गीतांजलि द्वारा लिखित, 19 साल की छात्रा

किसी समय पर भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था क्योंकि यहां पर बहुत अधिक सोने चांदी हीरे मोती तथा पैसे थे। परंतु आज भी भारत की स्थिति आर्थिक रूप से बहुत अच्छी है क्योंकि कुछ लोगों ने अपनी मेहनत और दृढनिश्चय से अपने छोटे से व्यवसाय को भी बड़े मुकाम पर पहुंचाया है और खूब नाम और पैसे हासिल किया है। इन्हीं में से एक है सावित्री जिंदल जो अभी कुछ समय पहले ही भारत की सबसे अमीर महिला से एशिया की सबसे अमीर महिला भी बन गई हैं और संपूर्ण विश्व में प्रसिद्ध हो रही हैं। आज हम उनके बारे में जानेंगे तथा उनके एशिया की सबसे अमीर महिला बनने तक की यात्रा को समझेंगे।

सावित्री जिंदल का जीवन

सावित्री जिंदल का जन्म 20 मार्च 1950 में तिनसुकिया गांव असम में हुआ था। अगर हम सावित्री की शिक्षा की बात करें तो वह स्कूल गई परंतु उन्हें कॉलेज नहीं भेजा गया और वह अपनी शिक्षा पूर्ण नहीं कर पाई।

सावित्री जब मात्र 15 वर्ष की आयु की थी तभी ओपी जिंदल की पहली पत्नी जोकि सावित्री की बहन भी लगती थी विद्या देवी की असमय मृत्यु हो गई। उसके बाद सावित्री के परिवारवालों ने सावित्री की शादी ओपी जिंदल से तय करवा दी। 20 वर्ष की उम्र में जब वह विवाह करके गईं तो ओपी जिंदल के छः बच्चे पहले से ही थे और उनके तीन बच्चे बाद में हुए। इस प्रकार उन्होंने नौ बच्चों की जिम्मेदारी उठाते हुए, अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाया। उनके जीवन का संघर्ष बताता है कि एक औरत इतनी मजबूत और शक्तिशाली है कि कई जिम्मेदारियां एक साथ उठा सकती है।

सावित्री जिंदल का व्यावसायिक जीवन

आज सावित्री जिंदल, जिंदल ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज की मालकिन है तथा एशिया की सबसे अमीर महिला बन गई हैं परंतु उन्होंने भी अपने व्यवसाय की शुरुआत बहुत नीचे स्तर से की तथा अनेक चुनौतियों को झेला है। सावित्री जिंदल ने 1950 में ओपी जिंदल से शादी की थी और 1952 में ओपी जिंदल ने जीविका उपार्जन के लिए व्यवसाय आरंभ किया। उस समय वे बाल्टी बनाते थे फिर दोनों ने हिसार हरियाणा में एक छोटी सी कंपनी स्थापित की और 1964 में पाइप बनाने वाली कंपनी के रूप में जिंदल इंडिया लिमिटेड अस्तित्व में आया। उन्होंने अपना पहला बड़ा कारखाना पश्चिम बंगाल की राजधानी कलकत्ता में शुरू किया।

बिजनेस में उतार-चढ़ाव

हम सभी जानते हैं कि बिजनेस में हमेशा उतार-चढ़ाव आता रहता है वैसे ही सावित्री देवी जी ने अपने बिजनेस में बहुत उतार-चढ़ाव देखा है। ओ पी जिंदल की 2005 में मृत्यु हो गई, यह समय जिंदल इंडस्ट्रीज के लिए बहुत बुरा था फिर सावित्री जिंदल ने ही कंपनी की ज़िम्मेदारी ली। उन्होंने ठान लिया कि वह इस कंपनी को बहुत ऊंचाइयों तक लेकर जाएंगी। 2012-13 में कंपनी की कुल संपत्ति 7.6 बिलियन डॉलर थी परंतु इसमें बड़ी कमी देखने को मिली तथा 2016 में केवल 3.5 बिलियन डॉलर रह गई। ऐसा ही एक बार और हुआ 2018 में कुल संपत्ति 8.8 बिलियन डॉलर थी जो 2 साल बाद 4.8 मिलियन डॉलर रह गई। 2020 के बाद उनके बिजनेस में लगातार वृद्धि हुई ।

2022 में बनी एशिया की सबसे अमीर महिला

पिछले कुछ वर्षों में सावित्री का बिजनेस में बहुत अधिक इजाफा हुआ है। 2020 में 4.8 अरब डॉलर की संपत्ति अब 17 अरब डॉलर है।

फॉर्ब्स बिलेनियर लिस्ट 2022, एक लिस्ट है जो विश्व के अमीर लोगों की रैंकिंग निकालता है। इस लिस्ट में कई सालों से भारत की सबसे अमीर महिला के रूप में सावित्री जिंदल का नाम आ रहा है परंतु इस वर्ष वह एशिया की सबसे अमीर महिला भी बन गई हैं।

उनसे पहले एशिया की सबसे अमीर महिला चीन की यांग हुइयां थी परंतु इस वर्ष चाइना में बढ़ती आर्थिक मंदी के कारण उनकी संपत्ति में 11 अरब डॉलर की गिरावट आई है जिस कारण सावित्री जिंदल एशिया की सबसे अमीर महिला बन गई हैं।

इस प्रकार आज हमने सावित्री जिंदल के बारे में जानकारी हासिल की। वह सभी महिलाओं के लिए एक मिसाल हैं उन्होंने जीवन में अनेक समस्याओं का सामना करते हुए भी सफलता को प्राप्त किया है। हमें उनके जीवन से सीखने को मिलता है कि चाहे कितनी भी समस्याएं आ जाए हमें हार नहीं मानना चाहिए तथा अपने पास मौजूद संसाधनों का प्रयोग करते हुए अपना बेहतर देना चाहिए। हम इसी प्रकार की अन्य जानकारियों और प्रेरणा से परिपूर्ण लेखों के साथ जल्दी ही मिलेंगे।

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शीर्षक छवि स्रोत : forbes.com