अभिषेक झा द्वारा लिखित, कक्षा 12 का छात्र

रूथ बेडर गिंस्बर्ग अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट की दूसरी महिला न्यायधीश थी। उनका जन्म 15 मार्च,1933 को ब्रुकलीन,न्यूयॉर्क में हुआ था। वह एक ऐसी महान शख्सियत थी, जिन्होंने केवल दूसरों के अधिकारों के लिए लड़ाइयाँ लड़ी। खासकर उन्होंने महिलाओं व अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए काफी संघर्ष किया, जिसमें उन्हें कामयाबी भी मिली। रूथ बेडर गिंस्बर्ग को हमेशा से कोर्ट रूम में मुकदमे की तह तक पहुंचने व नियमों का ध्यानपूर्वक पालन करने के लिए जाना जाता था।

उनका संपूर्ण जीवन जरूरतमंद, गरीब और लाचार लोगों की सेवा करने में बीता। उनको अपने करियर के शुरुआती दौर में काफी संघर्ष करना पड़ा। साल 1961 से साल 1963 तक वह एक शोध सहयोगी और फिर आंतरिक प्रक्रिया पर कोलंबिया लॉ स्कूल प्रोजेक्ट के लिए एक सहयोगी निदेशक बनी रहीं। साथ ही उन्होंने स्वीडन में नागरिक प्रक्रिया पर एंडर्स ब्रुज़ेलियस के साथ एक पुस्तक के सह संस्थापक के लिए स्वीडिश भाषा भी सीखी। इसके साथ ही उन्होंने स्वीडन में लंड विश्वविद्यालय में अपनी पुस्तक के लिए विस्तृत शोध किया। उसी दौरान स्वीडन में हो रहे लैंगिक भेदभाव को देखकर वह काफी प्रभावित हुई। लैंगिक भेदभाव को दूर करने के लिए उन्होंने काफी संघर्ष किया, जिसमें उन्हें सफलता भी हासिल हुई। उनके द्वारा किए गए लैंगिक समानता के कार्यों की वजह से उन्हें खूब सराहा भी गया।

साल 1970 के दशक में उन्होंने अमेरिका में महिला अधिकार कानून रिपोर्टर की स्थापना की थी। जिसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों पर विशेष प्रकार से ध्यान केंद्रित करना था। इसके बाद उन्होंने साल 1972 में अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन (ACLU) में महिला अधिकार परियोजना की सह-स्थापना की और फिर साल 1973 में वह परियोजना की सामान्य वकील बन गई। उनके द्वारा चलाए गए महिला अधिकार परियोजना ने साल 1974 तक 300 से अधिक लिंग भेदभाव के मामलों में भाग लिया और उसमें काफी हद तक सफल भी हुए। साथ ही उन्होंने महिलाओं के अधिकारों के प्रति छह प्रमुख मामलों में अपने तर्क भी दिए, जिसमें से पांच मामलों में उनकी जीत हुई। इतना ही नहीं बल्कि उनके कार्यकाल के दौरान अदालत ने राज्यों को बौद्धिक रूप से अक्षम और हत्यारों को 18 साल से कम उम्र के लिए असंवैधानिक घोषित किया.

बहुत ही दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि शुक्रवार,18 सितंबर,2020 को रूथ बेडर गिंस्बर्ग का केवल 87 साल की उम्र में वाशिंगटन डीसी में निधन हो गया। बताया जा रहा है कि वह काफी लंबे समय से मेटास्टैटिक अग्नाशय कैंसर से पीड़ित थी, जिसकी वजह से उनकी मौत हुई।