प्राची द्वारा लिखित, 19 साल की छात्रा

कुछ खगोलीय घटनाएँ सैंकड़ों वर्षों में एक बार होती है, जिन्हें शायद हम दोबारा नहीं देख सकते हैं। ऐसी ही एक घटना 21 दिसम्बर 2020 को हुई थी, जब बृहस्पति और शनि ग्रह लगभग 397 सालों के बाद बेहद नजदीक आए थे और पृथ्वी से एक तारे के रुप में दिख रहे थे। इस दिन गूगल ने भी अपने डूडल में बृहस्पति और शनि ग्रह को हाथ मिलाते दिखाया था। इस अदभुत घटना को वैज्ञानिक “The Great Conjunction” कहते हैं।

वैसे 21 दिसम्बर को हम सभी इसलिए भी महत्वपूर्ण मानते हैं क्योंकि इस दिन वर्ष का सबसे छोटा दिन और सबसे लंबी रात होती है, जिसे शीतकालीन अयनांत (Winter Solstice) कहा जाता है।

ग्रेट कंजक्शन (The Great Conjunction)

जब दो ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हुए, एक-दूसरे के बहुत पास आ जाते हैं, यानि कि उनके बीच की दूरी बेहद ही कम रह जाती है, तो उसे वैज्ञानिक ग्रेट कंजक्शन कहते है।

यह अदभुत घटना सैंकड़ों वर्षों में एक बार होती है। इस अनोखी घटना के दौरान बृहस्पति और शनि ग्रह एक-दूसरे के बेहद करीब आ जाएँगे। जब ये दोनों बड़े ग्रह पास आ जाएँगे, तो उनके बीच की दूरी केवल 0.06 डिग्री रह जाती है। जो कि लगभग 75 करोड़ किलोमीटर है। जब ये दोनों ग्रह पास आ जाते हैं, तो पृथ्वी से देखने पर एक बड़ा चमकीला तारा दिखता है। जिसे ‘Double Planet’ भी कहा जाता है। इसे लोग ‘क्रिसमस स्टार’ भी कहते हैं।

शीतकालीन अयनांत (Winter Solstice)

“Solstice” एक लैटिन शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘सूर्य का ठहर जाना’। धरती अपने अक्ष पर घूमते हुए सूरज की तरफ दिशा बदलती है। पृथ्वी अपने अक्ष पर 23.5° डिग्री पर झुकी हुई है। इस कारण पृथ्वी का जो भाग सूर्य के सम्पर्क में आता है, वहाँ सूर्य की ज्यादा किरणे पहुँचती है। वहाँ दिन लम्बे व राते छोटी होती है, ऐसा दक्षिणी गोलार्द्ध में होता है। जबकि इसके विपरीत उत्तरी गोलार्द्ध में दिन छोटे व रातें लम्बी होती हैं। इसलिए 21 दिसम्बर की इस घटना को ‘Winter Solstice’ कहते हैं।

क्या है Great Conjunction का इतिहास ?

क्या आपको पता है कि 21 दिसम्बर 2020 से पहले Great Conjunction 1623 लगभग 397 वर्षों पहले हुई थी। उस समय भारत में शाहजहाँ का शासन था। ऐसा भी कह सकते हैं कि यह घटना उस समय के महान खगोलविद गैलीलियो के जीवनकाल में घटित हुई थी। वैज्ञानिकों का मानना है कि बृहस्पति और शनि जैसे दो बड़े ग्रह सैंकड़ों वर्षों के बाद इतने नजदीक आते हैं, इसलिए इसे The Great  Conjunction कहा जाता है।

वैसे तो बृहस्पति और शनि ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हुए हमें अब से 60 साल बाद यानि की 2080 में भी दिखेंगे, परन्तु 0.06 डिग्री जितना पास अब से लगभग 376 वर्षों के बाद दिखेंगे।

इस तरह की खगोलीय घटनाएँ अदभुत होती है, व सैंकड़ों वर्षों में एक बार होती है। खगोल विज्ञान में यह घटनाएँ अत्यंत ही महत्वपूर्ण होती हैं। इस घटना ने लोगों को बहुत उत्सुक किया, व बहुत से लोगों ने इस घटना को देखा।

इस तरह की घटनाएँ मानव को सौर-मंडल के प्रति और भी उत्सुक कर देती हैं।

क्या आप भी नन्ही खबर के लिए लिखना चाहते हैं?
संपर्क करें nanhikhabar@gmail.com पर