अनू द्वारा लिखित, 22 साल की छात्रा

कोरोना वाइरस से लड़ने की राह में विश्व की कई जानी मानी कंपनियाँ अपना अपना दाँव आज़मा रही है। और अब इस दौड़ में भारत की सीरम इंस्टीट्यूट भी अपना दाँव आजमाने जा रही है। इंस्टीट्यूट की पुणे स्थित लेबोरेटरी में विश्व के कई बड़े वैज्ञानिक बड़े ज़ोरों-शोरों से कोरोना वाइरस के लिए के लिए वैक्सीन बनाने में जुटे हैं। इंस्टीट्यूट का दावा है कि करीब 100 मिलियन वैक्सीन के जरिये वे लोगों को टेस्ट करने जा रहे हैं। इसके ट्रायल वे कई देशों में करेंगे जिसमें से भारत भी एक है। यह अभी साफ नहीं है कि भारत में कितने लोगों के लिए यह वैक्सीन उपलब्ध हो पाएगी।

सभी एकजुट होकर कर रहे हैं काम

सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया, गावी और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फ़ाउंडेशन (BGMF) के सहयोग से 100 मिलियन वैक्सीन का उत्पादन करेगी। यह वैक्सीन कम खर्च पर उपलब्ध होगी एवं 2021 के शुरुयात तक में आ जाएगी। ऐसा ‘अदर पूनावाला’ सीरम इंस्टीट्यूट के CEO का कहना है। उनका यह भी कहना है कि “कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में ऐसी स्थिति में यह जरूरी है कि सभी स्वास्थ्य कर्मी, सभी देशों की सरकारे साथ में आकर काम करें ताकि कोई भी रह न जाए”।

कबसे शुरू होगा वैक्सीन का ट्रायल?

इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार यह खुराक सभी कंपनियों एवं सरकारों के सहयोग द्वारा वितरित की जाएगी। इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार यह वैक्सीन 2020 के अंत तक ट्रायल यू.के. में शुरू होने की उम्मीद है।

आज कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या में लगातार इज़ाफा हो रहा है। और इस महामारी से बचाव हेतु आज विश्वभर की सभी कंपनियाँ साथ मिलकर कार्यरत है। ऐसे में सीरम इंस्टीट्यूट भी इस रेस में शामिल है। इंस्टीट्यूट करीब 200 मिलियन वैक्सीन बनाने का दावा कर रहा है। पर इसका असर कितना होगा, कितना नहीं होगा, यह अभी नहीं कहा जा सकता पर आशा ज़रूर देती है।

परीक्षण की सफलता होगी भारत के लिये एक बड़ी उपलब्धि

सीरम इंस्टीट्यूट के सभी वैज्ञानिक बड़े जोरों शोरों से इस पर काम कर रहे हैं। वैक्सीन बनाने के लिए बीमारियों के टीकों का परीक्षण किया जा रहा है और इनके मिश्रण से भी वैक्सीन बनाने की कोशिश की जा रही है। विश्व की सभी कंपनियों के बहुत बड़े दावे हैं वैक्सीन के लिए। सभी कंपनियों का यह दावा है कि वैक्सीन बहुत ही सस्ते दाम पर उपलब्ध होगी जिसकी सहायता से कई लोगों को ठीक किया जा सकेगा। अगर इंस्टीट्यूट का यह परीक्षण सफल होता है तो यह इंस्टीट्यूट तथा भारत की भी बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। सीरम इंस्टीट्यूट के सभी वैज्ञानिक एवं गावी कंपनी के सभी लोग इसके ही प्रयास में लगे हैं। कोरोना वाइरस संभावित वैक्सीन कोडागेनिक्स CDX005 विकसित करेगा जो एक इंजेक्शन के बजाई स्वेच्छा से स्वयंसेवकों को दिया जाएगा।

क्या आप भी नन्ही खबर के लिए लिखना चाहते हैं?

संपर्क करें nanhikhabar@gmail.com पर