अभिषेक झा द्वारा लिखित, कक्षा 12 का छात्र

आपको जानकर बेहद दुख होगा कि रविवार 7 फरवरी, 2021 को उत्तराखंड के चमोली जिले में बहुत बड़ा हादसा हुआ। ये हादसा ग्लेशियर (Glacier) के टूटने की वजह से हुआ। ग्लेशियर के टूटने की वजह से चारों ओर तबाही ही तबाही मच गई। जिसकी वजह से बाढ़ जैसे माहौल भी उत्पन्न हो गए। बाढ़ की चपेट में आने वाली सभी चीजें पूरी तरह से तबाह हो गईं। इस हादसे में न केवल स्थानीय लोगों को क्षति पहुंची है अपितु वहां एक जल विद्युत परियोजना पर काम कर रहे तकरीबन 170 श्रमिक भी लापता हो गए, क्योंकि यह हादसा इतनी तेजी से हुआ कि उन्हें संभलने का मौका भी नहीं मिला। हालांकि पता लगने के तुरंत बाद राहत व बचाव कार्य की टीमें वहां पहुंची और रेस्क्यू ऑपरेशन चालू कर दिया गया जिसमें एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, उत्तराखंड पुलिस व आर्मी समेत अन्य सुरक्षा बल सम्मिलित थे। ग्लेशियर से हुए हादसे में कई पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए। वायुसेना से जुड़े सूत्रों ने सर्वेक्षण कर यह जानकारी दी कि तपोवन विष्णुगाढ़ हाइड्रो पावर प्लांट पूरी तरह से तहस-नहस हो चुका है। इतना ही नहीं धौलीगंगा व ऋषिगंगा नदी पर बने डैम भी पूरी तरह से तबाह हो गए हैं।

इस तबाही में अब तक 30 से अधिक शव (डेड बॉडी) बरामद हो चुके हैं जिनकी शिनाख्त होनी बाकी है। उत्तराखंड सरकार की पहली प्राथमिकता मलबे के बीच व पावर प्रोजेक्ट के टनलों में फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकालना है। उत्तराखंड के पुलिस अधिकारी DGP ‘अशोक कुमार’ ने मंगलवार को यह जानकारी दी कि अभी भी कुल 197 लोग इस हादसे के बाद से लापता है, जिनकी छानबीन चल रही है। हालांकि अभी भी लापता लोगों के बारे में पूरी जानकारी नहीं मिल पाई है जैसे जैसे समय बीतता जा रहा है, वैसे वैसे इस संख्या में भी इजाफा होता जा रहा है। जबकि लापता लोगों की संख्या के और भी बढ़ने की आशंका बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि यह लोग हादसे के वक्त किसी न किसी जल विद्युत परियोजना में काम कर रहे थे, जो हादसे के बाद से गायब हैं। बता दें कि आईटीबीपी के जवानों ने टनल में फंसे हुए कुल 12 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया और उन्हें आईटीबीपी के अस्पताल में कुशलपूर्वक भर्ती करवा दिया गया। वहीं दूसरी ओर टनल में अभी भी 30 से अधिक लोगों के फंसे होने की आशंका जताई जा रही है जैसा कि हमने देखा हादसे के बाद से अभी भी उत्तराखंड के चमोली जिले में रेस्क्यू ऑपरेशन (बचाव अभियान) जारी है। परंतु आज 11 फरवरी, 2021 को अचानक ऋषिगंगा नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन को फिलहाल रोक दिया गया है और आसपास के सभी लोगों को अलर्ट रहने व इलाके को खाली करने के निर्देश भी दिए गए हैं। अभी तक चमोली के तपोवन सुरंग में 34 लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि अभी भी इसमें बड़ी संख्या में लोगो के फंसे होने की आशंका है। हालांकि अभी रेस्क्यू ऑपरेशन को रोक दिया गया है। हालात सामान्य होने के बाद फिर से रेस्क्यू ऑपरेशन को चालू किया जाएगा।

उत्तराखंड में हुए हादसे में फसे हुए लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर

उत्तराखंड के सीएम ‘त्रिवेंद्र सिंह रावत’ ने लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा अगर आप प्रभावित क्षेत्र में फंसे हैं, आपको किसी तरह की मदद की आवश्यकता है, तो कृपया आप आपदा परिचालन केंद्र के नंबर 1070, 9557444486 या 112 पर संपर्क कर सकते हैं। झारखंड के मुख्यमंत्री ‘हेमंत सोरेन’ ने भी लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए। इतना ही नहीं उन्होंने राज्यवासियों से संयम बरतने की अपील भी की। उन्होंने कहा कि चमोली आपदा में फंसे हुए राज्यवासी घबराए नहीं। यदि किसी के परिजन प्रभावित क्षेत्र में फंसे हुए हैं, तो राज्य सरकार हर संभव प्रयास करने की कोशिश करेगी। उन्होंने राज्यवासियों की मदद के लिए 11 हेल्पलाइन नंबर जारी किए जिन पर कॉल कर वह मदद पा सकते हैं। जरूरतमंद लोग श्रम विभाग के स्टेट कंट्रोल रूम के इन हेल्पलाइन नंबरों पर कॉल कर मदद पा सकते हैं: 065-12490055,  0651-2490083, 0651-2490037, 0651-2490058, 0651-2490052, 06512490125। इसके अलावा भी जरूरतमंद लोग आगे दिए गए व्हाट्सएप नंबरों पर संदेश भेजकर भी सरकार से मदद पा सकते हैं: 9470132591, 9431336427, 9431336398, 9431336472, 9431336432

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