गीतांजलि द्वारा लिखित, 19 साल की छात्रा

फिल्म मनोरंजन का बहुत बड़ा साधन है फिल्में न केवल मनोरंजन करती है बल्कि हमें ज्ञान तथा विभिन्न नैतिक मूल्यों से भी जोड़ती है। फिल्में हमारे समाज में मौजूद परिदृश्य पर ही बनाई जाती हैं जिस प्रकार का समाज होता है उसी तरह फिल्में बनती हैं। उदाहरण जब भारत अंग्रेजों का गुलाम था तो लोगों को आजादी का महत्व बताने तथा अंग्रेजों के अत्याचारों को समझाने से संबंधित फिल्में बनती थीं ताकि लोग जागरूक तथा साहसी हो सकें तथा एक होकर अंग्रेजों से लड़ सकें।

बच्चों को फिल्मों में बहुत रूचि होती है। आज के समय में बहुत सारी हिसंक फिल्में आ गई हैं जो बच्चों को ग़लत रास्ते पर ले जा सकती हैं। इस स्थिति में उन्हें गलत चीजों से दूर रखना तथा अच्छी चीजें देखने को प्रेरित करना आवश्यक है। अगर बच्चों को बचपन से अच्छी फिल्में दिखाई जाएँ तो उनके रचनात्मक क्षमता, कल्पनाशीलता, ज्ञान, कौशल एवं नैतिक मूल्यों का विकास होता है तो इसीलिए आज हम बच्चों के लिए सबसे प्रसिद्ध हॉलीवुड एवं बॉलीवुड फिल्में लेकर आए हैं जिन्हें आप अपने बच्चों के साथ बैठकर देख सकते हैं।

बॉलीवुड फ़िल्में

सर्वश्रेष्ठ बच्चों की फिल्में

भारतीयों के जीवन के मनोरंजन का एक महत्वपूर्ण साधन बॉलीवुड फिल्मों को माना जाता है क्योंकि हम अपने मनोरंजन के लिए अधिकतर बॉलीवुड फिल्में देखते हैं। बॉलीवुड फिल्में बच्चों को भी बहुत पसंद आती हैं। हम कुछ ऐसी बॉलीवुड फिल्मों के बारे में बात करने जा रहे हैं जो बच्चों को उनके बचपन में अवश्य देखनी चाहिए क्योंकि वह उन्हें मनोरंजन के साथ-साथ नैतिक मूल्य भी सिखाती हैं।

  • तारे ज़मीन पर

तारे ज़मीन पर फिल्म का नाम हम सभी जानते हैं। यह बच्चों के लिए बनाई गई सबसे प्रसिद्ध फिल्मों में से एक है। तारे ज़मीन पर फिल्म के निर्देशक बॉलीवुड के प्रसिद्ध कलाकार आमिर खान हैं। इसमें कलाकार के रूप में आमिर खान, दर्शील सफारी एंव टिस्का चोपड़ा हैं। सभी कलाकारों ने अपनी कलाकारी से दर्शकों का दिल जीत लिया है।

इस फिल्म में एक बच्चे को केंद्र में रखकर, सभी लोगों को अपना बचपन याद दिलाने का प्रयास किया गया है। यह फिल्म आपको अपने बचपन में झांकने को मजबूर कर देती है। जिसमें ईशान नाम का एक बच्चा होता है जिसे डिस्लेक्सिया रोग होता है। उसका पढ़ाई में मन नहीं लगता परंतु अन्य चीज़ें जैसे पेंटिंग करना उसे बहुत अच्छा लगता है। इस फिल्म ने डिस्लेक्सिया के बारे में भी जागरूकता फैलाई है। यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें बच्चों को शब्दों को पढ़ने में परेशानी होती है।

यह फिल्म माता-पिता को यह भी समझाता है कि हर बच्चे में अलग-अलग प्रतिभाएं शामिल होती हैं और माता पिता का यह कर्तव्य है कि वह अपने बच्चों की प्रतिभा को पहचाने तथा उसका विकास करने को प्रेरित करें तथा बच्चों को प्रेरित करता है कि वह नई-नई चीजें सीखकर अपनी प्रतिभा बढ़ाएं।

