अनू द्वारा लिखित, 22 साल की छात्रा

अंजू बॉबी जॉर्ज शायद हम सब इस नाम से परिचित नहीं हैं पर यह नाम हम सभी के लिए एक प्रेरणा दायक स्रोत है। अंजू का नाम चर्चा में तब आया जब उन्होने कोविड-19 लॉकडाउन के समय यह बात ज़ाहिर की कि उनका जन्म सिर्फ एक किडनी के साथ हुआ था। दरअसल अंजू बॉबी जॉर्ज एक भारतीय एथलीट है। उन्होने 2003 में पेरिस में विश्व एथ्लेटिक्स चैम्पियनशिप में लंबी कूद में कांस्य पदक जीत कर इतिहास रचा था। इस उपलब्धि के साथ वह पहली ऐसी भारतीय एथलीट बनीं जिसने विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 6.70 मीटर की छलांग लगाकर पदक जीता। उन्होने हाल ही में हुए अपने इंटरव्यू में बताया कि उन्हे अपने किडनी के बारे में 2001 में पता चला जिससे उनका रिकवरी टाइम बढ़ गया। अंजू ने यह भी बताया कि जब उन्हे अपनी कमी का पता चला तो वह टूट गईं पर उन्होने हिम्मत नहीं छोड़ी और एक उदाहरण पेश किया सबके सामने। अंजू को लगता है कि इससे वह उन लोगों को प्रेरित कर सकती है जो इस से जूझ रहे हैं।

अंजू के लिए यह सब आसान नहीं था पर उन्होने मेहनत करके यह मुकाम हासिल किया और उस चीज़ से जूझते हुए कभी किसी और को यह एहसास नहीं होने दिया कि उनके अंदर कुछ कमी है। ऐसा अक्सर होता है कि हममें से कई लोग अपनी निजी जिंदगी में कई सारी परेशानियों से जूझ रहे होते हैं पर यह ज़ाहिर नहीं होने देते, अंजू के साथ भी यही हुआ, पर उन्होने हार नहीं मानी और एक बढ़िया उदाहरण प्रस्तुत किया हम सबके सामने। वह पहली भारतीय महिला लॉन्ग जम्पर बनी पदक जीतने वाली और वह एक मात्र ऐसी एथलीट हैं जिन्होने वर्ल्ड एथलेटिक्स में मेडल जीता है। उन्होने बताया कि “2001 में मैं बहुत शारीरिक समस्याओं से जूझ रही थी। शरीर सूज जाता था और बहुत दर्द होता था। इस दौरान मैंने अपना चेकअप कराया जिसमें मुझे इस बात का पता चला।

जब अंजू को इस बात का पता चला तो डॉक्टर ने उन्हे 6 महीने तक आराम करने की सलाह दी पर उसके 20 दिनों के बाद ही उन्होने मेडल जीत लिया। अंजू के पास केवल एकमात्र किडनी थी जिसकी वजह से उनके शरीर में कई परेशानियाँ होती थी पर फिर भी उन्होने उन लोगों से स्पर्धा की जिनके पास 2 किडनी थी और मेडल जीत लिया।

इसके बाद उन्होने कई और पदक जीते और भारत का नाम ऊंचा किया। इस वक्त वे एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की उपाध्यक्ष हैं और इतिहास में इस पद पर विराजमान होने वाली वह पहली महिला हैं । अंजू ने यह साबित कर दिया कि मुश्किलें कितनी भी क्यूँ न हो हमारे सामने हमे कभी हार नहीं माननी चाहिए। हमे मेहनत या किसी भी कमी कि वजह से या किसी और वजह से कभी भी पीछे नहीं हटना चाहिए या हार नहीं माननी चाहिए। अंजू बॉबी जॉर्ज एक आम महिला थी जिन्होने अपनी लड़ाई खुद लड़ी और उसे जीता भी हम सभी को उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए और कभी हार नहीं माननी चाहिए।

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