गीतांजलि द्वारा लिखित, 19 साल की छात्रा

मनुष्य के जीवन की हर सांस एवं संपूर्ण जीवन पेड़ पौधे और वनों पर आश्रित है क्योंकि यह हमें ऑक्सीजन देते हैं जो जीवनदायिनी गैस मानी जाती है।

पेड़ पौधों के महत्वों को समझते हुए जुलाई महीने का पहला सप्ताह 1 से लेकर 7 जुलाई तक के दिन को वन महोत्सव के रूप में मनाया जाता है तो आज हम वन महोत्सव के बारे में संपूर्ण जानकारी हासिल करेंगे।

वन महोत्सव का शाब्दिक अर्थ?

वन महोत्सव का शाब्दिक अर्थ बहुत अद्भुत है‌। वन का अर्थ पेड़ पौधे एवं हरियाली है तथा महोत्सव का अर्थ हम किसी बड़े त्योहार तथा उत्सव से ले सकते हैं अर्थात वन महोत्सव पेड़ पौधों एवं हरियाली का महान उत्सव माना जाता है जिसमें पेड़ पौधे लगाकर एवं जागरूकता फैलाकर इस सप्ताह को उत्सव के समान मनाया जाता है।

वन महोत्सव कब मनाया जाता है?

वन महोत्सव की जानकारी

वन महोत्सव हर वर्ष भारत के विभिन्न राज्यों में जुलाई महीने में मनाया जाता है। यह संपूर्ण भारत में एक हफ्ते तक चलता है जिसमें 1 से 7 जुलाई तक बड़ी संख्या में पेड़-पौधे लगाए जाते हैं। किसी राज्य में यह 1 जुलाई किसी राज्य में 7 जुलाई तथा अधिकतर राज्यों में सम्पूर्ण सप्ताह भर मनाया जाता है। इस महीने को ही वनों से जोड़कर देखा जाता है इसीलिए इस महीने पर वृक्षारोपण पूरे महीने चलती रहती है और सही भी है जब हम पेड़ों का प्रतिदिन उपयोग करते हैं तो हमें प्रतिदिन पेड़ लगाने चाहिए।

वन महोत्सव का इतिहास

हम सभी जानते हैं कि पेड़ हमारे लिए कितने महत्वपूर्ण हैं इसीलिए वन महोत्सव मनाना एक सकारात्मक पहल है परंतु इस पहल की शुरुआत किसने की थी? तो बता दें कि प्रथम बार वन महोत्सव बनाने की शुरुआत 1950 में भारत के कृषि मंत्री के एम मुंशी द्वारा की गई थी। उसके बाद से हर वर्ष भारत में नियमित रूप से जुलाई में वन महोत्सव मनाया जाता है।

वन महोत्सव का आयोजन

वन महोत्सव का आयोजन संपूर्ण भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में बड़े धूमधाम से किया जाता है जहां पर सभी उम्र के लोग पेड़ लगाते हैं।

इस दिन विद्यालय और विश्वविद्यालयों में अनेक प्रतियोगिताएं आयोजित कराई जाती हैं जिसमें पोस्टर, वाद विवाद, नाटक और प्रश्नोत्तरी आदि प्रतियोगिताएं शामिल हैं।

संपूर्ण भारत में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से अनेक रैलियां निकाली जाती है जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल होते हैं।

इस महीने में गैर सरकारी संगठन भी बहुत सक्रिय एवं क्रियाशील हो जाते हैं वह भी अपने सदस्यों को जागरूकता फैलाने तथा बड़ी मात्रा में पेड़ पौधे लगाने को प्रेरित करते हैं।

वन महोत्सव के दौरान अनेक कार्यक्रमों का आयोजन होता है जिसमें बड़े-बड़े वक्ताओं को आमंत्रित किया जाता है जो लोगों में जागरूकता फैलाते हैं तथा उन्हें जानकारियां प्रदान करते हैं।

वन महोत्सव का उद्देश्य

वन महोत्सव क्या है

वन महोत्सव को मनाने का उद्देश्य संपूर्ण भारत भर में पेड़ पौधे के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाना है।

लोगों द्वारा अपने स्वार्थ के लिए किए जा रहे वनों की अधिकतम कटाई को रोकना तथा उसके प्रभाव के बारे में बताना है।

मानवीय क्रियायें किस प्रकार से हमारे पर्यावरण को प्रभावित कर रही हैं, उसके बारे में जागरूकता प्रदान करना है।

लोगों को वनों की कटाई करने से रोकना है तथा उन्हें दूसरे लोगों को भी रोकने को प्रेरित करना है।

वन महोत्सव को मनाने का हमारा मुख्य लक्ष्य हरे-भरे और पेड़ पौधों से संपन्न भारत का निर्माण करना है।

वन महोत्सव का महत्व

वन महोत्सव को मनाना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत एक ऐसा देश है जहां प्रकृति को देवता से जोड़कर देखा जाता था परंतु आज के समय में लोग अपनी आवश्यकताओं को पूरी करने के लिए प्रकृति एवं पेड़ पौधे का अति दोहन कर रहे हैं ऐसी स्थिति में वन महोत्सव उन्हें इस बात का एहसास दिलाता है कि प्रकृति उनकी माता समान है।

वन महोत्सव लोगों को वनों के महत्व के बारे में याद दिलाता है। वन हमारे सारे मूलभूत आवश्यकताओं को पूर्ण करते हैं। पेड़ पौधों से ही लोगों को खाने के लिए भोजन, रहने के लिए आवास, कंपनियों में कच्चा माल और अस्पतालों में दवाइयां आदि की प्राप्ति होती है।

इस वर्ष हम अभी 2022 का वन महोत्सव मना रहे हैं हमें उम्मीद है कि आप सब इस वन महोत्सव को बहुत धूमधाम से मनाएंगे तथा प्रकृति की सुरक्षा में अपना योगदान देंगे क्योंकि अब पर्यावरण की स्थिति बहुत खराब होती जा रही है, अगर हम अब प्रकृति को नहीं बचाएंगे तो तब बचाएंगे। हम सभी जानते हैं कि प्रकृति और पेड़ पौधों के बिना मनुष्य का जीवन संभव ही नहीं है। तो आप वन महोत्सव मनाइए हम इसी तरह की महत्वपूर्ण जानकारियों के साथ आपके समक्ष जल्द ही मौजूद होंगे।

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