असम में बाढ़ का तांडव, 41 लाख से ज्यादा लोग हुए प्रभावित
असम हर वर्ष बाढ़ की कहर का शिकार होता है। इस वर्ष भी जून माह में असम में ब्रह्मपुत्र नदी के बढ़ते जल के कारण बाढ़ आ गई है।
असम हर वर्ष बाढ़ की कहर का शिकार होता है। इस वर्ष भी जून माह में असम में ब्रह्मपुत्र नदी के बढ़ते जल के कारण बाढ़ आ गई है।
गीतांजलि द्वारा लिखित, 19 साल की छात्रा
हमारे भारत के राज्य विभिन्न प्रकार के भौगोलिक विभिन्नताओं से भरे हुए हैं। इसलिए हर क्षेत्र की अपनी कुछ प्राकृतिक समस्याएं होती है। इन समस्याओं में सूखा, बाढ़, भूस्खलन, ज्वालामुखी विस्फोट आदि शामिल है। सूखा और बाढ़ हमारे देश के विभिन्न राज्यों की एक विशेष समस्या है। कुछ राज्य बाढ़ की समस्या से निरंतर जूझते रहते हैं उनमें से एक है असम। असम हर वर्ष बाढ़ की कहर का शिकार होता है। इस वर्ष भी जून माह में असम में ब्रह्मपुत्र नदी के बढ़ते जल के कारण बाढ़ आ गई है तो आइए आज जानते हैं असम के बाढ़ के बारे में:-
असम में बाढ़
असम राज्य हमारे उत्तर पूर्वी राज्यों में शामिल है यहां बाढ़ की स्थिति हमेशा बनी रहती है। इस बार भी जून के महीने में ही ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर बढ़ने लगा और कुछ दिनों बाद ही ब्रह्मपुत्र नदी द्वारा लाए गए जल से असम में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। यह बहुत ही भयानक प्राकृतिक आपदा के रूप में साबित हो रहा है क्योंकि इस आपदा के कारण जान माल का बहुत नुकसान हो रहा है।
मानसून के कारण होने वाली तेज वर्षा के कारण असम में बाढ़ की स्थिति और भी भयावह और विनाशकारी हो गई। एक तरफ ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों का बढ़ता जलस्तर और दूसरी और आसमान से आते तूफान और बारिश का कहर। इस भयानक प्राकृतिक आपदा के बीच में असम के लोग बुरी तरह फंसे हुए हैं।
अभी जुलाई के महीने में भी स्थिति बहुत खराब है। बाढ़ का पानी लोगों के घरों और फसलों को नष्ट कर चुका है तथा लोग अपनी जान बचाने के लिए स्थान एवं भोजन की तलाश में लगे हुए हैं।
असम बाढ़ के कारण
असम मे अनेक ऐसे कारण है जो बाढ़ की स्थिति को उत्पन्न करते हैं जिसमें असम की भौगोलिक स्थिति , ब्रह्मपुत्र नदी का जल एवं तेज मानसून आदि शामिल है।
असम में अगर बाढ़ के कारणों के बारे में बात की जाए तो ब्रह्मपुत्र नदी को असम का शोक कहा जाता है क्योंकि ब्रह्मपुत्र नदी ही असम में आने वाले बाढ़ का मुख्य कारण है जब ब्रह्मपुत्र नदी पहाड़ों से नीचे की ओर प्रवेश करती है तो धीरे-धीरे उसके साथ अनेक सहायक नदियां (छोटी-छोटी नदियां जो विभिन्न क्षेत्रों से निकलकर बड़ी नदियों में मिलती हैं) मिल जाती है जिसके कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है।
असम में आने वाले बाढ़ का कारण असम की भौगोलिक स्थिति भी है। असम के ऊपरी क्षेत्रों के पहाड़ों की ऊंचाई बहुत अधिक है जबकि असम एक समतल राज्य है इसीलिए पहाड़ी क्षेत्रों से आकर पानी असम में इकट्ठा हो जाता है और नदी के इस तीव्र बहाव के दौरान की स्थानों पर भूस्खलन (जमीन का खिसकना) भी हो जाता है।
आपके मस्तिष्क में यह सवाल उठ रहा होगा कि केवल असम में ही बाढ़ क्यों आती है उसके आसपास के प्रदेश जैसे मणिपुर, त्रिपुरा आदि में बाढ़ की स्थिति क्यों नहीं उत्पन्न होती तो इसके पीछे यह कारण है कि असम के आसपास के सारे राज्य पहाड़ी राज्य हैं जिस कारण वहां से पानी बह कर असम में आ जाता है। अर्थात हम यह समझ सकते हैं कि असम की भोगौलिक स्थिति ही ऐसी है कि वहां हर वर्ष बाढ़ आ जाती है।
