गीतांजलि द्वारा लिखित, 20 साल की छात्रा

सिविल सेवा परीक्षा भारत के सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है परंतु यदि परीक्षा की प्रकृति को समझकर दृढ़निश्चय से तैयारी की जाए तो इसे पास करना बहुत आसान हो जाता है तो आज हम इस परीक्षा के बारे में जानेंगे।

सिविल सेवा परीक्षा के लिए पात्रता

सिविल सेवा परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग द्वारा करवाई जाती है जिसमें लगभग 800 पदों के लिए नियुक्तियां होती है। अन्य परीक्षाओं की तरह इस परीक्षा में बैठने के लिए भी कुछ पात्रता मापदंड होते हैं जैसे कि विद्यार्थी का भारतीय नागरिक होना आवश्यक है तथा प्रतिभागी ने किसी मान्यता प्राप्त शिक्षा संस्थान से अपनी स्नातक की डिग्री हासिल की हो।

आयु सीमा सामान्य वर्ग की 21 से 32 वर्ष तक है तथा एक प्रतिभागी 6 बार परीक्षा दे सकता है। आयु सीमा एवं परीक्षा देने की संख्या में अनुसूचित जातियों और जनजातियों को कुछ छूट मिलती है वे 37 वर्ष की उम्र तक जितनी बार चाहें ये परीक्षा दे सकतें हैं।

सिविल सेवा परीक्षा के लिए आवेदन

यूपीएससी की आधिकारिक वेबसाइट upsconline.nic.in है। यहीं फॉर्म निकलते हैं तथा उम्मीदवार इस वेबसाइट से आनलाइन आवेदन कर सकता है। अन्य सरकारी नौकरियों की  परीक्षाओं की तरह ही इस परीक्षा में भी महिलाओं, दिव्यांगों, अनुसूचित जातियों व जनजाति के उम्मीदवारों को निशुल्क आवेदन की सुविधा मिलती है।

सिविल सेवा परीक्षा

आज हम सिविल सेवा की परीक्षा में शामिल सभी परीक्षाओं के बारे में समझने का प्रयास करेंगे।

सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा प्रीलिम्स

प्रीलिम्स में दो परीक्षाएं होती हैं। दोनों ही परीक्षा बहुविकल्पीय होती हैं तथा इनके अंक परिणाम में नहीं जुड़ते परंतु इसे पास करना आवश्यक होता है। परीक्षा को पास करने के लिए 33 परसेंट नंबर की आवश्यकता होती है।

प्रिलिम्स के दोनों ही परीक्षा मे नकारात्मक अंकों की व्यवस्था हैं अर्थात एक गलत उत्तर पर उत्तर सही होने पर मिलने वाले अंकों का एक तिहाई नकारात्मक अंक दिया जाता है।

सामान्य अध्ययन

पहली परीक्षा 200 अंक तथा 2 घंटे का होती है जिसमें सामान्य अध्ययन के 2 अंकों के 100 प्रश्न होते हैं।

इस परीक्षा में राष्ट्रीय – अंतर्राष्ट्रीय महत्व की समसामयिक घटनाएं, भारत का इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन, भारत एवं विश्व का प्राकृतिक, सामाजिक एवं आर्थिक भूगोल, भारतीय राज्यतंत्र और शासन (संविधान, राजनीति, पंचायती राज, लोकनीति एवं अधिकार), आर्थिक और सामाजिक विकास (सतत विकास, गरीबी, सामाजिक क्षेत्रों में की गई पहल एवं योजनाएं), जैवविविधता और जलवायु परिवर्तन संबंधित मुद्दों पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं।

सीसैट परीक्षा

दूसरी परीक्षा सीसैट की होती है। यह भी 200 अंकों तथा 2 घंटे की होती है। इसमें 2.5 अंकों के  80 प्रश्न होते हैं।
इस परीक्षा में बोधगम्यता, संचार कौशल एवं अंतर्वैयक्तिक कौशल, तार्किक कौशल एवं विश्लेषणात्मक क्षमता, निर्णय लेना और समस्या समाधान, सामान्य मानसिक योग्यता, आधारभूत गणित एवं आंकड़ों पर आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं।

मेंस परीक्षा

प्रिलिम्स परीक्षा पास करने के बाद मेन्स परीक्षाएँ पास करनी होती हैं। मेंस में कुल 9 परीक्षाएं होती है ।

1)भाषाई परीक्षा

पेपर ए
यह परीक्षा 300 अंको की होती है जिसे प्रतिभागी किसी भी भाषा में दे सकता है।

