कक्षा 5 के छात्र द्वारा लिखित

क्या आपने ग्रीनपीस नामक एक एनजीओ (गैर-सरकारी संस्था) के बारे में सुना है ? यह वही एनजीओ है जो यह सुनिश्चित करती है कि हमारी प्रकृति को नुकसान न पहुंचे । यह एनजीओ और क्या करता है, आगे पढ़ते हैं ।

ग्रीनपीस की स्थापना 1971 में इरविंग स्टोव और डोरोथी स्टोव, दो कनाडाई और अमेरिकी पर्यावरण कार्यकर्ताओं द्वारा की गई थी । इसका लक्ष्य दुनिया भर में मौजूद समस्याओं पर ध्यान करना है जैसे कि मौसम में बदलाव, जंगलों की कटाई, ज़्यादा मछलियों को पकड़ना, व्हेल का शिकार करना व्यावसायिक कार्यों के लिए, जैनैटिक इंजीनियरिंग और परमाणु-विरोधी मुद्दे । यह एनजीओ शांति चाहता है और पर्यावरण पर ध्यान केंद्रित करता है । यह महत्वपूर्ण चीजों को नष्ट करने के लिए जुर्माना भी लेता है और सज़ा भी देता है जैसे जब नाजका लाइन को नुकसान पहुंचाया गया तो इसने सख्त कारवाई की थी । ग्रीनपीस 51 साल पुराना है । पहले इसे ‘Don’t Make a Wave Committee’ के नाम से जाना जाता था । इसका मुख्यालय एम्स्टर्डैम, नीथरलैंड में है जिसमें 2400 कर्मचारी और 15,000 स्वयंसेवक काम करते हैं ।

पूरे विश्व में ग्रीनपीस के बहुत सारे कार्यालय हैं, भारत में यह बैंग्लोर में स्थित है ।