श्वेता बंसल द्वारा लिखित

स्वेज नहर मिस्त्र मे स्थित मानव निर्मित समुद्र स्तरीय नहर है, जिसका निर्माण यूरोप और भारत के  समुद्री व्यापार के विस्तार के अंतर्गत 161 साल पहले 25 सितम्बर 1859 मे शुरू हुआ जो 17 नवम्बर 1869 को समाप्त हुआ था। यह 193 किलो मीटर लम्बी, 60 मीटर चौड़ी और 16. 5 मीटर गहरी है। यह नहर स्वेज से होकर भूमध्य सागर को लाल सागर से जोड़ती है। इस नहर के निर्माण के बाद भारत और यूरोप के मध्य का यात्रा का समय तीन चार हफ्ते हो गया जो पहले तीन महीने था क्योंकि अब पूरा साउथ अफ्रीका द्वीप घूमकर नहीं जाना पड़ता है। इस नहर के निर्माण ने समुद्री व्यापार में एक क्रांति ला दी थी क्योंकि यह पूर्वी और पश्चिमी देशों के बीच जल यातायात का अहम रास्ता साबित हुआ। इस नहर के ज़रिये तक़रीबन हर साल 18250 जहाज की आवागामी होती है- 50 जहाज रोज। 

बीते दिनों 23 मार्च 2021 को एक जापानी विशालकाय मालवाहक जहाज “एवर गिवन” जो चीन से रोटरडैम जा रहा था, के कारण इस नहर में दोनों दिशाओं का यातायात बाधित हो गया। यह जहाज 400 मी लम्बा, 60  मी चौड़ा और  16 मी गहरा है। यह जहाज तकरीबन 6 दिन तक फँसा रहा जिसके कारण सैकड़ो जहाजों को रस्ते से गुजरने का इन्तजार करना पड़ा। कुछ जहाजों ने तो लम्बा रास्ता लेते हुए अफ्रीका द्वीप घूमकर जाना उचित समझा।

स्वेज नहर के आधिकारिक विशेषज्ञों की माने तो बहुत तेज हवा और रेतीले तूफान के कारण यह जहाज घूम गया और नहर में फँस गया, जबकि मिस्र के अधिकारियों का कहना है – केवल मौसम इसका कारण नहीं हो सकता, इसमें मानवों द्वारा भी कोई गलती की गयी है जिसकी जांच की जा रही है।

इस विपत्ति से निकलने के लिए स्वेज नहर अथॉरिटी ने 8 टग बोट्स को लगाया जो नाकामयाब रही। एक हफ्ते तक कड़ी मशक्कत के बाद डी ङ्रेजरो की मदद से जहाज के आसपास की लगभग 30000 मीटर क्यूब मिट्टी और रेत हटाई गई। फिर सोमवार को आई तेज लहर के कारण जहाज की स्थिति में बदलाव आया जिसके बाद डच की टीम “स म आई टी” ने 13 टग बॉट्स के जरिये जहाज को वहाँ से निकाल लिया। 

यह अपने आप में ही एक अनोखी घटना थी,  जिससे विश्व के व्यापारीयो को अरबों – खरबों का नुकसान हुआ, तथा वस्तुओं को अपनी जगह पहुंचने में भी विलंब हुआ। जहाज के सफल पलायन के बाद सोशल मीडिया पर कई चुटकुले भी प्रचलित हुए। अमूल की कंपनी ने भी अमूल गर्ल को जहाज का संचालक दिखाते हुए अपनी ब्रांड का प्रचार किया। उसी तरह गूगल ने भी अपने ही अंदाज में जहाज की आजादी का जश्नन मनाया।

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