गीतांजलि द्वारा लिखित, 19 साल की छात्रा

मानव सभ्यता का विकास नदियों के किनारे हुआ है तथा नदियों को माता के समान माना जाता है और पूजा भी जाता है परंतु आज के इस आधुनिक समय में बढ़ते औद्योगिक प्रदूषण और घरेलू कचरे के कारण हमारी नदियां बहुत प्रदूषित हो चुकी हैं। एक समय पर नदियों का पानी अमृत माना जाता था परंतु आज नदियों का पानी नाले के पानी में बदल गया है। ऐसे में हम सभी की जिम्मेदारी बनती है कि हम नदियों को संरक्षित और स्वच्छ बनाने में अपना योगदान दें तथा सरकार का सहयोग करें। सरकार भी नदियों की स्वच्छता का महत्व समझती है और नदियों को स्वच्छ और विकसित करने के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम लेकर आती रहती है। अभी कुछ समय से अर्थ गंगा परियोजना बहुत चर्चा में है।

आज हम गंगा नदी को स्वच्छ बनाने के लिए लाया गया कार्यक्रम अर्थ गंगा पर बातचीत करने वाले हैं क्योंकि अगर हम सरकार की योजनाओं को समझेंगे तभी तो उन्हें सहयोग कर पाएंगे।

अर्थ गंगा परियोजना की शुरुआत

अर्थ गंगा परियोजना, नमामि गंगे परियोजना को बदलकर उसके स्थान पर गंगा की स्वच्छता के लिए लाया गया है। भारत के प्रधानमंत्री मोदी जी 2019 में कानपुर गए जहां उन्होंने राष्ट्रीय गंगा परिषद की पहली बैठक में भाग लिया। उन्होंने वहां अधिकारियों से आग्रह किया कि नमामि गंगा परियोजना में कुछ परिवर्तन लाकर उसे अर्थ गंगा परियोजना में बदला जाए।

नमामि गंगा परियोजना केवल गंगा की स्वच्छता से संबंधित थी परंतु अर्थ गंगा परियोजना गंगा की स्वच्छता और सततपोषणीयता के साथ-साथ गंगा नदी के किनारे मूलभूत स्तर की आर्थिक क्रियाएं आरंभ करने पर भी ध्यान केंद्रित करती है।

परियोजना का उद्देश्य

हर एक परियोजना का कोई न कोई निश्चित उद्देश्य और लक्ष्य निर्धारित किया जाता है वैसे ही अर्थ गंगा परियोजना का भी उद्देश्य है। इस परियोजना का उद्देश्य गंगा नदी को भारतीय अर्थव्यवस्था से जोड़ना है।

इस परियोजना का निर्माण इस उद्देश्य के साथ किया गया था कि गंगा नदी बेसिन के आसपास कुछ ऐसे सतत पोषणीय क्रियाकलाप आरंभ कर दिए जाएँ जिससे भारत की जीडीपी अर्थात सकल घरेलू उत्पाद में गंगा नदी का लगभग 3% का योगदान मिल सके।

अर्थ गंगा परियोजना में सम्मिलित क्रियाकलाप

भारत सरकार ने अर्थ गंगा परियोजना को सफल बनाने के लिए इसमें छः चरण सम्मिलित किए हैं। इन छह चरणों के द्वारा गंगा नदी को भारतीय अर्थव्यवस्था से जोड़ा जाएगा तथा साथ में उसकी स्वच्छता और सततपोषणीयता पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा। हम एक-एक करके सभी चरणों के बारे में जानते हैं।

1. नदी के किनारे प्राकृतिक खेती

गंगा नदी के किनारे 10 किलोमीटर तक प्राकृतिक खेती आरंभ की जाएगी, जिसमें शून्य बजट प्राकृतिक खेती को महत्व दिया जा रहा है। गंगा नदी के आसपास के क्षेत्र में किसी प्रकार के रसायनिक उर्वरक के प्रयोग किए बिना केवल गोबर तथा प्राकृतिक खाद्य के माध्यम से खेती को बढ़ावा दिया जाएगा जिससे सतत पोषणीय विकास भी होगा तथा आर्थिक लाभ भी होगा।

यह गंगा नदी की स्वच्छता की दृष्टि से भी अच्छा कदम है क्योंकि रसायनिक खेती से बहुत से रसायनिक पदार्थ नदी में मिल जाते थे जिससे नदी का जल प्रदूषित हो जाता है।

2. नदी के अपशिष्ट जल का प्रयोग

इस परियोजना का दूसरा काम, नदी के आसपास के क्षेत्रों में पाए जाने वाले कीचड़ और अपशिष्ट जल का आसपास के शहरी क्षेत्रों में उद्योगों और अन्य कंपनियों में दोबारा प्रयोग करने को प्रेरित करना है।

3. स्थानीय उत्पादों की बिक्री

अर्थ गंगा कार्यक्रम के तीसरे स्तर पर स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए गंगा नदी के आसपास के क्षेत्रों के प्रसिद्ध स्थानीय उत्पाद, आयुर्वेदिक वस्तुएं तथा औषधीय पौधे आदि को बेचने की सुविधा दी गई है। छोटे छोटे हाट का निर्माण करके लोग उसमें अपनी दुकान खोल सकते हैं।

4. आपसी तालमेल में वृद्धि

चौथा सबसे महत्वपूर्ण क्रियाकलाप गंगा नदी के आसपास के क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के व्यापार करने वाले लोगों में तालमेल को बढ़ाना है ताकि आपसी टकराव को कम करके विकास किया जा सके।

5.सांस्कृतिक विरासत को मजबूत करना

नदियों के साथ उनकी सांस्कृतिक विरासत भी जुड़ी होती है इसीलिए गंगा नदी के आसपास विभिन्न प्रकार की गतिविधियां जैसे नाव चालन, पर्यटन, खेल प्रतियोगिताएं, योग अभ्यास आदि को बढ़ावा देकर सांस्कृतिक विरासत को मजबूत किया जाएगा।

6. जल प्रबंधन

सबसे अंतिम मॉडल जल प्रबंधन है। इसमें जल प्रबंधन के लिए स्थानीय प्रशासन को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

नमामि गंगे योजना के ऊपर बहुत अधिक खर्च किया जा चुका है परंतु उसके अपेक्षित परिणाम नहीं आए इसीलिए अब उसकी जगह अर्थ गंगा योजना लेने वाली है। आशा है इस योजना से अपेक्षित परिणाम आयें तथा यह गंगा नदी के संरक्षण मे महत्वपूर्ण कदम साबित हो।

आशा है आपको इस लेख को पढ़कर अर्थ गंगा कार्यक्रम के बारे में जानकारी प्राप्त होगी। हम इसी प्रकार से विभिन्न लेखों के माध्यम से सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में आपको जागरूक करते रहेंगे।

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