गीतांजलि द्वारा लिखित,18 साल का छात्र

रूस और यूक्रेन के बीच वर्षों से चल रहे विवाद में 2022 में फिर से चिगांरी भड़क गई है। इस बार इस विवाद ने युद्ध की विभीषिका का रूप ले लिया है। 21 फरवरी 2022 को रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन के दो अलगाववादियों एवं विद्रोहियों के कब्जे वाले शहरों को अलग देशों के रूप में मान्यता दिया हैं और अलगाववादी नेताओं के साथ मित्रता और सहायता के लिए विभिन्न समझौते पर हस्ताक्षर किया हैं। संपूर्ण विश्व को लगा कि स्थिति शांत हो जाएगी परंतु ऐसा नहीं हुआ। लंबे समय के तनाव के बाद आखिर 24 फरवरी 2022 गुरुवार को रूस की सेना ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की आज्ञा को मानते हुए यूक्रेन पर पूर्ण रूप से आक्रमण कर दिया एवं औपचारिक रूप से युद्ध की घोषणा की। रूस ने वायु सेना, जल सेना,थल सेना तीनों को ही युद्ध में उतार दिया है। यूक्रेन की सेना अकेली पड़ गई है परंतु अपने बचाव के लिए तीनों ओर लड़ती नजर आ रही है। रूस ने यूक्रेन के विभिन्न स्थानों पर बमबारी शुरू कर दीजिसके कारण यूक्रेन की राजधानी कीव में कर्फ्यू लगा दिया गया है।

युद्ध के नकारात्मक परिणाम

रूस के इस हमले से यूक्रेन के आर्थिक,समाजिक,राजनीतिक, सैनिक क्षेत्र एवं मानव संसाधन को भारी नुकसान झेलना पड़ा है:-

  1. आर्थिक प्रभाव

रूस के आक्रमण के कारण यूक्रेन के कई बिल्डिंग एवं सड़कें ध्वस्त हो गई हैं। जिसके कारण यूक्रेन में व्यापार एवं सेवाओं का आवागमन रूक गया है जिससे महंगाई एवं आर्थिक सकंट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। इस युद्ध में बहुत अधिक धन भी खर्च हो चुका है जिसका उपयोग यूक्रेन द्वारा अपने विकास पर किया जा सकता था। वहां के अधिकतर आधारभूत ढांचा ध्वस्त हो गए हैं जिसके मरम्मत के लिए भी बहुत अधिक धन की आवश्यकता है।

  • सामाजिक प्रभाव

 युद्ध के कारण अशांति उत्पन्न हुई है जिस कारण नागरिकों में तनाव और अवसाद बढ़ता जा रहा है। संपूर्ण देश में अराजकता फैल रही है। यूक्रेन के लूहान्सक एवं डोनेस्टक के अलगाव के कारण अलगाववाद का भी सामना कर रहा है। बमबारी के कारण लोगों में डर फैला हुआ हैं और सभी शहर छोड़ने के लिए बेचैन हैं। इस प्रकार यूक्रेन के समाज में विवाद,तबाही, तनाव,असुरक्षा एवं अराजकता देखने को मिल रहा है और मानवाधिकार एवं मानवीय मूल्यों को भी हानि हो रही है।

  • राजनीतिक प्रभाव

हम सभी जानते हैं विभिन्न आर्थिक,सामाजिक,राजनीतिक पहलू एक दूसरे से आपस में जुड़े होते हैं और आर्थिक सकंट एवं सामाजिक अस्थिरता का प्रभाव राजनीतिक पर भी पड़ता है। सरकार नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में असफल हो रही है।उनके सारे प्रशासनिक कार्य रूक गए हैं। इस युद्ध के कारण यूक्रेन में लोकतांत्रिक सरकार खतरे में है एवं सैनिक शासन स्थापित होने की संभावना है।

  • सैनिक प्रभाव

रूस की शक्तिशाली एवं विशाल सेना के सामने यूक्रेन की सेना टिक नहीं पा रही है। रूस द्वारा किए गए अटैक में बड़ी संख्या में यूक्रेन के सैनिकों एवं सुरक्षा हथियारों को क्षति हुई है।सेना की कमी के कारण यूक्रेन के रक्षा मंत्री ने नागरिकों से युद्ध में भाग लेने के लिए आह्वान किया है।रूस ने बयान जारी किया कि उन्होंने यूक्रेन के 50 से अधिक सैनिक स्थलों पर हमला कर दिया है।किसी भी देश ने यूक्रेन का साथ नहीं दिया है परंतु यूक्रेन ने हार न मानने और अंत तक लड़ने की बात कही है।

5)मानव संसाधन पर प्रभाव

इस युद्ध के कारण यूक्रेन के मानव संसाधन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। बड़ी संख्या में लोगों की जानें गई हैं। भारी संख्या में लोग देश छोड़ने की कोशिश कर रहे हैं जिससे चारों ओर हलचल और भगदड़ मचा हुआ है। बड़ी मात्रा में  नरसंहार, खून खराबा तथा मानवीय मूल्यों का हनन हो रहा है।भारतीय विद्यार्थियों ने भी भारत सरकार से देश वापस आने के लिए मदद की गुहार लगाई है।

निष्कर्ष

इस युद्ध से यूक्रेन पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है एवं रूस को भी हानि हो रही है। इस युद्ध के कारण सम्पूर्ण विश्व नकारात्मक रूप से प्रभावित हुआ है। अतः इस युद्ध को समाप्त करने के लिए शांतिपूर्ण बातचीत बहुत आवश्यक है।

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