यह फिल्म 140 मिनट की है जिसने बड़ी संख्या में बच्चों को अपनी और आकर्षित किया है हर एक बच्चा यह फिल्म देखना पसंद करेगा तथा इस फिल्म से प्रेरित होगा।

  • चिल्लर पार्टी

दूसरी फिल्म चिल्लर पार्टी है जिसके बारे में हम बात करने वाले हैं जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है कि यह फिल्म बच्चों से संबंधित है।

इस फिल्म के निर्माता सलमान खान तथा निर्देशक नितेश तिवारी एवं विकास बहल है। इस फिल्म के प्रमुख कलाकारों में इरफान खान, राजू, सनथ मेनन, रोहन ग्रोवर एवं श्रेया शर्मा आदि शामिल हैं।

यह फिल्म एक अनाथ लड़के और उसके कुत्ते पर केंद्रित है। वह अनाथ बच्चा बहुत गरीब होता है परंतु सोसायटी के अमीर बच्चे उसके दोस्त बन जाते हैं जो उसकी हमेशा मदद करते हैं। एक बार उसका कुत्ता खो जाता है जिसे बच्चों का पूरा समूह मिलकर ढूंढ़ ही निकालता है। इस दौरान उन्हें अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है परंतु दोस्ती एवं एकता होने के कारण वे सभी समस्याएं मिलकर झेलते हैं और विजयी होते हैं।

यह फिल्म बच्चों को संदेश देती है कि दोस्तों के साथ मिलकर हम किसी भी बड़ी समस्या का समाधान निकाल सकते हैं।

  • कोई मिल गया

कोई मिल गया फिल्म 2003 में आई तथा यह 2 घंटे 51 मिनट की है। इसके निर्देशक राकेश रोशन हैं तथा इस फिल्म के मुख्य कलाकार रितिक रोशन, प्रीति जिंटा, रेखा, प्रेम चोपड़ा आदि हैं।

रितिक रोशन इस फिल्म में रोहित का किरदार निभाते हैं जो एक युवा है परंतु मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर होने के कारण वह बच्चों के जैसा व्यवहार करता है। उसकी मुलाकात एक दिन एलियन जादू से होती है जो रोहित की मदद करता है। फिल्म की अभिनेत्री निशा, रोहित तथा जादू एक साथ बहुत अच्छा समय बिताते हैं। एक बार जादू के बारे में लोगों को पता चल जाता है और लोग उसे पकड़ना चाहते हैं, तब रोहित निशा और अन्य बच्चे मिलकर जादू को सुरक्षित अंतरिक्ष मे पहुंचाने का प्रयास करते हैं तथा वे सफल हो जाते हैं।

इस फिल्म में एलियन जादू एक रोचक एवं मजेदार किरदार है जो बच्चों को इस फिल्म को  देखने के लिए आकर्षित करते हैं इस फिल्म में रितिक रोशन का किरदार भी बहुत पसंद किया जाता है क्योंकि वह हंसी मजाक से भरा होता है।

  • आई एम कलाम

अब्दुल कलाम का नाम हम सभी ने सुना है। यह फिल्म प्रेरणादायक फिल्म है जो सन् 2011 में सिनेमा में आई। इसके निर्देशक नीलमाधव पंडा है। यह फिल्म 1 घंटे 27 मिनट की है। फिल्म अभिनेता हर्ष मायर, गुलशन ग्रोवर, पीतोबाश त्रिपाठी आदि हैं।

