श्वेता बंसल द्वारा लिखित

सत्या नडेला विश्व की प्रमुख सॉफ्टवेयर कंपनी माइक्रोसॉफ्ट में कार्यकारी अधिकारी (CEO) के पद पर नियुक्त थे, उन्हें अब जून में उसी कंपनी का चेयरमैन घोषित कर दिया गया है, और वे जल्द ही अभी के चेयरमैन जॉन डब्लयू थॉमप्सन की जगह लेंगे।

सत्या नडेला का जन्म 19 अगस्त 1967 को अनंनतपूर जिले के एक तेलुगु परिवार में हुआ था, जो हैदराबाद, तेलंगाना, भारत में है। सत्या नडेला एक अच्छे और शैक्षणिक परिवार से हैं, उनके पिता भारतीय प्रशासनिक सेवा में एक सिविल सेवक के रूप में कार्यरत थे। सत्या ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हैदराबाद के स्कूल से ही ग्रहण करी। 1988 में कर्नाटक के मणिपाल इंस्टीट्यूट से उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद अपने आगे की पढ़ाई के लिए वह अमेरिका चले गए, और विस्कॉन्सिन-मिल्वौकी विश्वविद्यालय से कंप्यूटर में एमएस की डिग्री प्राप्त की। 1992 में पहली बार में माइक्रोसॉफ्ट से जुड़े और आज तक वहीं कार्यरत है।

1992 में सत्या ने अनुपमा नामक लड़की से शादी कर ली थी। अनुपमा सत्या के पिता के मित्र की बेटी थी, जो मणिपाल मे सत्या की जूनियर भी रही। सत्या और अनुपमा के तीन बच्चे हैं- एक बेटा ज़ेन नडेला और दो बेटियां – तारा नडेला और दिव्या नडेला। सत्या को भारतीय और अमेरिकी कविताओं का बहुत शौक है। उन्हें क्रिकेट खेलना भी काफी पसंद है – वह अपनी स्कूल टीम में एक सक्रिय भागीदार थे। सत्या ने अपनी जिंदगी पर आधारित एक किताब ‘हिट रिफ्रेश’ भी लिखी है, जो उनके बारे में, उनके परिवार के बारे में, तथा उनकी तकनीकी मान्यताओं पर आधारित है।

सत्या नडेला को देखकर लगता है जिंदगी कितनी आसान है और उपलब्धियों से भरी है। सत्या के बेटे ज़ेन नडेला मस्तिष्क पक्षाघात (cerebral palsy) नामक बीमारी से जूझ रहे हैं। जब सत्या को इसका पता चला तो उनके पैरों के नीचे से जमीन निकल गई। पर परिस्थिति को चुनौती मान उन्होंने और उनकी पत्नी ने उससे बहुत कुछ सीखा और दुनिया को भी सिखाया। सत्या की मानें तो उनके बेटे की बीमारी ने उन्हें बहुत बदल दिया और उनको इंसानी गुणों की नींव सहानुभूति की विशेषता समझाई। सत्या की भाषा में – ‘टेक्नोलॉजी मनुष्य के मुलायम स्पर्श के बिना कुछ भी नहीं है और इंसान सहानुभूति के बिना कुछ भी नहीं है।’

सत्या के करियर की शुरुआत सन माइक्रोसिस्टम से 1990 में हुई थी। 1992 में सत्या ने माइक्रोसॉफ्ट को चुना और क्लाउड कंप्यूटिंग की कई बड़ी परियोजनाओं को सफलतापूर्वक पूर्ण किया। यही नहीं उन्होंने दुनिया का सबसे सफल और सबसे बड़ा क्लाउड इन्फ्राट्रक्चर भी बनाने में योगदान किया। सत्या अब तक निम्नलिखित पदों पर कार्य कर चुके हैं :

  • मार्च 2007 से फरवरी 2011 – सीनियर वाइस प्रेसिडेंट ऑफ रिसर्च एंड डेवलपमेंट फॉर द ऑनलाइन सर्विसेज डिविजन
  • 9 फरवरी 2011 से फरवरी 2014 – प्रेसिडेंट ऑफ सरवर एंड टूलस डिवीजन
  • वाइस प्रेसिडेंट ऑफ बिजनेस डिविजन
  • कॉर्पोरेट वाइस प्रेसिडेंट ऑफ बिजनेस सॉल्यूशंस एंड सर्च एंड एडवरटाइजिंग प्लेटफार्म ग्रुप
  • एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट ऑफ क्लाउड एंटरप्राइज ग्रुप
  • 4 फरवरी 2014 – सीईओ ऑफ़ माइक्रोसॉफ्ट, माइक्रोसॉफ्ट के अब तक के तीसरे सीईओ – बिल गेट्स (1st), स्टीव बॉलमर (2nd)
  • जून 2021 – चेयरमैन ऑफ़ माइक्रोसॉफ्ट

सत्य नडेला (एक्स सीईओ, करंट चेयरमैन ऑफ़ माइक्रोसॉफ्ट), अरविंद कृष्णा (सीईओ आईबीएम), सुंदर पिचाई (सीईओ ऑफ़ गूगल एंड अल्फाबेट इन कॉरपोरेशन), शांतनु नारायण (सीईओ एडोबी), अजय पाल सिंह (सीईओ मास्टरकार्ड) के जैसे और ना जाने कितने ही भारतीय मूल के लोग बड़ी-बड़ी कंपनियों में बहुत ऊंचे ऊंचे पदों पर कार्यरत हैं। यह भारत के लिए अभिमान की बात है, और यह भारत की यंग जनरेशन को बड़े-बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित भी करते हैं।

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