अभिषेक झा द्वारा लिखित – कक्षा 12 का छात्र

इब्राहिम अल्काज़ी एक सुप्रसिद्ध भारतीय थिएटर के निर्देशक होने के साथ-साथ एक मशहूर नाटक शिक्षक भी थे|उनका जन्म 18,अक्टूबर 1925 को पुणे, महाराष्ट्र में हुआ था| उन्होंने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय यानी (एनएसडी) में काफी लंबे वक्त तक निर्देशक के पद पर काम किया था| वह अपने सख्त अनुशासन की वजह से जाने जाते थे|उनको नाटक और कला के बारे में खूब जानकारी थी इसलिए उन्हें एक प्रसिद्ध कला पारखी(कला को परखने वाला) की भी कहा जाता था|साल 1962 में उन्हें संगीत नाटक अकादमी, भारत की राष्ट्रीय अकादमी, नृत्य और नाटक के द्वारा दो बार सम्मानित भी किया गया था|साल 1977 में उन्होंने अपनी पत्नी ‘रोशनी अलकाज़ी’ के साथ मिलकर दिल्ली के त्रिवेणी कला संगम में आर्ट हेरिटेज गैलरी की शुरुआत भी की थी|

उन्होंने साल 1953 में धर्मवीर भारती के ‘अंधायुग’, साल 1998 में मोहन राकेश के ‘अषाढ़ का एक दिन’ और साल 1964 में गिरीश कर्नाड के ‘तुगलक’ जैसे सुप्रसिद्ध नाटकों का निर्माण भी किया था| जिसमें से साल 1964 में प्रकाशित हुई गिरीश कर्नाड के ‘तुगलक’ को उनके सभी नाटकों में से सबसे ज्यादा पसंद किया गया|उन्होंने अनेक कलाकारों को अभिनय(नाटक) की बारीकियां सिखाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था|जिनमें से बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता नसीरुद्दीन शाह, ओम पुरी जैसे अन्य सुप्रसिद्ध कलाकार शामिल थे|

इब्राहिम अल्काज़ी को उनके कार्य के लिए अनेक पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया था|जैसे—

  • साल 2004 में हबीब तनवीर पुरस्कार|
  • साल 1966 में पदमश्री|
  • साल 1991 में पद्मभूषण|
  • और संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप| जैसे अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था|

लेकिन बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि कल मंगलवार, 4,अगस्त 2020 को 94 साल की उम्र में इब्राहिम अल्काज़ी का दिल का दौरा पड़ने की वजह से मृत्यु हो गई|