यह कहानी एक गरीब राजस्थानी बच्चे छोटू पर आधारित है जो भूतपूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम जैसा बनना चाहता था परंतु वह गरीबी के कारण एक ढाबे पर बाल मजदूरी करने को मजबूर होता है। उसकी दोस्ती एक राजस्थानी राजकुमार से हो जाती है जो उसकी बहुत मदद करता है। एक बार छोटू को कुंवर के कमरे में देखकर राजकुमार के पिताजी छोटू को चोर समझ लेते हैं तथा उसे अपने बेटे से दूर करने का प्रयास करते हैं परंतु कुछ समय बाद उन्हें भी एहसास होता है कि छोटू चोर नहीं था फिर वह छोटू की पढ़ाई का सारा खर्च उठाते हैं तथा छोटू भी कुंवर के साथ पढ़ने लगता है।

यह फिल्म बच्चों को समाज से जुड़े अनेक नैतिक मूल्य जैसे दोस्ती, ईमानदारी, संघर्ष सिखाती है और बताती है कि संघर्ष करके किसी भी चुनौती और समस्या पर विजय पाया जा सकता है।

इस फिल्म को राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार, फिल्म फेयर पुरस्कार आदि से भी सम्मानित किया गया।

  • स्टैलनी का डिब्बा

इस फिल्म के निर्देशक अमोल गुप्ते तथा कलाकार दिव्या दत्ता एवं पार्थो हैं। यह दिल को छू लेने वाली फिल्म है जो बच्चों की भावनाओं को बताती है। यह फिल्म एक बच्चे स्टैलनी तथा उसके लंच बॉक्स के आसपास घूमती है। स्टैलनी एक होनहार तथा हर कला में निपुण बच्चा है जो अपना टिफिन नहीं लेकर आता क्योंकि उसके घर में कोई खाना बनाने वाला नहीं है वह अपने पिता के साथ रहता है। उसके दोस्त उससे बहुत प्यार करते हैं और अपने साथ भोजन करवाते हैं परंतु एक नए लालची अध्यापक उसे लंच न लाने की वजह से कक्षा से बाहर निकाल देते हैं। फिर एक दिन उसके पिता उसके लिए खुद टिफिन बनाकर लाते हैं बच्चे भी लालची अध्यापक का विरोध करते हैं एवं स्टैलनी का साथ देते हैं।

  • माय फ्रेंड गणेशा

यह फिल्म भी बच्चों के लिए बनाई गई फिल्मों में से एक है जिसमें पूरी कहानी एक बच्चे आशु तथा उसके दोस्त भगवान गणेश पर टिकी हुई है। यह फिल्म 2007 में रिलीज हुई इसके निर्देशक राजीव एस रूयिया हैं तथा इसके निर्माता दीपक भानुशाली हैं। इस फिल्म में मुख्य कलाकार अहसास चन्ना, किरण जंजानी, शीतल शाह और उपासना सिंह है। यह फिल्म 190 मिनट की है।

इसमें फिल्म का मुख्य किरदार आशु है जो बहुत अकेला होता है। उसके माता-पिता के पास उसके लिए समय नहीं होता है तथा उसका कोई दोस्त भी नहीं होता। वह अपनी नौकरानी गंगु ताई से दोस्त ढूंढने के लिए बोलता है तो गंगु ताई उसे गणपति बाबा को मित्र बनाने की बात करती है। तब से वह गणेश जी को मित्र बना लेता है और गणेश जी और वह मिलकर खूब मजे करते हैं तथा सभी समस्याओं का समाधान करते हैं। कहा भी तो गया है बच्चों के दिल में भगवान बसते हैं और हमेशा उनका साथ देते हैं।

यह फ़िल्म कल्पना पर बनी हुई है जिसमें गणेश जी को एक मित्र के रूप में दिखाया गया है परंतु यह फिल्म बच्चों को समझाती है कि अगर आपके साथ कोई नहीं है तो ईश्वर हमेशा आपके साथ है इसीलिए अपने को कभी अकेला महसूस ना करें।

हॉलीवुड फिल्में

छोटे बच्चों के लिए फिल्में

बच्चों को हॉलीवुड फिल्में भी बहुत पसंद आती है क्योंकि उसमें बहुत सारी रहस्यमय तथा मनोरंजन से संबंधित सामग्री होती हैं। बच्चों को हॉलीवुड फिल्में देखने को भी प्रेरित करना चाहिए क्योंकि यह फिल्में अंग्रेजी में होती हैं जिससे बच्चों का भाषागत विकास होता है। तो चलिये कुछ फिल्मों को जानते हैं जो बच्चों के देखने योग्य हैं। अधिकतर हॉलीवुड फिल्में अंग्रेजी भाषा में बनाई जाती है जो बच्चों के अंदर से अंग्रेजी का भय समाप्त करती हैं इसीलिए उन्हें बॉलीवुड फिल्में भी देखनी चाहिए। कुछ हॉलीवुड फिल्में इस प्रकार है जिसे आप डिज्नी पर देख सकते हैं।

  • द कराटे किड

यह फिल्म बच्चों के लिए बहुत बेहतरीन है क्योंकि इसमें एक बच्चे का संघर्ष दर्शाया गया है। यह फिल्म 2010 में अमेरिका के सिनेमा पर रिलीज हुई। इसके निर्देशक हराल्ट ज्वाएट है। इस फिल्म के मुख्य कलाकार जगन समीर, जैकी चान एवं टराजी हन्सन आदि हैं।

यह फिल्म एक बच्चे के जीवन का संघर्ष दिखलाती है। एक छोटा लड़का ड्रे जो कमज़ोर होने के कारण अपने स्कूल से एक बच्चे द्वारा बहुत परेशान किया जाता है तथा उसे बहुत पीड़ा सहनी पड़ती है। उसे एक कराटे प्रशिक्षक मिलते हैं जिसकी मदद से वह जीवन में सफल बनता है। इस  प्रशिक्षक के कारण उसका जीवन  खुशियां से भर गया है।

यह फिल्म बच्चों को संघर्ष और चुनौतियों से लड़ने को प्रेरित करती है तथा एक गुरु का महत्व बताने का काम करती है।

  • जुमांजी

जुमान्जी फिल्म 2017 में बनी और यह बच्चों से संबंधित फिल्म है जिसमें कलाकार भी बच्चे ही होते हैं। यह बहुत रोमांच और रहस्यों से भरी हुई फिल्म है जिसमें चार बच्चे ऑनलाइन वीडियो गेम खेल रहे होते हैं। इस वीडियो द्वारा वह जुमानजी दुनिया के खतरनाक जंगलों में पहुंच जाते हैं जहां वह जंगल में में घूमते रहते हैं उन्हें जीने के लिए बहुत कठिनाई से भोजन तलाश करना पड़ता है। वहां से वापस लौटने के लिए उन्हें इस खेल को समाप्त करना पड़ेगा। इस खेल को समाप्त करने के दौरान उन्हें अनेक समस्याओं को झेलना पड़ता हैं तथा अपनी सूझबूझ तथा विवेक का प्रयोग करना पड़ता है।

यह फिल्म बच्चों के मनोरंजन के लिए बहुत अच्छी है क्योंकि यह एक नई दुनिया के बारे में दिखाती है जो बच्चों को रोमांच एवं मनोरंजन प्रदान करता है।

  • द लायन किंग

यह फिल्म 2019 में अमेरिका में बनी। इसके निर्देशक जॉन फेवरोऊ हैं। यह पिक्चर्स द्वारा बनाई गई फिल्म है जिसमें प्रमुख कलाकार डोनाल्ड ग्रोवर, सेठ रोगन ,जॉन काली, एल्फी वुड आदि है।

यह कहानी एक छोटे शेर सिंबा की होती है जिसमें वह अपने परिवार से बिछड़ कर अलग-अलग जगहों में घूमता फिरता है। उसके दुश्मन उसे बहुत परेशान करते हैं। उसके पिता की मृत्यु हो जाती है परंतु वह हार नहीं मानता है। वह अपने दुश्मनों का मुकाबला करता है और अपने प्रयास एवं मेहनत से अन्य जंगली जानवरों को मिलाकर एक समूह बनाता है जो दुश्मनों का मुकाबला करती है। दुश्मनों को हराकर वह जंगल का राजा बनने में सफल हो जाता है।

