प्राची द्वारा लिखित, 21 साल की छात्रा

देखा जाए तो आज के इस समाज में जहां व्यक्ति अपने ही काम काज को ले कर व्यस्तता की जंजीर में बंध चुका है, उस समाज में आज भी ऐसे लोग हैं जो मानव अधिकार के बारे में सोचते हैं, मानव अधिकार और किसी के लिए कुछ करने की इच्छा आज भी व्यक्तियों में जीवित है, किसी भी व्यक्ति के जीवन, स्वतंत्रता, सम्मानता और सम्मान का अधिकार ही मानव अधिकार है, मनुष्य योनि में जन्म लेने के साथ मिलने वाले प्रत्येक अधिकार मानव अधिकार हैं।

मानव अधिकार रक्षकों के लिए स्विट्जरलैंड के जिनेवा में स्थित मार्टिन एनल्स फाउंडेशन हर साल एक पुरस्कार प्रदान करता है जिसे मानवाधिकार रक्षकों का नोबेल पुरस्कार माना जाता है। इस पुरस्कार को ही “मार्टिन एनल्स अवार्ड” या “मानवाधिकार नोबल” कहा जाता है। इस वर्ष के पुरस्कार प्राप्त करने वालों में बुर्किना फासो से दाउदा डायलो, वियतनाम से फाम दोन ट्रांग और बहरीन के अब्दुल-हादी अल-ख्वाजा शामिल हैं।

भारत मे यह पुरस्कार किसको मिला?

martin ennals award stan swamy
स्रोत: https://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/f/fa/Stan_Swamy_%282010%29.jpg

भारत में झारखंड के रहने वाले एक जेसूइट पुजारी और आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी को मरणोपरांत श्रद्धांजलि देने का फैसला किया जिन्हे भीमा कोरेगांव मामले में गिरफ्तार किया गया था और जुलाई 2021 में 84 वर्ष की उम्र में उनका निंधन हो गया।

मार्टिन एनल्स फाउंडेशन द्वारा “मार्टिन एनल्स अवार्ड” फादर स्टेन स्वामी को मरणोपरांत श्रद्धांजली के रूप में दिया गया। फादर स्टेन ने आदिवासियों के हित में तथा उनके मानवाधिकारों के लिए अपनी पूरी जिंदगी दाव पर लगा दी , वे पूरे देश में मानवाधिकार की लड़ाई लड़े थे और झारखंड को अपनी कर्मभूमी बनाकर काम करते थे। वे गरीब आदिवासियों के लिए लड़ते थे जिसकी वजह से उन्हें “मार्टिन एनल्स अवार्ड” दिया गया था ।

मार्टिन एनल्स कौन थे?

एनल्स एक ब्रिटिश कार्यकर्ता थे, जो मानवाधिकार को सुरक्षित करने के लिए अपना जीवन बिताया करते थे। मानव अधिकारों की सुरक्षा करना ही उनका प्रमुख कर्तव्य था, वह हमेशा से ही मानव एवम उनके अधिकार और हक के लिए लड़ने को तैयार रहते थे, उन्होंने अपना सारा जीवन मानव एवम उनके अधिकारों के लिए लगा दिया, उनके लिए मानव अधिकार से बड़ कर कुछ नही था।

वह 1968 से 1980 तक ऐमनस्टी इंटरनेशनल के महासचिव थे, एनल्स ने मानव अधिकार को सर्वप्रिय समझा और मानव एवम उसके अधिकार के लिए अपना जीवन संपूर्ण जीवन बिताया, एनल्स जैसे महान लोग इस सम्पूर्ण संसार में कम ही हैं, व्यक्ति आज कल जहां सबसे पहले खुद के बारे में सोचता है ऐसे समाज में हमे मार्टिन एनल्स से कुछ सीख लेनी चाहिए। एनल्स का व्यक्तित्व हमे यह बताता है की हमे मानव जीवन एक बार मिला है और इस मानव जीवन का हमे सम्पूर्ण उपयोग करना चाहिए व्यक्ति तभी महान होता है जब वह दूसरों के बारे में सोचता हैं।

