पेरिस जलवायु समझौता और अमेरिका

बढ़ते प्रदूषण के प्रभाव के कारण अब हमे ग्लोबल वार्मिंग में भी बदलाव दिखने लगा है। यह प्रदूषण सभी विकसित देशों की देन है जो कि विकासशील देशों पर अब भारी पड़ने लगा है। दिसंबर 2015 में 195 देश साथ आए और जलवायु के ऊपर समझौते पर हस्ताक्षर किए।

उत्तराखंड के चमोली जिले में क्या हुआ?

आपको जानकर बेहद दुख होगा कि रविवार 7 फरवरी, 2021 को उत्तराखंड के चमोली जिले में बहुत बड़ा हादसा हुआ। ये हादसा ग्लेशियर (Glacier) के टूटने की वजह से हुआ। ग्लेशियर के टूटने की वजह से चारों ओर तबाही ही तबाही मच गई। जिसकी वजह से बाढ़ जैसे माहौल भी उत्पन्न हो गए।

क्या होगा अब म्यांमार का भविष्य?

जब 1 फरवरी की सुबह म्यांमार के लोग जागे, तो वे सब हैरान रह गए क्योकिं उनके देश में रातों-रात सेना द्वारा तख्तापलट हो गया और 1 वर्ष के लिए देश में आपातकाल लगा दिया गया है। भारत समेत विश्व के अनेक दशों ने इस तख्तापलट का विरोध किया है।

जूलियन असांजे (Julian Assange) कौन है?

जूलियन असांजे विकीलीक्स (Wikileaks) के ‘संस्थापक’ व ‘जनक’ हैं। उनका पूरा नाम ‘जूलियन पॉल असांजे’ है। उनका जन्म 3 जुलाई, 1971 को ऑस्ट्रेलिया में हुआ था। विकिलीक्स पर काम करने से पहले जूलियन असांजे न केवल एक बेहतरीन कंप्यूटर प्रोग्रामर थे बल्कि एक मशहूर हैकर भी थे

वाट्सऐप (WhatsApp) की नई प्राईवेसी पॉलिसी पर बवाल क्यों?

जब स्पेस X कंपनी के मालिक एलन मस्क ने कुछ दिनों पहले ट्विटर पर ट्विट किया “Use Signal” तो अचानक से ही सिगनल मेसेजिंग ऐप के युजर्स की संख्या बढ़ गई। आइए जानते हैं, क्या है पुरा मामला।

उइग़ुर समुदाय -‘चीन के हाथों में एक कठपुतली’

हम सभी इस बात से अवगत हैं कि चीन अपने फायदे के लिए किसी देश या किसी भी समुदाय का उपयोग करने से पीछे नहीं हटता। चीन ने कई बार बहुत से देशों को प्रताड़ित भी किया, भारत से भी चीन के रिश्ते कोई खास अच्छे नहीं है।

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट क्या है?

सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central Vista Redevelopment Project) लुटियंस दिल्ली के सबसे बड़े और महत्वकांक्षी डेवलपमेंट प्रोजेक्ट में से एक है| इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक, नेशनल म्यूजियम, नेशनल आर्काइव्स के अलावा इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर आर्ट्स (IGNCA), उद्योग भवन, बीकानेर हाउस, हैदराबाद हाउस के साथ निर्माण भवन और जवाहर भवन भी सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का ही एक अहम हिस्सा है,

महाशय धर्मपाल गुलाटी कौन थे? जाने उनके बारे में।

‘महाशय धर्मपाल गुलाटी’ एक विश्व विख्यात व्यवसायी होने के साथ-साथ एक समाजसेवी भी थे| उनका जन्म 27 मार्च,1923 को पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था| उनको अपने जीवन के शुरुआती दौड़ में काफी संघर्ष करना पड़ा| आपको बता दें की उन्होंने साल 1933 में अपनी पांचवी कक्षा की पढ़ाई पूरी करने से पहले ही स्कूल छोड़ दिया| उनके पिताजी (महाशय चुन्नी लाल गुलाटी) ने उन्हें पढ़ाने का खूब प्रयास किया लेकिन उन्होंने एक ना सुनी| जिसके बाद उनके पिता ने हार मानकर उनको बढ़ई के काम पर लगा दिया, परंतु उनका उस काम में बिल्कुल मन नहीं लगा और कुछ ही दिनों में उन्होंने उस काम को छोड़ दिया|