छोटे बच्चों के लिए योग मुद्रा

स्वस्थ मन और शरीर के लिए बच्चों के लिए योग मुद्रा और आसन

आज के समय में लोग अपने आधुनिक जीवन में पूर्ण रूप से व्यस्त हैं। वे प्रकृति, आपसी संबंधों एवं नैतिक मूल्य को भूलते जा रहे हैं तथा बढ़ते हुए काम के बोझ के कारण मानसिक और शारीरिक थकान से पीड़ित होते जा रहे हैं।

UPSC की जानकारी

गीतांजलि द्वारा लिखित, 20 साल की छात्रा सिविल सेवा परीक्षा भारत के सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है परंतु यदि परीक्षा...

विश्व साइकिल दिवस

साइकल दिवस हर साल 3 जून को मनाया जाता है। अप्रैल 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने हर साल 3 जून को साइकिल दिवस मनाने का निर्णय लिया था।

ओलंपिक खेलों में विजेताओं द्वारा पदक (मैडल) को दांतों से काटना – एक परंपरा या कुछ और?

किसी भी खिलाड़ी का सपना होता है कि वह ओलंपिक खेलों में भाग लेकर अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करे तथा स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक जीतकर अपने देश का नाम गौरवान्वित करें।

सीयूईटी : नई विश्वविद्यालय दाखिला प्रणाली

हमेशा से विश्वविद्यालय में दाखिला करवाना छात्रों के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण रहा है। विशेष रुप से कुछ प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में दाखिला का सपना विद्यार्थियों का रहता है परंतु वहां अंकों की कट आफ बहुत ज्यादा आती है।

मेटावर्स क्या है?

मेटावर्स की 3D दुनिया की अवतार फिल्म जैसी होगी। इस तकनीक को हकीकत में लाने के लिए बहुत सारे क्षेत्र की कंपनियां जैसे कि हॉस्पिटैलिटी, टेलीकॉम, बैंकिंग, हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर आदि कंपनियों को मिलकर एक ईको सिस्टम डिवेलप करना होगा तब जाकर ये तकनीक इस्तेमाल करने योग्य होगी।

कुलीन तंत्र (Oligarchy) क्या है?

कुलीन तंत्र भी एक प्रकार की शासन प्रणाली है। जिसमें सत्ता एवं शक्तियां कुछ आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक रूप से शक्तिशाली लोगों के समूह अर्थात संपन्न वर्ग के पास होती हैं। वह लोग ही देश पर शासन करते हैं और राष्ट्र को चलाते हैं।

सोवियत संघ और रूस में क्या अंतर है?

गीतांजलि द्वारा लिखित, 18 साल का छात्र रूस, सोवियत संघ का एक हिस्सा था परंतु सोवियत संघ के विघटन के बाद यह एक स्वतंत्र राष्ट्र बन गया।

रूथ बेडर गिंस्बर्ग कौन थी?

रूथ बेडर गिंस्बर्ग अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट की दूसरी महिला न्यायधीश थी। उनका जन्म 15 मार्च,1933 को ब्रुकलीन,न्यूयॉर्क में हुआ था। वह एक ऐसी महान शख्सियत थी, जिन्होंने केवल दूसरों के अधिकारों के लिए लड़ाइयाँ लड़ी। खासकर उन्होंने महिलाओं व अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए काफी संघर्ष किया, जिसमें उन्हें कामयाबी भी मिली।