विश्व साइकिल दिवस
साइकल दिवस हर साल 3 जून को मनाया जाता है। अप्रैल 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने हर साल 3 जून को साइकिल दिवस मनाने का निर्णय लिया था।
साइकल दिवस हर साल 3 जून को मनाया जाता है। अप्रैल 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने हर साल 3 जून को साइकिल दिवस मनाने का निर्णय लिया था।
किसी भी खिलाड़ी का सपना होता है कि वह ओलंपिक खेलों में भाग लेकर अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करे तथा स्वर्ण, रजत एवं कांस्य पदक जीतकर अपने देश का नाम गौरवान्वित करें।
हमेशा से विश्वविद्यालय में दाखिला करवाना छात्रों के लिए बहुत चुनौतीपूर्ण रहा है। विशेष रुप से कुछ प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में दाखिला का सपना विद्यार्थियों का रहता है परंतु वहां अंकों की कट आफ बहुत ज्यादा आती है।
मेटावर्स की 3D दुनिया की अवतार फिल्म जैसी होगी। इस तकनीक को हकीकत में लाने के लिए बहुत सारे क्षेत्र की कंपनियां जैसे कि हॉस्पिटैलिटी, टेलीकॉम, बैंकिंग, हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर आदि कंपनियों को मिलकर एक ईको सिस्टम डिवेलप करना होगा तब जाकर ये तकनीक इस्तेमाल करने योग्य होगी।
कुलीन तंत्र भी एक प्रकार की शासन प्रणाली है। जिसमें सत्ता एवं शक्तियां कुछ आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक रूप से शक्तिशाली लोगों के समूह अर्थात संपन्न वर्ग के पास होती हैं। वह लोग ही देश पर शासन करते हैं और राष्ट्र को चलाते हैं।
गीतांजलि द्वारा लिखित, 18 साल का छात्र रूस, सोवियत संघ का एक हिस्सा था परंतु सोवियत संघ के विघटन के बाद यह एक स्वतंत्र राष्ट्र बन गया।
रूस और यूक्रेन के बीच वर्षों से चल रहे विवाद में 2022 में फिर से चिगांरी भड़क गई है। इस बार इस विवाद ने युद्ध की विभीषिका का रूप ले लिया है।
रूथ बेडर गिंस्बर्ग अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट की दूसरी महिला न्यायधीश थी। उनका जन्म 15 मार्च,1933 को ब्रुकलीन,न्यूयॉर्क में हुआ था। वह एक ऐसी महान शख्सियत थी, जिन्होंने केवल दूसरों के अधिकारों के लिए लड़ाइयाँ लड़ी। खासकर उन्होंने महिलाओं व अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए काफी संघर्ष किया, जिसमें उन्हें कामयाबी भी मिली।
प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना एक जनकल्याणकारी एवं माइक्रो क्रेडिट स्कीम है, जिसकी शुरुआत माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा 1 जून 2020 को किया गया.आपको बता दें कि इस योजना को प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि के नाम से भी जाना जाता है.
आपको बता दें कि हर साल 14 सितंबर को पूरे भारत देश में “हिंदी दिवस” बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है|14 सितंबर,1949 को भारत की संविधान सभा में हिंदी को राजभाषा के रूप में दर्जा दिया गया|और फिर साल 1953 में हिंदी भाषा को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के उद्देश्य से राष्ट्रभाषा प्रचार समिति,वर्धा के द्वारा बहुत अनुरोध करने पर पूरे भारतवर्ष में 14 सितंबर को प्रतिवर्ष हिंदी दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा|