हिन्दी दिवस
14 सितम्बर को हिन्दी दिवस मानया जाता है 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाने की शुरूआत वर्ष 1949 से हुई थी। 14 सितम्बर 1949 को भारत की संविधान सभा ने हिन्दी भाषा को राजभाषा का दर्जा प्रदान किया था।
14 सितम्बर को हिन्दी दिवस मानया जाता है 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाने की शुरूआत वर्ष 1949 से हुई थी। 14 सितम्बर 1949 को भारत की संविधान सभा ने हिन्दी भाषा को राजभाषा का दर्जा प्रदान किया था।
प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस मनाया जाता है और प्रत्येक वर्ष 10 जनवरी को विश्व हिन्दी दिवस के रूप में मनाने की शुरूआत वर्ष 1949 से हुई थी। 14 सितम्बर 1947 को भारत की संविधान सभा ने हिन्दी भाषा को राजभाषा का दर्जा प्रदान किया था तक से इस भाषा के प्रचार और प्रसार के लिए प्रतिवर्ष 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस मनाने की शुरूआत हुई थी।
देवों के देव महादेव की निवास भूमि कैलाश को अपनी गोद में संजोए पर्वतराज हिमालय की उपत्यकाओं में स्थित उत्तराखण्ड राज्य को प्रकृति के आलोकिक सौन्दर्य का वरदान मिला है। हिमालय को जहाँ देवी पार्वती का पिता कहा जाता है, वहीं यह दवेताओं की सर्वाधिक रमणीय भूमि के रूप में हिमालय की गोद में स्थित है तो देवी गंगा का उद्गम स्थल भी यही स्थित है।
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना एक जनकल्याणकारी एवं माइक्रो क्रेडिट स्कीम है, जिसकी शुरुआत माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा 1 जून 2020 को किया गया.आपको बता दें कि इस योजना को प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि के नाम से भी जाना जाता है.
हिंदी भाषा के विकास की जब बात आती है तो मुझे आधुनिक हिंदी साहित्य के पितामह कहे जाने वाले महान साहित्यकार भारतेंदु हरिश्चंद्र की दो पंक्तियां याद आती है
जन्म के पश्चात् शिशु जिस भाषा को अपनी माता से सीखता है, उसे मातृभाषा कहते हैं। मातृभाषा किसी भी व्यक्ति की सामाजिक एवं भाषाई पहचान होती है । मातृभाषा हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है। हिन्दी भारत में रहने वाले अधिकतर लोगों की मातृभाषा है। हिन्दी को भारत में रहने वाला हर व्यक्ति समझ सकता है, फिर चाहे उसे हिन्दी बोलनी या पढ़नी न आती हो ।
हर वर्ष 14 सितंबर को मनाया जाने वाला हिन्दी दिवस भारतीय संस्कृति को सजाने और हिन्दी भाषा को सम्मान देने का एक तरीका है । वर्ष 1929 में इस दिन भारत का संविधान सभा द्वारा हिन्दी को देश आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया था।
मेरे लिए सफलता बहुत ताकत वाला शब्द है और यह शब्द मेरी जिंदगी में बहुत महत्वपूर्ण है। बहुत सारे लोग या मैं कह सकती हूं कि सारे लोग इसके पीछे भागते हैं और इसे जीतना चाहते हैं । पर मैं यह कहना चाहती हूं कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हर एक इंसान इसको जाने इसको समझे और अपनी जिंदगी में कुछ ऐसा काम करें कि उसे सफलता प्राप्त हो ना की किसी और की नकल करे।
आज के वक़्त में जहाँ विज्ञान ने बहुत तरक्की कर ली है, वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसे रहस्य भी हैं जिन्हें आज तक कोई समझ नहीं पाया है।
मुझे पहचानते हो खुदा का बनाया मैं इंसान हूं खुद का बनाया मैं गुनहगार हूं मुझे पहचानते होमैं इंसान हूं।