पेपर बी
यह परीक्षा भी 300 अंको की है जो अंग्रेजी भाषा परीक्षा है जिसे सभी प्रतिभागियों को अंग्रेजी में ही लिखना होता है।

इन दोनों परीक्षाओं के अंक परिणाम में नहीं जुड़ते परंतु इसे पास करना आवश्यक है तभी आगे की परीक्षाएं दे सकते हैं।

2) निबंध तथा सामान्य अध्ययन परीक्षाएं

पेपर एक से लेकर पेपर 7 तक की सभी परीक्षाएं 250-250 अंक की होती हैं तथा सभी के अंक अंतिम परीणाम में जोड़े जाते हैं। इंटरव्यू के अंक भी परिणाम में जोड़े जाते हैं।

पेपर 1: यह परीक्षा निबंध की होती है जो 250 अंकों की होती है। इस परीक्षा में निबंध के विभिन्न विषयों पर निबंध लिखना होता है।

पेपर 2: इस परीक्षा को सामान्य ज्ञान परीक्षा एक के नाम से भी जाना जाता है। इसमें इतिहास, भूगोल, भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति से संबंधित प्रश्न होते हैं।

पेपर 3: इसे सामान्य ज्ञान परीक्षा दो के नाम से जाना जाता है। इसमें सरकार, संविधान, राजनीति सामाजिक न्याय और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर आधारित प्रश्न होते हैं।

पेपर 4: इसे सामान्य ज्ञान परीक्षा तीन के नाम से भी जाना जाता है। इसमें तकनीक, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण सुरक्षा एवं आपदा प्रबंधन संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं।

पेपर 5: इसे सामान्य अध्ययन परीक्षा चार के नाम से जाना जाता है। इसमें मूल्यों, अखंडता एवं एप्टिट्यूड आधारित प्रश्न पूछे जाते हैं।

3)वैकल्पिक विषय परीक्षा

पेपर6: इसे वैकल्पिक परीक्षा एक के नाम से जाना जाता है जिसमें प्रतिभागी द्वारा चुने गए विषय की परीक्षा होती है।

पेपर 7: इसे वैकल्पिक परीक्षा दो के नाम से जाना जाता है जिसमें वैकल्पिक परीक्षा एक के जैसे ही प्रश्न होते हैं।

वैकल्पिक विषय का चुनाव
वैकल्पिक विषय में प्रतिभागी अपनी मर्जी से कोई भी विषय चुन सकते है। विषयों की लिस्ट में कृषि विज्ञान, पशुपालन और पशु चिकित्सा, वनस्पति विज्ञान, रसायन विज्ञान, सिविल इंजीनियरिंग, वाणिज्य शास्त्र, अर्थशास्त्र, विद्युत इंजीनियरिंग, भूविज्ञान, भूगोल, इतिहास विधि एवं कानून, प्रबंधन, गणित, दर्शनशास्त्र, भौतिकी, मनोविज्ञान, लोक प्रशासन समाजशास्त्र, प्राणी विज्ञान एवं लोक प्रशासन आदि शामिल हैं।

विषय का चुनाव करते हुए विषय के प्रति रोचकता, सरलता एवं उपलब्ध सामग्री आदि का ध्यान रखना चाहिए।

इंटरव्यू


जो प्रतिभागी प्रीलिम्स और मेंस को पास करते हुए आगे बढ़ते हैं उन्हें इंटरव्यू देना पड़ता है। इसमें व्यक्ति के पर्सनैलिटी एवं ज्ञान को जांचा जाता है इंटरव्यू 275 अंकों का  होता है।

यूपीएससी के इंटरव्यू में अपने आत्मविश्वास को बनाए रखें, डरे ना और सभी सवालों का जवाब देने का प्रयास करें। अगर जवाब नहीं दे पाते हैं तो भी आत्मविश्वास बनाए रखें क्योंकि वह आपके ज्ञान से ज्यादा आपकी सोच विचार तथा व्यवहार को जाचते हैं क्योंकि आपका ज्ञान तो परीक्षाओं के द्वारा ही जांच लिया जाता है।

सभी लिखित परीक्षाओं के अंक 1750 होता है और 275 अंकों के इंटरव्यू को मिलाकर सिविल सर्विस परीक्षा के 2025 अंक बनते हैं अर्थात यह परीक्षा 2025 अंकों की होती है।

