मैगी : कैसे बना एक बहु-चर्चित ब्रांड?
आजकल की इस भागती दौड़ती जिंदगी में हम इतने फास्ट हो गए हैं कि, हम सभी अपने सारे काम दो मिनट में करना चाहते हैं नहाने से लेकर खाने तक।
आजकल की इस भागती दौड़ती जिंदगी में हम इतने फास्ट हो गए हैं कि, हम सभी अपने सारे काम दो मिनट में करना चाहते हैं नहाने से लेकर खाने तक।
श्रीनिवास रामानुजन एक महान गणितज्ञ थे| उनका पूरा नाम श्रीनिवास अयंगर रामानुजन था| उनका जन्म 22 दिसंबर,1887 ईस्वी में तमिलनाडु के कोयंबतूर जिले के इरोड नामक गांव में हुआ था|
कोरोना वैक्सीन का इंतजार हम सभी कर रहे थे। नए साल 2021 के अवसर पर सभी भारतीयों को भारतीय वैज्ञानिकों की तरफ से वैक्सीन का तोहफा मिला।
हम सभी इस बात से अवगत हैं कि चीन अपने फायदे के लिए किसी देश या किसी भी समुदाय का उपयोग करने से पीछे नहीं हटता। चीन ने कई बार बहुत से देशों को प्रताड़ित भी किया, भारत से भी चीन के रिश्ते कोई खास अच्छे नहीं है।
कुछ खगोलीय घटनाएँ सैंकड़ों वर्षों में एक बार होती है, जिन्हें शायद हम दोबारा नहीं देख सकते हैं। ऐसी ही एक घटना 21 दिसम्बर 2020 को हुई थी, जब बृहस्पति और शनि ग्रह लगभग 397 सालों के बाद बेहद नजदीक आए थे और पृथ्वी से एक तारे के रुप में दिख रहे थे।
हमारी पृथ्वी में अनेकों ऐसी चीज़े होती हैं जिन पर विश्वास तभी किया जा सकता है जब हम उन्हें अपनी आँखों से देख लें। चलिये आज पृथ्वी में होने वाली एक ऐसी ही अद्भुत चीज़ के बारे में जानते हैं। वो चीज़ है “ध्रुवीय ज्योति”। जी हाँ सही सुना आपने “ध्रुवीय ज्योति”।
सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central Vista Redevelopment Project) लुटियंस दिल्ली के सबसे बड़े और महत्वकांक्षी डेवलपमेंट प्रोजेक्ट में से एक है| इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक, नेशनल म्यूजियम, नेशनल आर्काइव्स के अलावा इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स (IGNCA), उद्योग भवन, बीकानेर हाउस, हैदराबाद हाउस के साथ निर्माण भवन और जवाहर भवन भी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का ही एक अहम हिस्सा है,
‘महाशय धर्मपाल गुलाटी’ एक विश्व विख्यात व्यवसायी होने के साथ-साथ एक समाजसेवी भी थे| उनका जन्म 27 मार्च,1923 को पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था| उनको अपने जीवन के शुरुआती दौड़ में काफी संघर्ष करना पड़ा| आपको बता दें की उन्होंने साल 1933 में अपनी पांचवी कक्षा की पढ़ाई पूरी करने से पहले ही स्कूल छोड़ दिया| उनके पिताजी (महाशय चुन्नी लाल गुलाटी) ने उन्हें पढ़ाने का खूब प्रयास किया लेकिन उन्होंने एक ना सुनी| जिसके बाद उनके पिता ने हार मानकर उनको बढ़ई के काम पर लगा दिया, परंतु उनका उस काम में बिल्कुल मन नहीं लगा और कुछ ही दिनों में उन्होंने उस काम को छोड़ दिया|
आर्मेनिया और अज़रबैजान में जो युद्घ हो रहा था, अब वह थम चुका है। इस युद्घ में सबसे ज्यादा नुकसान मानव समुदाय और मानवता को हुआ है। इस युद्घ में हज़ारों लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी और लाखों लोगों को अपने घरों से बेघर होना पड़ा और कई शहर तबाह हो गए। अब इन दोनों देशों के बीच शांति स्थापित हो गई है।
आज आजादी के 70 सालों के बाद भी भारतीय लोकतंत्र में महिलाओं की स्थिति संतोषजनक नहीं है। आधुनिकता के विस्तार के साथ-साथ देश में दिन-प्रतिदिन महिलाओं के प्रति अपराधों में तेजी से वृद्धि हुई है। आज के समय में भी महिलाएं कई सामाजिक, राजनितिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक समस्याओं को झेल रही है। भारतीय लोकतंत्र में महिलाओं की स्थिति लगातार दयनीय होती जा रही है।