प्रिया द्वारा लिखित, कक्षा 10 की छात्रा

राजस्थान के जालौर जिले में बहुत तेज़ धमाके के साथ बम की तरह एक चीज़ आसमान से आकर गिरी और ज़मीन में एक फुट तक धंस गई। इस धमाके की आवाज़ 2 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। इस चीज़ को उल्कापिंड (meteorite) बताया जा रहा है ।

इस वस्तु का वज़न 2 किलो 788 ग्राम निकला ।

हैरानी की बात यह है कि इस वस्तु की कीमत करोड़ों में आंकी जा रही है । प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इस टुकड़े की गति बहुत तेज़ थी और इसकी आवाज़ किसी हेलिकॉप्टर जैसी लग रही थी। सुनने में तो ये भी आ रहा है कि कि इसके सामने एक पंखों वाला उपकरण लगा हुआ था। जब यह वस्तु नीचे गिरी तो काफी देर तक बहुत गरम रही। जैसे ही वस्तु ठंडी हुई पुलिस ने इसे एक जार में रखवा दिया।

जब इस धातु की जांच कम्प्यूटर व मशीन से की गई तो उसकी सतह में धातु की मात्रा प्लेटीनम 0.05 ग्राम, नायोबियम 0.01 ग्राम, जेर्मेनियम 0.02 ग्राम, आयरन 85.86 ग्राम, कैडमियम 0.01 ग्राम, निकिल 10.23 ग्राम पायी गई है। इसका कुल वज़न 2.788 किलोग्राम है ।

उल्काएं क्या होती हैं?

सभी ने रात को आकाश में अक्सर टूटते हुए तारे तो देखे ही होंगे। असल में ये तारा नहीं होता न ही कभी कोई तारा ऐसे टूटता है। जिन्हें हम टूटता तारा समझने की भूल करते हैं वे उल्काएं होती हैं। बहुत सी उल्काएं तो हमें दिखाई भी नहीं देती। हम सिर्फ उन्हीं उल्काओं को देख पाते जो पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश कर जाती हैं। उनकी गति बहुत होती है और वायुमंडल में प्रवेश के कारण उनमें आग लग जाती है। इसी आग की वजह सी हम इन्हें देख पाते हैं और टूटते हुए तारे का नाम देते हैं। अक्सर रात में बहुत सारे उल्काएं देखे जा सकते हैं लेकिन इनमें से पृथ्वी पर गिरने वाले पिंडों की संख्या बहुत कम होती है ।

उल्कापिंड क्या हैं?

रात के समय बहुत सी आकाश में उल्काएं देखी जा सकती है। बहुत सी उल्काएं जलते हुए बिल्कुल खत्म हो जाती है। जिस उल्का के वायुमंडल में जलने के बाद भी कुछ हिस्सा बच जाये और वह हिस्सा धरती की सतह पर कहीं गिरे, उसे उल्कापिंड कहते हैं। आसान भाषा में जली हुई उल्का का बचा हुआ टुकड़ा उल्कापिंड कहलाता है। काई बार ये उल्कापिंड अंतरिक्ष से जुड़े रहस्यों को खोलने मे मददगार साबित हो जाते हैं।

क्षुद्र ग्रह क्या होते हैं?

क्षुद्र ग्रह अंतरिक्ष की बाकी ग्रहों की तरह ही सूर्य के चारों और चक्कर लगाते हैं। इनका आकार उल्कापिंड से बड़ा लेकिन ग्रहों से काफी छोटा होता है। इनके छोटे आकार के कारण ही इन्हें ग्रहों में नहीं गिना जाता।

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