साल 1998 में भारत सरकार के द्वारा “किसान क्रेडिट कार्ड” की शुरुआत की गई थी| इसका मुख्य उद्देश्य गरीब किसानों को समय-समय पर आर्थिक मदद पहुंचाना है| जिससे कि वह अच्छे से अपनी खेती और अन्य जरूरतों को पूरा कर सकें| इस योजना के अंतर्गत जरूरतमंद किसानों को ₹50000 से ₹300000 तक का कर्ज दिया जाता है| जिसका व्याज दर काफी कम होता है, जिसकी वजह से किसान आसानी से कर्ज ले सकते हैं|

किसान क्रेडिट कार्ड के लाभ:—-

  • इसके द्वारा किसान खेती से जुड़ी सभी जरूरत की सामग्री खरीद सकता है और बाद में अपने फसल को बेचकर अपने कर्ज का भुगतान भी कर सकता है|
  • किसान क्रेडिट कार्ड का सबसे बड़ा लाभ यह है कि जरूरतमंद लोगों को बिना किसी कॉलेटरल सिक्योरिटी के कर्ज मिल जाता है|
  • बिना जमीन या खेत को गिरवी रखे इसमें ₹160000 तक का लोन काफी कम ब्याज दर पर आसानी से मिल जाता है|
  • यदि कर्जदार( किसान) के द्वारा कर्ज समय से पहले चुका दिया जाता है तो उन्हें 3% तक की छूट भी मिल जाती है|
  • अगर किसी भी प्राकृतिक आपदा जैसे- बाढ़, सूखा पड़ जाना आदि की वजह से फसल खराब हो जाती है, तो इसमें फसल का बीमा कवर( भरपाई)भी मिलता है|

किसान क्रेडिट कार्ड(KCC) के लिए कौन आवेदन कर सकते हैं?

किसान क्रेडिट कार्ड(KCC) की सुविधा केवल उन्हीं लोगों को दिया जाता है, जो कृषि संबंधित गतिविधियों से जुड़े हुए हैं| इसका लाभ लेने के लिए कुछ नियम हैं जैसे—-

  • कम से कम आयु- 18 साल|
  • अधिकतम आयु- 75 साल|
  • यदि किसान की 60 साल से अधिक आयु है, तो एक सह- आवेदक( अन्य व्यक्ति) जिसकी उम्र 60 साल से कम है होना अनिवार्य है|

आवेदन करने के लिए आवश्यक दस्तावेज—-

किसान क्रेडिट कार्ड के आवेदन करने के लिए कुछ आवश्यक दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है| जैसे—-

  • भरा हुआ आवेदन फॉर्म|
  • पहचान प्रमाण पत्र जैसे– मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट,आधार कार्ड, पैन कार्ड आदि|
  • ऐड्रेस प्रूफ|
  • जमीन के दस्तावेज|