शुक्र गृह – जीवन के लिए नई उम्मीद की किरण

पिछले कई समय से वैज्ञानिक अन्य ग्रहों व चंद्रमा पर जीवन की खोज के लिए विभिन्न घटकों को ढूंढने का प्रयास करते आ रहे हैं । कुछ समय पहले इसी खोज में मंगल गृह पर भी यान भेजा गया था। इसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए शुक्र गृह पर भी जीवन की उपस्थिति के संकेत मिले हैं। हाल ही में ‘नेचर एस्ट्रॉनॉमी’ में प्रकाशित एक लेख में वैज्ञानिकों ने शुक्र गृह के वातावरण में फॉस्फीन गैस के अंश मिलने की सूचना दी। वास्तव में यह खोज 2017 में की गई थी।

कैलिफोर्निया के आसमान का रंग नारंगी क्यूँ है?

अमेरिका के कैलिफोर्निया के जंगलों में पिछले कुछ दिनो से अधिक भीषण आग लगी हुई थी । चारों और हाहकार मचा हुआ था जिसके कारण कई लोगों की मौत भी हुई और हजारों लोगों को अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। इसी के कारण आकाश का रंग भी नीले की जगह नारंगी हो गया । इसे देख कर ऐसा लगा कि मानो यह एक मंगल गृह हो। आजकल इस खबर की चर्चा सोशल मीडिया में आम है।

एक अनोखी पहल : जैन बर्ड हॉस्पिटल

ईश्वर ने एक बहुत ही सुन्दर संसार का निर्माण किया है। इसमें रह-रहे जीव-जन्तु इसकी शोभा बढ़ाते हैं। पक्षी एक मूक प्राणी है, वे अपना दुख और दर्द हमें नही बता सकते हैं। इसलिए हमें ही उनका खास ख्याल रखना होता है।

फ्लेमिंगो का आगमन – मुंबई में फ़ैली गुलाबी रंग की लहर

मुंबई के मेट्रोपोलिटन इलाक़े में हज़ारों की संख्या में फ्लेमिंगो (राजहंस) पक्षी इकट्ठे हुए हैं। ये प्रवासी पक्षी हर साल सर्दियों के मौसम में ईरान से यहां आते हैं। पिछले कुछ सालों से इनके आने की संख्या में कमी आ रही थी। लेकिन इस बार पिछले साल से 25 प्रतिशत अधिक फ्लेमिंगो का आगमन हुआ है। इस बार करीब 1.5 लाख फ्लेमिंगो को मुंबई में देखा गया है।

डॉ.वर्गीज कुरियन कौन थे?

डॉ. वर्गीज कुरियन एक सुप्रसिद्ध भारतीय सामाजिक कार्यकर्ता व उद्यमी थे.उनका जन्म 26 नवंबर,1921 को कोझीकोड,केरल में हुआ था.उनके पिता केरल के कोचीन में एक सिविल सर्जन थे.उन्होंने साल 1940 में चेन्नई के लोयला कॉलेज से भौतिक विज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की और फिर उसके बाद उन्होंने चेन्नई के ही जीसी इंजीनियरिंग कॉलेज से इंजीनियरिंग की डिग्री भी हासिल की.इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद डॉ वर्गीज कुरियन ने कुछ समय तक जमशेदपुर के टिस्कों में काम किया.साथ ही आपको बता दें की साल 1965 से साल 1998 तक वह(डॉ वर्गीज कुरियन) राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के संस्थापक अध्यक्ष भी बने रहे.उनको भारतीय श्वेत क्रांति का जनक और मिल्क मैन ऑफ इंडिया के नाम से भी जाना जाता है,क्योंकि उन्होंने ना केवल भारत को विश्व के सबसे बड़े दूध उत्पादक के रूप में उभरने का मौका दिया बल्कि उन्होंने भारत को विश्व के सबसे बड़े दूध उत्पादक का केंद्र बनाने में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया.

मायानगरी मुंबई का दयनीय चेहरा: धारावी झुग्गी बस्ती

मुंबई एक सम्पन्न तथा विकसित महानगर है, इसे मायानगरी मुंबई के नाम से भी जाना जाता है । यहाँ बड़ी- बड़ी इमारतें, उन्नत परिवर्तन तथा सामाजिक - आर्थिक सुविधाएँ उपलब्ध हैं। इन्ही सुविधाओं से आकर्षित होकर बड़ी संख्या में लोग मुंबई आते हैं परन्तु मुंबई नगरी का एक दयनीय तथा दर्दनाक चेहरा, धारावी झुग्गी बस्ती में देखने को मिलता है। जहां लोग मूलभूत सुविधाओं के बिना ही जीवन जीते हैं। धारावी झुग्गी बस्ती एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती है। इस बस्ती की निम्नलिखित विशेताएँ हैं

विलुप्त होती प्रजाति और दुर्लभ कछुआ

संसार में कुछ जीवों का जीवन मात्र एक दिन का होता है, तो कुछ का तीन सौ वर्षों का होता है। सम्पूर्ण विश्व में कछुओं की 260 प्रजातियों में से भारत में 28 प्रजातियां पाई जाती हैं। हाल ही के दिनों में 19 जुलाई 2020 को ओडिशा के बालासोर जिले के सुजानपुर गाँव में रहने वाले किसान बासुदेव महापात्रा को अपने खेत में पीले रंग का एक दुर्लभ प्रजाति का कछुआ मिला। इस कछुए की उम्र डेढ़ से दो साल की बताई गई है। यह एक फ़्लैप शेल कछुआ था,जो कि मुख्यतः भारत,पाकिस्तान,नेपाल,

चैडविक बोसमैन कौन थे?

चैडविक बोसमैन हॉलीवुड की सुपरहिट फिल्म ब्लैक पैंथर के अभिनेता थे। 20 अगस्त, 2020 को 43 साल की उम्र में वो इस दुनिया से चल बसे। इस खबर को सुनकर उनके सारे प्रशंसक और दूसरे अभिनेता शोक में डूब गये।

भीकाजी कामा कौन थीं ?

देश की आज़ादी में किसी ने बलिदान दिया तो किसी ने योगदान। कुछ तो ऐसे हैं जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। उन्हीं में से एक है ‘भीकाजी कामा’, जिनका नाम इतिहास में पहली बार विदेश में झंडा फहराने वाली महिला के नाम से दर्ज है। उन्हें मैडम कामा के नाम से भी जाना जाता है।

रूथ बेडर गिंस्बर्ग कौन थी?

रूथ बेडर गिंस्बर्ग अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट की दूसरी महिला न्यायधीश थी। उनका जन्म 15 मार्च,1933 को ब्रुकलीन,न्यूयॉर्क में हुआ था। वह एक ऐसी महान शख्सियत थी, जिन्होंने केवल दूसरों के अधिकारों के लिए लड़ाइयाँ लड़ी। खासकर उन्होंने महिलाओं व अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए काफी संघर्ष किया, जिसमें उन्हें कामयाबी भी मिली।