इस प्रकार से यह कहानी बच्चों को यह नैतिक मूल्य सिखाती है कि मेहनत करने एवं प्रयासरत होने पर अंत में हमें सफलता मिल ही जाती है हमारे दुश्मनों का मुकाबला हमे मजबूती से तथा बिना हार माने करना चाहिए।

  • इंसाइड आउट

इंसाइड आउट 2015 में बनी हॉलीवुड फिल्म है जिसके निर्देशक पीट डोक्टर हैं एवं निर्माता जोनास रिवेरा हैं।

यह फिल्म 94 मिनट की है। इस फिल्म के प्रमुख कलाकार एमी पोहलर, रिचर्ड किंडी, फिलिस, लुईस ब्लैक एंव बिल हैंडर आदि हैं।

यह कहानी एक 11 वर्ष की लड़की रिले पर आधारित है जो अपना पुराना घर छोड़कर सैन फ्रांसिस्को में आ जाती है। वहां पर उसे डर, गुस्सा, खुशी, घृणा और दुख आदि जैसे विभिन्न भावनात्मक परिवर्तन का  सामना करना पड़ता है।

यह फिल्म हमें सिखाती है कि हर बार केवल सकारात्मक भावनाओं का ही होना आवश्यक नहीं है, कई बार नकारात्मक भावनाएं हमें अपने आसपास हो रही गलत चीजों का एहसास दिलाती हैं तथा उनसे लड़ने की शक्ति देती हैं।

यह फिल्म बच्चों के भावनात्मक एवं मनोवैज्ञानिक विचारों से संबंधित है जो बच्चों के मन में उत्पन्न विभिन्न भावनाओं के बारे में बताती हैं।

  • होम अलोन

होम अलोन 1990 में बनी अमेरिका की हॉलीवुड की एक फिल्म है जो अंग्रेजी भाषा में बनी हुई है यह फिल्म 1 घंटे 43 मिनट की है। जिसके निर्देशक क्रिश कोलंबस तथा निर्माता जो हयूज है। इस फिल्म को बेहतरीन बनाने में मैकले कलकिन, जो पेसिक, डेनियल स्ट्रर्न, जॉन, कैथरीन ओ आदि की महत्वपूर्ण भूमिका है।

यह फिल्म एक बच्चे पर बनी है जो फ्रांस में अकेला घर पर छूट जाता है तथा उसका परिवार दूसरी जगह चला जाता है। पहले तो उसे बहुत खुशी होती है कि वह अकेले बिना किसी रोक टोक तथा माता पिता की डांट फटकार के मज़े करेगा परंतु कुछ देर बाद उसे परिवार की कमी का एहसास होने लगता है। वह बहुत डर जाता है जब उसके घर में चोर घुसने का प्रयास करते हैं।

इस तरह यह फिल्म सिखाती है कि माता-पिता का हमारे जीवन में बहुत महत्व है तथा माता-पिता के बिना किसी भी समस्या का सामना करना बहुत मुश्किल होता है। बच्चे उनकी डांट फटकार को नकारात्मक रूप से सोचते हैं परंतु उनका डांटने का कारण उनका हमारे लिए प्यार होता है।

इस प्रकार यह कुछ फिल्में बच्चों के लिए बहुत मनोरंजनपूर्ण एवं ज्ञानवर्धक साबित हो सकती हैं क्योंकि यह सभी फिल्में बच्चों से जुड़ी हुई है तथा बच्चों को कुछ नैतिक शिक्षा  भी देती हैं अर्थात एक तीर से दो निशाने मनोरंजन के साथ साथ ज्ञान की भी प्राप्ति। हमें आशा है कि आपको यह जानकारी अच्छी लगी होगी। हमने सभी फिल्मों का एक सारांश बता दिया है परंतु इनका सही मज़ा इन्हें साथ बैठकर देखने में है तो अपने बच्चों के साथ बैठकर इन फिल्मों का आनंद लीजिए। हम इसी प्रकार की नई-नई जानकारियां आपके लिए लाते रहेंगे।

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