यूपीएससी के लिए सामग्री

अखबार


यूपीएससी की तैयारी में अखबारों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है। यह उम्मीदवार को उसके आसपास के समाज से जोड़े रखता है तथा समसामयिक घटनाओं का ज्ञान करवाता है। यूपीएससी के लिए महत्वपूर्ण अखबार अंग्रेजी माध्यम के लिए द हिंदू एवं टाइम्स ऑफ इंडिया है वही हिंदी माध्यम में जनसत्ता आदि उपलब्ध है।
हिंदी माध्यम के विद्यार्थी अंग्रेजी अखबारों को भी पढ़ सकते हैं एवं कोचिंग द्वारा बनाए गए अखबार नोट्स से भी कुछ मदद ले सकते हैं।
अखबार को पढ़ते समय विद्यार्थी अपनी इच्छा अनुसार महत्वपूर्ण बिंदुओं को लिखकर नोट्स बना सकते हैं।

एनसीईआरटी पुस्तक

एनसीईआरटी की पुस्तकें यूपीएससी की तैयारी के लिए बहुत आवश्यक होती है क्योंकि एनसीईआरटी की पुस्तकों से उम्मीदवार आधारभूत चीजों को समझने में सक्षम हो पाता है उसके बाद आगे की पुस्तकें उसे आसान लगने लगती हैं।

यूपीएससी परीक्षा के लगभग 40 से 50 प्रतिशत प्रश्न एनसीईआरटी की पुस्तक पर आधारित होते हैं इसलिए इनका अच्छे से अध्ययन आवश्यक है।

यूपीएससी के लिए उम्मीदवार को छठी से लेकर बाहरवीं तक की भूगोल, इतिहास, राजनीतिक विज्ञान, अर्थशास्त्र एवं समाज शास्त्र की पुस्तक पढ़नी होती है तथा दसवीं तक की विज्ञान एवं गणित की पुस्तक पढ़नी पड़ती हैं।

एनसीईआरटी पुस्तक को तीन बार में पूर्ण रूप से अध्ययन कर सकते हैं। प्रथम बार में संपूर्ण पुस्तक को पढ़ें। दूसरी बार में पढ़ते समय पुस्तक में मौजूद महत्वपूर्ण बिंदुओं को निशान लगाएं। तीसरी बार में एनसीईआरटी की पुस्तकों के नोट्स बनाएं।

महत्वपूर्ण स्टैन्डर्ड पुस्तकें
एनसीईआरटी पुस्तकें पढ़ने के बाद स्टैंडर्ड किताबें पढ़ने का समय आता है कुछ महत्वपूर्ण किताबे इस प्रकार हैं:-

बिपिन चंद्र की भारत का स्वतंत्रता संघर्ष, लक्ष्मीकांत की भारत की राज्यव्यवस्था, रमेश सिंह की भारतीय अर्थव्यवस्था, मानचित्र के लिए ऑक्सफोर्ड एटलस,  भारतीय संस्कृति और इतिहास के लिए स्पेक्ट्रम, विकास दिव्यकीर्ति एवं निशांत जैन द्वारा निबंध की किताब, भारत का राष्ट्रीय आंदोलन बिपिन चंद्र, भारत का इतिहास बिपिन चंद्र, भारत गांधी जी के बाद रामचंद्र गुहा, भारत का संविधान डीडी बसु, भारतीय कला एवं संस्कृति नितीश सिंघानिया, भारत का भूगोल माजिद हुसैन, प्राचीन, मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास सतीश चंद्र आदि।

उम्मीदवार अपने इच्छा अनुसार किताबों में परिवर्तन कर सकते हैं। यह पूर्ण रूप से आवश्यक नहीं है कि सभी उम्मीदवार एक ही प्रकार की पुस्तकों से पढ़ें।

महत्वपूर्ण मैगज़ीन
यूपीएससी परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण मैगज़ीन में योजना एवं कुरूक्षेत्र शामिल है। योजना तथा कुरुक्षेत्र हिंदी एवं अंग्रेजी दोनों माध्यम में उपलब्ध है।

इसके अलावा विभिन्न राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय संस्थानों की रिपोर्ट भी यूपीएससी परीक्षा से संबंधित बहुत सी जानकारी उपलब्ध कराते हैं।

प्रश्नपत्र एवं मौक टेस्ट
यूपीएससी परीक्षा में प्रश्न पत्र का अभ्यास करना बहुत महत्वपूर्ण होता हैं क्योंकि इससे बार-बार रिवीजन होता है तथा उम्मीदवार अपनी कमियों और गलतियों को समझकर उसे सुधार सकते हैं।

