बालक ध्रुव

हमारे देश का नाम है भारतवर्ष । पुराने जमाने में हमारे देश में एक प्रतापी राजा थे। उनका नाम था उत्तानपात। वे अपनी प्रजा को अपने बेटे के समान प्यार करते थे। प्रजा भी अपनी राजा को भगवान की समान पूजा करते थी। राजा उत्तानपात के दो रानियाँ थी। बड़ी रानी का नाम सुनीति और छोटी रानी का नाम सुरूचि ।

मोबाइल और बचपन

आज बचपन मोबाइल के इर्दगिर्द घूमता है । मोबाइल ने तकनीकी युग में सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है । आज बच्चों की शरारतें खिलौने तथा सभी खेल भी मोबाइल में कैद होकर रह गए हैं । मोबाइल में रहकर सभी उसके गुलाम बन गए हैं । आज हम शिक्षा, विज्ञान, संस्कृति तथा मनोरंजन सभी क्षेत्रों मोबाइल पर निर्भर हो गए हैं ।

हिन्दी भाषा- देश का गौरव

किसी भी स्वतंत्र राष्ट्र की अपनी एक भाषा होती है जो उसका गौरव होती है, इसी भाषा को राष्ट्र भाषा के नाम से जाना जाता है, राष्ट्रीय एकता और राष्ट्र के स्थायित्व के लिए राष्ट्रभाषा की अनिवार्यता किसी भी शब्द के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होती है अतः यही भाषा शिक्षा के माध्यम तथा सरकारी काम-काज चलाने के लिए प्रयुक्त की जाती है ।

हिंदी : पहले और आज

किसी भी समाज में भाषा का स्थान महत्वपूर्ण होता है। भाषा के जरिए एक व्यक्ति अपनी भावनाओं और संवेदनाओं को दूसरे व्यक्ति तक संप्रेषित करता है।

हिन्दी दिवस

भारत में हिन्दी दिवस 14 सितम्बर को हर साल मनाया जाता है। अंग्रेजी, स्पेनिश और मंदारिन के बाद हिन्दी दुनिया में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। दुनिया में हिन्दी भाषा चौथी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।

जापान के नए प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा कौन है?

योशीहिदे सुगा एक अनुभवी व प्रयत्नशील राजनेता है. उनका जन्म 6 दिसंबर,1948 को जापान के ओगाची जिले के अकिता में हुआ था.हाल ही में उन्हें जापान के नए प्रधानमंत्री के तौर पर चुना गया है.आपको बता दें कि पिछले करीब आठ वर्षों में वह इस पद पर बैठने वाले पहले राजनेता है

भारत की गिरती जी.डी.पी. एक समस्या

वर्तमान में भारत की अर्थव्यवस्था बहुत कमजोर हो चुकी है हालांकि जन जागरूकता इस विषय में थोड़ी कम है। जी.डी.पी. अर्थात सकल घरेलू उत्पाद एक वर्ष के भीतर देश में उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं के मौद्रिक मूल्य का आकलन इसके अंतर्गत किया जाता है।

हम बच्चों को समझे कौन ?

आज की दुनिया में हम बच्चों की समस्याओं को कोई नही समझता। आज छोटे-छोटे एकाकी परिवारों में भौतिक सुख सुविधाओं के बीच हम बच्चों का बचपन सिमट कर रह गया है। आज हम भागदौड़ भरी व्यस्त जिन्दगी में नितांत अकेले हैं। पैसे कमाने की लगी माँ-बाप की होड़ में बचपन में ही बच्चे बड़े होते जा रहे हैं। माता-पिता अपनी व्यस्त जिन्दगी से बच्चों के लिए समय नहीं दे पाते और बच्चे लगातार भौतिक सुख-सुविधाओं के बीच अकेले तथा अपराध की दुनिया में घिरते जा रहे हैं।

आओ हम हिन्दी अपनाएं

हिन्दी हमारी राष्ट्र भाषा है। हम प्रतिवर्ष 14 सितम्बर को ‘हिन्दी दिवस’ के रूप में मनाते है। हिन्दी भाषा हमारे राष्ट्र का गौरव तथा हमारी शान है। हमारे देश में अनेक भाषाएं बोली जाती है। हिन्दी भाषा हमारे देश की सर्वाधिक प्रचलित भाषा है। पिछले कुछ दशकों में विदेशी सभ्यताओं ने हमारे देश में पैर पसारे तथा साथ ही विदेशी भाषाओं ने भी इस कारण हमारे देश में अंग्रेजी भाषा का भी बाहुल्य हो गया। अंग्रेजी भाषा के ज्ञान तथा प्रयोग के साथ ही साथ हमें अपनी मातृभाषा की महत्ता को कभी भी कम नहीं करना चाहिए।