाल दिया है। यह समस्या अभी विकसित देशों में तबाही मचा रही है, लेकिन वह दिन दूर नहीं, जब यह पूरी दुनिया में फैल जायेगा।