उम्मीदवार जितने ज्यादा से ज्यादा प्रश्नपत्रों का अभ्यास करता है उसकी तैयारी उतनी ही मजबूत होती जाती है।

ऑनलाइन संसाधन
आज जब जमाना आधुनिक होने की ओर बढ़ रहा है तो शिक्षा में भी ऑनलाइन संसाधनों की भूमिका बढ़ती जा रही है। सिविल सर्विस परीक्षा के लिए भी ऑनलाइन यूट्यूब पर भरपूर मात्रा में सामग्री उपलब्ध है। विद्यार्थी ऑनलाइन संसाधनों में राज्यसभा टीवी पर भाषण, समय का अभाव  होने पर समाचार विश्लेषण एवं ज्ञानवर्धक वीडियो देख सकते हैं। टेलीग्राम पर भी अनेक चैनल है जो यूपीएससी के नोट्स निशुल्क उपलब्ध करवाते हैं उनका भी लाभ लिया जा सकता है।

ऑनलाइन माध्यम से सतर्कता भी बहुत आवश्यक है यूपीएससी का सिद्धांत है कि बहुत सारी पुस्तकों को पढ़ने की बजाए, कुछ पुस्तकों को बहुत बार पढ़ें अर्थात बाजार एवं ऑनलाइन माध्यमों में उपलब्ध सामग्री को देखकर भ्रमित ना हो।

यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रमुख कोचिंग

कई बार उम्मीदवारों का यह सवाल रहता है कि कोचिंग लेना आवश्यक है या नहीं? तो बता दे कि कोचिंग लेना या ना लेना उम्मीदवार के ऊपर निर्भर है। कई विद्यार्थी अपने घर पर भी अनुशासनात्मक एवं नियमित रूप से पढ़कर परीक्षा पास कर लेते हैं जबकि कुछ विद्यार्थियों को समय समय पर मार्गदर्शन की आवश्यकता पड़ती है।

आज यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के लिए अनेक कोचिंग है उनमें से कुछ प्रसिद्ध कोचिंग विजन आईएएस, दृष्टि आईएएस बाजीराव, नेक्स्ट आईएएस, सरस्वती आईएएस, इनसाइट आईएएस आदि है।

कुछ संस्थाएं यूपीएससी की निशुल्क कोचिंग भी उपलब्ध करवाती हैं जिनमें जामिया हमदर्द कोचिंग, आत्या फाउंडेशन कोचिंग आदि उपलब्ध है। इसके लिए उम्मीदवारों को एंट्रेंस परीक्षा पास करना पड़ता है तथा बहुत कम विद्यार्थियों का चुनाव होता है।

दिल्ली सरकार यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए जय भीम योजना लेकर आई है जिसमें निम्न आय वर्ग वाले विद्यार्थियों को फ्री कोचिंग दी जा रही है। इसके तहत हर कोचिंग में कुछ आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए सीट रिजर्व है एवं सरकार उन्हें पुस्तकों के लिए ₹2000 भी दे रही है।

यूपीएससी परीक्षा पास करने के बाद प्राप्त पद

यूपीएससी परीक्षा मे लाखों विद्यार्थी भाग लेते हैं जिसमें से इंटरव्यू के बाद केवल आठ सौ के आसपास विद्यार्थी चुने जाते हैं। जिनमें उन्हें अपनी रैंक के अनुसार आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा), आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा), आई एफ एस (भारतीय विदेशी सेवा), आईआरएस (भारतीय राजस्व सेवा) आदि के लिए चुना जाता है तथा इसके अलावा भी अन्य संस्थानों में आवश्यकता अनुसार उनकी नियुक्ति होती है।

लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी

हर यूपीएससी की तैयारी करने वाले उम्मीदवार का सपना होता है कि वह इस कठिन परीक्षा को पास करके लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकैडमी पहुंचे। आइए हम लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी के बारे में जानते हैं।

इस अकैडमी की स्थापना 15 अप्रैल 1958 में तत्कालीन गृहमंत्री गोविंद बल्लभ पंत ने की थी। इसे लबसना के नाम से भी जाना जाता है जो मसूरी में स्थित है। यहां पर यूपीएससी परीक्षा में उत्तीर्ण छात्रों की ट्रेनिंग होती है।

आप सबको हमारी शुभकामनाएं हैं अपनी मेहनत और लगन से यूपीएससी की तैयारी में लग जाइए तथा दृढनिश्चय बना कर रखिए आप सभी जरूर सफल हो जाएंगे।

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शीर्षक छवि स्रोत: https://pixabay.com/illustrations/exam-scientific-experiment-2428208/