कक्षा 6 की छात्रा द्वारा लिखित

पिछले साल ऑस्ट्रेलिया और अमेज़ॅन वर्षावनों के जंगलों में आग लगी थी । अब इस बार रूस के जंगलों में आग लग गई है । अब तक ग्रीस देश से भी बड़ा क्षेत्र आग में जल चुका है..

हमारा गृह दिन पर दिन गरम होता जा रहा है ।

पिछले साल ऑस्ट्रेलिया और अमेज़ॅन वर्षावनों के जंगलों में आग लगी थी । अब इस बार रूस के जंगलों में आग लग गई है । अब तक ग्रीस देश से भी बड़ा क्षेत्र आग में जल चुका है ।

ग्रीनपीस रूस ने कहा है कि पूरे साइबेरिया में जनवरी से अब तक लगभग 47 मिलियन एकड़ जंगल और खेत जल चुके हैं (ग्रीनपीस के बारे में यहाँ पढ़ें)। ग्रीनपीस का कहना है कि रूसी सरकार इस भीषण गर्मी के दौरान आग को रोकने के लिए ज़्यादा कुछ कर भी नही रहे हैं ।

आग हर साल लगती है लेकिन पिछले दिनों रिकॉर्ड तोड़ गर्मी ने नुकसान को और बदतर बना दिया है।

सिबेरिया कहाँ है ?

साइबेरिया रूस में एक बड़ा क्षेत्र है और दुनिया के सबसे ठंडे स्थानों में से एक है । पूर्वी साइबेरिया के याकूतस्क शहर को दुनिया का सबसे ठंडा शहर कहा जाता है ।

इतनी ठंडी जगह पर गर्मी कैसे पड़ सकती है ?

विशेषज्ञों का कहना है कि ये गरम हवाएँ और आग मौसम में होने वाले बदलाव के कारण हो रही हैं, जो मनुष्य द्वारा ही किया गया है । वेर्खोयांस्क शहर में तापमान 38C तक पहुँच गया – पूरे आर्कटिक क्षेत्र का अब तक का रिकॉर्ड तोड़ तापमान ।

इन गरम लहरों पर अध्ययन करने से यह पता चला कि यह जो छ्ह महीने की गर्मी सिबेरिया में देखी गई है वह शायद “पूरे जीवन काल में एक बार होने वाली घटना है” – जिसका हर 130 वर्षों में होने की उम्मीद है ।

जल्द ही इस मौसम के बदलाव के लिए हमे कुछ करना चाहिए वरना विशेषज्ञों का मानना है कि आर्कटिक क्षेत्रों में यह गर्मी बढ़ती रहेगी ।