अभिषेक झा द्वारा लिखित – कक्षा 12 का छात्र

नाबार्ड(NABARD) एक सर्वोच्च बैंक है|जिसका पूरा नाम राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक यानी(NATIONAL BANK For AGRICULTURE &RURAL DEVELOPMENT) है|यह बैंक महाराष्ट्र के मुंबई में स्थित है|आपको बता दें कि नाबार्ड के कुल 28 क्षेत्रीय कार्यालय हैं, जो कि पूरे देशभर में मौजूद हैं| जिसके द्वारा यह अपने सभी कार्यों को बिना किसी रूकावट के शीघ्र से शीघ्र करते हैं|साथ ही आपको बता दें कि किसान क्रेडिट कार्ड(KCC) नाबार्ड के द्वारा ही डिजाइन किया गया है|जिससे बहुत सारे किसानों को लाभ पहुंचा है और अभी भी पहुंचाया जा रहा है|KCC की मदद से किसान बड़ी आसानी से बैंक से लोन ले सकते हैं और अपनी जरूरतों को पूरा कर सकते हैं|अभी वर्तमान समय में नाबार्ड के अध्यक्ष- डॉ हर्ष कुमार भानवाला जी है|

NABARD(नाबार्ड) के मुख्य उद्देश्य:—

  • ग्रामीण क्षेत्रों का विकास करना और कृषि के लिए पुनर्वित्त(Financial services) को उपलब्ध करवाना है|
  • यह छोटे उद्योगों को आवश्यकता अनुसार वित्त(धन/ राशि) उपलब्ध करवाता है|ताकि वह अच्छे से अपने काम को कर सके और अधिक से अधिक मुनाफा कमा सके|
  • साथ ही यह कृषि, ग्रामीण उद्योगों में अनुसंधान एवं विकास करने में मदद करता है|
  • यह कृषि गतिविधियों को बढ़ावा देते हुए लघु और लघु सिंचाई में भी सुधार करता है|
  • इसके साथ ही नाबार्ड अपनी पूंजी में योगदान देकर कृषि उत्पादन में शामिल विभिन्न संगठनों को बढ़ावा देने में भी सहायता करता है|

NABARD(नाबार्ड) के प्रमुख कार्य:—-

  • आपको बता दें कि नाबार्ड वाणिज्यिक बैंकों, राज्य सहकारी बैंकों, केंद्रीय सहकारी बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंको और भूमि विकास बैंको को फाइनेंशियल सर्विसेज प्रदान करता है|
  • यह वाणिज्यिक बैंकों को उधार देकर कृषि, लघु(छोटे) उद्योगों और अन्य गांव और कुटीर उद्योगों को पुनर्वित्त(finance) उपलब्ध करवाता है|
  • यह बैंक कृषि ऋण के संबंध में केंद्र सरकार और RBI की नीतियों को लागू भी करता है|
  • ग्रामीण बेरोजगारी को कम करने के उद्देश्य से यह गैर कृषि क्षेत्रों, गैर-फॉर्म गतिविधियों के साथ-साथ गैर-कृषि क्षेत्रों में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए भी वित्त(धन/ राशि) प्रदान करता है|
  • यह दोनों राज्य सहकारी बैंकों एवं भूमि विकास बैंकों को ऋण प्रदान करके राज्यों में सहकारी गतिविधियों को ताकतवर बनाने में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है|
  • और यह राज्य सरकार की प्रायोजित सिंचाई परियोजनाओं को वित्त पोषित यानी(फाइनेंस देकर के) लघु सिंचाई परियोजनाओं को बढ़ावा देने में भी सहायता करता है|
  • सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि नाबार्ड सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के निरीक्षण(देखभाल) का कार्य भी कर रहा है|
  • साथ ही अब नाबार्ड ने अपनी शाखाएं सभी जिला मुख्यालयों में खोल दी हैं, जिसके द्वारा यह जिला अधिकारियों के साथ जिला विकास कार्यक्रमों का निरीक्षण और विकास से जुड़े हुए फैसलों का कार्य भी कर रहा है|
  • इसके साथ ही यह वाणिज्यिक बैंकों की वार्षिक क्रेडिट योजना में भी सहायता करता है और जिला स्तर पर वाणिज्यिक और सहकारी बैंकों की गतिविधियों का तालमेल भी बनाए रखता है|
  • साथ ही अब यह प्राकृतिक आपदाओं(जैसे कि सूखा पड़ जाना, फसल का खराब हो जाना और बाढ़ आदि) के आने पर वाणिज्यिक बैंकों और सहकारी बैंकों को फाइनेंसियल लाभ पहुंचाने में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है|

इस तरह से यह बैंक कृषि संबंधित और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए अल्पकालिक(3 महीने से 15 दिन के लिए), मध्यम अवधि(1 साल से 5 साल के लिए) और दीर्घकालिक (5 साल से 20 साल के लिए) ऋण भी उपलब्ध करवा रहा है|आपको बता दें कि नाबार्ड की स्थापना होने के बाद से, वाणिज्यिक एवं सहकारी बैंकों के माध्यम से कृषि ऋण के वितरण में काफी बढ़ोतरी हुई है|साथ ही नाबार्ड ने ग्रामीण स्तर पर बैंकों के काम को मजबूत करने में भी सहायता की है| इस प्रकार से हम देखते हैं कि नाबार्ड ने ना केवल ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में ही बल्कि कृषि संबंधित गतिविधियों के लिए फाइनेंशियल मदद पहुंचाने में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है|