कक्षा 6 के छात्र द्वारा लिखित

आकाशगंगा महान सितारों, ग्रहों और कई और आकाशीय पिंडों (celestial bodies) से भरी है । और यह सब एक दूसरे से बहुत दूर हैं । ऐसा न होता तो हमारा ब्रह्मांड एक भीड़ भाड़ वाला पार्किंग स्थल होता । कभी कभी ये आपस में टकरा भी जाते हैं ।

धूमकेतु क्या होते हैं ?

धूमकेतु धूल और बर्फ के छोटे संग्रह होते हैं जो सूरज के आसपास चक्कर लगाते हैं । ऐसा माना जाता है कि यह सौर मंडल के बनते समय बच गए थे । धूमकेतु जब सूरज के पास से गुज़रता है तो उसकी गरमाहट से उसमें से गैस निकलती है – इसे आउटगैसिंग कहते हैं । इससे एक बहुत बड़ा वातावरण पैदा होता है और कभी कभी एक पूंछ भी बन जाती है ।

Neowise धूमकेतु क्या है?

23 जुलाई को धूमकेतु C/2020 F3, जो neowise नाम से जाना जाता है, पृथ्वी के बहुत करीब आ गया था । यह धूमकेतु एक लंबी अवधि वाला धूमकेतु है जिसका मतलब है कि इसे सूरज की एक बार परिक्रमा करने में 200 साल से ज़्यादा लगते हैं ।

दो ज्योतिषीयों (आकाशीय पिंडों की तस्वीर खींचने की कला) ने केरल की राजधानी त्रिवेंद्रम से इसकी काफी तस्वीरें खींचीं ।

Neowise की खोज एक टीम ने की थी जिसका नाम Neowise था और हेल-बोप धूमकेतु के बाद यह सबसे चमकीला धूमकेतु है उत्तरी गोलार्ध में । यह पहली बार 31 मार्च को एक दूरबीन से देखा गया था और 1 अप्रैल को टीम के नाम पर इसका नाम रखा गया । यह 3 जुलाई को सूरज के सबसे पास था, जिसकी दूरी 43 लाख किलोमीटर थी (जो एक तरह की टी-बोन जैसी दुर्घटना थी) और यह 103 लाख किलोमीटर की दूरी के साथ पृथ्वी के सबसे करीब था ।

धूमकेतु के पथ से लगा कि वह धरती से दूर जा रहा था, और खगोल वैज्ञानिकों को यह भी पक्का नहीं था कि वो वापिस आएगा या नहीं । कुछ का कहना है कि यह वापिस आएगा लेकिन वो 6800 सालों बाद होगा ।

उस दुनिया में बहुत से चमत्कार हैं, और हमारे ज्ञान की सीमा केवल एक मीटर तक ही सीमित होगी शायद । अरे मंगल, आपका क्या विचार है, बाहर निकालना है?