एनल्स ने कई संगठनों की सह-स्थापना भी की, जैसे कि अनुच्छेद 19, अंतर्राष्ट्रीय अलर्ट और हुरिडॉक्स और “उनके बीच बाध्यकारी बल” का गठन किया। “हम सार्वभौमिक रूप से आलोचना करते हैं क्योंकि मानवाधिकार सार्वभौमिक हैं, भले ही उनकी सार्वभौमिक रूप से अवहेलना की गई हो… दोहरे मानदंड और दोहरी बातें हैं और हमेशा मानवाधिकारों का उल्लंघन होगा। हम जो काम कर रहे हैं वह मानव विकास के समग्र पैकेज का हिस्सा है, चाहे राजनीतिक व्यवस्था, देश या सांस्कृतिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो,” एनल्स ने एक साक्षात्कार में कहा था। एनल्स का निधन 1991 में हो गया था, उन्ही को याद में रखते हुए इस विशेष अवार्ड की स्थापना कराई गई ।

किन लोगों को दिया जाता है ” मार्टिन एनल्स अवार्ड “?

जैसा कि मार्टिन एनल्स का पूरा जीवन मानव अधिकारों के लिए बीता, उन्होंने अपने जीवन को मानव और उसके अधिकार के लिए समर्पित कर दिया, मानव के लिए समर्पण की ये भावना जिस व्यक्ति में होती है वह व्यक्ति विशेष होता है और उसी को सम्मानित करने के लिए इस अवॉर्ड की स्थापना की गई।

दुनिया में कई तरह के पुरस्कार हैं पर यह पुरस्कार पहला पुरस्कार है जो एक व्यक्ति को अन्य व्यक्तियों के आधार के लिए लड़ने के लिए दिया जाता है इसे हम अच्छाई का अवार्ड भी कह सकते है क्यूंकि समाज में मार्टिन एनल्स जैसे व्यक्ति बहुत ही कम है, आज समाज में व्यस्तता के चलते व्यक्ति अपनी निजी जिंदगी में इतना ज्यादा बंध कर रह गया है की वह अपने ही अधिकारों के बारे में सोचता है परंतु आज भी समाज में यदि कोई व्यक्ति अपने व्यक्तित्व की स्थापना इस तरह करता है कि वह अपने साथ साथ समाज में अन्य व्यक्तियों एवम उनके अधिकारों के लिए लड़ता है तो वह जरूर इस अवॉर्ड का हकदायी है ।

मानव अधिकार क्या है?

martin ennals award human rights

किसी भी व्यक्ति के जीवन की स्वतंत्रता सम्मानता का अधिकार ही मानव अधिकार है, हम जिस देश में रहते है वहां हमे किसी भी तरह की भाषा, वस्त्र और अन्य चीजों का अधिकार होना चाहिए। हमे अपने पसंद का व्यवसाय करने का तथा अधिकतर हक होने चाहिए। आज के इस समाज में आज भी कई लोग अपने अधिकारों से वांछित हैं, आज भी कई व्यक्ति ऐसे है जो अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे है और जिन्हे अपने अधिकार पता भी नहीं हैं। तो ऐसे समाज में मानव अधिकार को बढ़ावा देना बहुत ही जरूरी हो चला है।

मानव अधिकार संपूर्ण विश्व के लिए बहुत आवश्यक है। हमें अपने मानव अधिकारों के साथ-साथ दूसरे के मानव अधिकारों का भी आदर करना चाहिए क्योंकि एक व्यक्ति द्वारा की गई मनमानी एक बहुत बड़े मानव समूह के अधिकारों को हानि पहुंचा सकते हैं। मानव अधिकारों की रक्षा सभी की जिम्मेदारी है।

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शीर्षक छवि स्रोत: https://www.escr-net.org/resources/martin-ennals-award-human-rights-defenders