अभिषेक झा द्वारा लिखित – कक्षा 12 का छात्र

जैसा कि हम सभी लोग जानते ही हैं कि बिहार में चुनाव का अलग ही अंदाज होता है| जिसमें सभी योग्य लोग बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं और अपने प्रतिद्वंदी को चुनते हैं| लेकिन इस बार कोरोना काल में बिहार चुनाव को लेकर के खास तैयारियां की गई थी| तो आइए जाने की इस बार कैसा रहा चुनाव और किन-किन बातों का रखा गया खास ध्यान| आपको बता दें कि इस बार बिहार चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था पर खूब जोर दिया गया| जिसमें 6 लाख पीपीई किट और 46 लाख मास्क का खासतौर पर उपयोग किया गया था| साथ ही कोरोना महामारी को देखते हुए बिहार सरकार की तरफ से 6 लाख फेस शिल्ड,23 लाख गलब्स और 47 लाख हैंड सेनीटाइजर की व्यवस्था भी की गई थी| सबसे अहम बात यह है कि इस बार मतदान के समय में भी बढ़ोतरी की गई| इस बार मतदान की प्रक्रिया को सुबह 7:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक रखा गया था|

आपको बता दें कि इस बार कुल 243 विधानसभा सीटों पर तीन चरण में मतदान किया गया| 28,अक्टूबर 2020 को पहले चरण में 16 जिलों की कुल 71 सीटों पर मतदान किया गया| जबकि 3,नवंबर 2020 को दूसरे चरण में 17 जिले की कुल 94 विधानसभा सीटों पर मतदान किए गए और अंतिम यानी 7,नवंबर 2020 को तीसरे चरण में कुल 78 विधानसभा सीटों पर चुनाव यानी मतदान किया गया|

आपको जानकर बेहद खुशी होगी कि एक बार फिर नीतीश सरकार ने बिहार में अपना परचम लहराया और काफी भारी बहुमत से बिहार विधानसभा चुनाव में विजय हुए| साथ ही आपको बता दें कि 16, नवंबर 2020 को नीतीश कुमार ने सातवीं बार सीएम पद की शपथ ली| पटना के राजभवन में राज्यपाल फागू चौहान ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई| सीएम नीतीश कुमार के साथ 14 अन्य मंत्रियों ने भी शपथ ली| आपको बता दें कि बीजेपी कोटे से 7, जेडीयू कोटे से 5 और एचएएम (हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा) एवं वीआईपी कोटे से एक-एक मंत्रियों ने शपथ ग्रहण किया| इसके अलावा राज्यपाल फागू चौहान ने तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी को भी उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई| इस तरह देखा जाए तो बीजेपी कोटे से दो नेताओं ने उपमुख्यमंत्री पद और पांच नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली|

सीएम नीतीश कुमार इससे पहले 6 बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले चुके हैं और एक बार फिर यानी 7वीं बार वह बिहार के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर चुने गए और काफी भारी बहुमत से जीते| सीएम नीतीश कुमार को पहली बार 3,मार्च 2000 को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना गया था लेकिन बहुमत ना मिल पाने के कारण उन्हें केवल 7 दिनों के भीतर में ही इस्तीफा देना पड़ा| परंतु साल 2005 में जब लालू प्रसाद यादव के 15 वर्ष से चले आ रहे एकाधिकार को समाप्त कर नीतीश कुमार ने एनडीए गठबंधन को बिहार विधानसभा चुनाव में जीत दिलवाई तब उन्हें ही बिहार का मुख्यमंत्री चुना गया| मुख्यमंत्री के तौर पर उनका तीसरा कार्यकाल 26, नवंबर 2010 से 20, मई 2014 तक चला| इसके तुरंत बाद जीतन राम मांझी ने सत्ता को संभाला और एक बार फिर 22, फरवरी 2015 को नीतीश कुमार ने चौथी बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली| इसका मतलब बिहार की 15 वीं विधानसभा में 3 बार सीएम पद की शपथ दिलाई गई, जिसमें पहले सीएम नीतीश कुमार को फिर जीतन राम मांझी को और फिर वापस से नीतीश कुमार को चुना गया| यानी सीएम नीतीश कुमार का चौथा कार्यकाल 22, फरवरी से 20, नवंबर 2015 तक चला| बिहार की 16वीं विधानसभा के चुनावों के बाद नीतीश कुमार ने पांचवीं बार सीएम पद की शपथ ली और उनका पांचवा कार्यकाल 20, नवंबर 2015 से लेकर 26, जुलाई 2017 तक चला| लेकिन उन्होंने 26 जुलाई 2017 को आरजेडी और कांग्रेस के साथ हुए गठबंधन को तोड़ दिया और बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया| परंतु उनके इस्तीफा देने के 24 घंटे बाद ही यानी 27, जुलाई 2017 को नीतीश कुमार ने बीजेपी और एनडीए के समर्थन से बिहार में 6वीं बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण किया|

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