अभिषेक द्वारा लिखित, कक्षा 12 का छात्र

आपने यूरेनस प्लेनेट के बारे में तो सुना ही होगा। यूरेनस सौर मंडल का सातवां ग्रह है। यह अपने आप में पहला ऐसा ग्रह है, जिसे दूरबीन की सहायता से खोजा गया था।13 मार्च, 1781 को जर्मन खगोलशास्त्री विलियम हर्शल (William Herschel) ने यूरेनस प्लैनेट की खोज की। उनका वास्तविक नाम ‘सर फ़्रेडरिक विलियम हर्शल’ था। उन्होंने अपनी स्वनिर्मित (Self made) दूरबीन की सहायता से खगोलीय पिंडों का मुआयना करते हुए ‘यूरेनस प्लेनेट’ की खोज की थी। ठीक इस प्रकार यूरेनस अपने आप में पहला ऐसा ग्रह बना जिसे दूरबीन की सहायता से खोजा गया था। बता दें कि यूरेनस को सबसे पहले 128 बीसी में ग्रीक खगोलशास्त्री ‘हिप्पार्कस’ ने देखा था लेकिन वे इसकी धीमी गति व मध्यम रोशनी के चलते इसे तारा समझ बैठे। जिसके बाद यूरेनस को तारों की सूची में शामिल कर लिया गया था। फिर इसके बाद साल 1690 ईस्वी में ‘जॉन फ्लेमस्टेड’ के द्वारा एक बार फिर यूरेनस प्लेनेट को देखा गया। परंतु इस बार ‘जॉन फ्लेमस्टेड’ ने इसे एक ग्रह न समझकर वृषभ तारामंडल यानी Taurus Constellation का तारा समझ लिया था। इन सब में सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि इस ग्रह का नामकरण प्राचीन ग्रीक देवता ‘Ouranus’ के नाम पर किया गया था। यह पहला ऐसा ग्रह था, जिसका नामकरण रोमन देवता के नाम पर ना होकर ग्रीक देवता के नाम पर किया गया था।

यूरेनस को सौरमंडल का सबसे ठंडा ग्रह माना जाता है, क्योंकि यूरेनस पर औसत तापमान  -197 डिग्री सेल्सियस पाया गया है जबकि वहां का न्यूनतम तापमान -224 डिग्री सेल्सियस है। यूरेनस ग्रह का हिंदी नाम अरुण है। बता दें कि यूरेनस सौर मंडल के चार गैसीय ग्रह में से एक है। यह शनि ग्रह के बाद सौरमंडल का दूसरा सबसे कम द्रव्यमान (mass) वाला ग्रह है। अपने अक्ष यानी axis पर 97.77 डिग्री झुके होने के कारण यूरेनस ग्रह को लेटा हुआ ग्रह (Lying Planet) व लुढ़कता हुआ ग्रह (Rolling Planet) के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि जहां सभी ग्रह अपने अक्ष (Axis) पर लट्टू की तरह घूमते हैं, वही यह लुढ़कती हुई गेंद की तरह दिखाई देता है। साथ ही बर्फ की अधिकता के कारण यूरेनस ग्रह को ‘बर्फ दानव’ (Ice Giant) भी कहा जाता है।

यूरेनस प्लैनेट से जुड़े कुछ अन्य महत्वपूर्ण तथ्य

त्रिज्या (Radius) की बात करें तो यूरेनस ग्रह का भूमध्यरेखीय त्रिज्या (Equatorial Radius) लगभग 15,882 मील (25,559 km) है जबकि ध्रुवीय त्रिज्या (Polar Radius) 15,517 मील (24,973 km) है।

व्यास (Diameter) की बात करें तो यूरेनस ग्रह का भूमध्यरेखीय व्यास (Equatorial Diameter) लगभग 31,765 मील (51,118 km) है जबकि ध्रुवीय व्यास (Polar Diameter) 49,964 km है, जो पृथ्वी के व्यास के 4 गुना ज्यादा है।

यूरेनस ग्रह के आयतन (volume) की बात करें तो उसका आयतन 6.833 x 1013 है जो पृथ्वी के आयतन के लगभग 63 गुना ज्यादा है।

यूरेनस ग्रह के परिधि (Circumference) की बात करें तो उसकी परिधि 99000 मील यानी 1,59,354 km है,जो पृथ्वी के सरकम्फ्रेंस के मुताबिक 4 गुना ज्यादा है।

अब बात करते हैं रोटेशन-पीरियड के बारे में कि आखिर यूरेनस ग्रह का रोटेशन-पीरियड कितना है? यूरेनस ग्रह का रोटेशन पीरियड लगभग 17 घंटे 14 मिनट व 24 सेकंड का है। इसका मतलब यह हुआ यूरेनस ग्रह पर 1 दिन 17 घंटे 14 मिनट व 24 सेकंड का होता है, जो पृथ्वी के मुकाबले काफी छोटा है।

वही यूरेनस ग्रह के परिभ्रमण काल (Orbit Period) की बात करें तो इसका परिभ्रमण काल लगभग 84 वर्ष है।

बता दें कि यूरेनस व शुक्र ग्रह सौरमंडल के दो ऐसे ग्रह हैं, जो बाकी ग्रहों की तुलना में बिल्कुल अलग है क्योंकि जहां पृथ्वी सहित अन्य ग्रह पश्चिम से पूरब की ओर सूर्य की परिक्रमा करते हैं, वहीं यूरेनस व शुक्र ग्रह पूरब से पश्चिम की ओर सूर्य की परिक्रमा लगाते हैं।

यूरेनस व सूर्य की दूरी की बात करें तो इसकी औसत दूरी 1,783,939,400 मील यानी 2,870,972,200 km है जबकि यूरेनस से सूर्य की निकटतम दूरी 1,699,800,000 मील यानी 2,735,560,000 km व अधिकतम दूरी 1,868,080,000 मील यानी 3,006,390,000 km है।

वही पृथ्वी व यूरेनस की दूरी की बात करें तो इस की न्यूनतम दूरी 1.6 बिलियन मील यानी 2.6 km व अधिकतम दूरी 1.98 मील यानी 3.2 km है।

अमेरिकी खगोल वैज्ञानिकों ने 10 मार्च,1997 में यूरेनस ग्रह के छल्ले की खोज कर दुनिया को यह कर दिखाया की शनि ग्रह की तरह यूरेनस ग्रह पर भी छल्ले (Rings) मौजूद हैं। साल 1978 में यूरेनस ग्रह के 9 छल्ले की खोज कर ली गई थी। 24 जनवरी,1986 को नासा द्वारा Voyager-2 अंतरिक्ष यान स्पेस में भेजा गया जिसने यूरेनस ग्रह के 56,600 मील दूर से कई चित्र लिए जिसके आधार पर यूरेनस ग्रह के 10 नए चंद्रमा, दो नए छल्ले (Rings) का पता लगाया गया। साथ ही अब तक यूरेनस ग्रह के 27 ज्ञात उपग्रह व 13 वलय़ (छल्ले) खोजे जा चुके हैं।

जैसा कि हमने देखा कि यूरेनस (अरुण ग्रह) अन्य ग्रहों की तुलना में कैसे भिन्न है। केवल इतना ही नहीं यह आकार के मामले में भी पृथ्वी से कहीं ज्यादा बड़ा है। परंतु इसका गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी की तुलना में काफी कम है, इसका प्रमुख कारण गैसीय पदार्थों से बना होना है। इस लेख के माध्यम से आज हमने यूरेनस ग्रह से जुड़े हुए महत्वपूर्ण तथ्यों को समझा।

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