इसी दौरान असम में मानसून विस्फोट भी होता है जिससे बाढ़ और अधिक बढ़ जाती है जैसे इस वर्ष जून, 2022 में बाढ की स्थिति उत्पन्न हुई इसी दौरान मानसून आने के कारण वर्षा भी तेज हो गई।
बाढ़ का परिणाम
असम में आने वाले निरंतर बाढ़ के कारण वहां बहुत अधिक हानि होती है बाढ़ की स्थिति असम के आर्थिक, समाजिक तथा जनजीवन को बहुत बुरी तरह प्रभावित करती है।
बाढ़ के कारण बहुत बड़ी संख्या में घर, फैक्ट्रियां एवं लोगों की फसलें सभी डूब जाते हैं तथा उन्हें बड़ी मात्रा में हानि पहुंचती है।
हर वर्ष बाढ़ के कारण असम राज्य को लगभग 200 करोड़ रुपयों की हानि होती है जिससे राज्य में होने वाले विकास कार्य रुक जाते हैं।
असम में आने वाले बाढ़ के कारण वहां के किसानों की फसलें डूब जाती हैं जिस कारण वहां पर आर्थिक संकट तथा खादान संकट की स्थिति उत्पन्न होती है।
असम में निरंतर आने वाले बाढ़ के कारण सामाजिक रूप से भी बहुत प्रभाव पड़ता है समाज में अशांति फैल जाती है विद्यालय, अस्पताल और प्रशासनिक कार्यालय सभी आधारभूत सुविधाएं बाढ़ के कारण बंद हो जाती है।
बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा के कारण असम में गरीबी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है क्योंकि हर साल आने वाले यह बाढ़ लोगों की आर्थिक स्थिति को कमजोर कर देती है और गरीबी भी समाज के लिए बड़ी परेशानी साबित होती है।
बाढ़ के कारण कारण लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो जाता है। बड़ी संख्या में लोग मारे जाते हैं आधारभूत सुविधाओं को जुटाना मुश्किल हो जाता है तथा प्रशासन भी कुछ नहीं कर पाती है।
इस बार भी जून 2022 में आई असम बाढ़ के चपेट में लाखों लोग आ चुके हैं और उनमें से लगभग 180 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। अभी भी स्थिति बहुत बुरी है।
असम में आने वाली बाढ़ से प्राकृतिक एवं जीव जंतुओं पर भी बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। आप सभी जानते हैं कि असम में काजीरंगा नेशनल पार्क है जहां हर वर्ष बाढ़ के कारण काफी संख्या में जानवर मर जाते हैं। असम के लोगों द्वारा पाले गए पालतू जानवरों की भी बड़ी संख्या मे मृत्यु हो जाती है।
बाढ़ के कारण असम में बड़ी संख्या में पेड़ पौधे भी नष्ट हो जाते हैं। लोगों का मानना है कि बाढ़ के कारण आने वाली मिट्टी से जमीन उपजाऊ हो जाती है परंतु इतने सारे नुकसान के सामने यह एक फायदा अनुपयोगी है।
आज हमने जाना कि असम में आने वाले बाढ़ के कारण, स्थिति तथा उसके प्रभाव क्या हैं। बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा के समाधान के लिए सभी वैज्ञानिक रिसर्च में लगे हुए हैं परंतु अभी तक इसका कोई प्रभावी परिणाम नहीं निकला है।
आप सभी असम के लोगों के लिए डोनेशन करके उनकी मदद कर सकते हैं जिससे उनके लिए खाद पदार्थ, स्वास्थ्य सुविधाएं एवं राहत पहुंचाई जाती हैं। आशा है कि जल्दी ही स्थिति अच्छी हो जाएगी तथा असम के लोग सामान्य रूप से जीवन जीने लगेंगे। हम इसी प्रकार की और भी विषयों एवं जानकारियों के साथ जल्द ही मिलते हैं।
क्या आप भी नन्ही खबर के लिए लिखना चाहते हैं?
संपर्क करें nanhikhabar@gmail.com पर
शीर्षक छवि स्रोत: thehindu.com