अभिषेक द्वारा लिखित, कक्षा 12 का छात्र

आप में से ज्यादातर लोगों ने भारतीय रेल में सफर अवश्य किया होगा। लेकिन आपने कभी यह सोचा है कि इसकी शुरुआत कब हुई और कहां से हुई। अगर नहीं, तो चलिए आज हम आपको इस लेख के माध्यम से भारतीय रेल के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बातें बताएंगे। भारतीय रेल का अपना अलग ही इतिहास रहा है। भारत में रेल की शुरुआत 18 वीं सदी यानी अंग्रेजों के शासनकाल से हुई।16 अप्रैल,1853 ई. को भारत में पहली ट्रेन (रेल) चलाई गई, जो बंबई के बोरी-बंदर स्टेशन (जो अब छत्रपति शिवाजी टर्मिनल है) से ठाणे के बीच चलाई गई थी। जिसमें लगभग 400 यात्रियों ने 34 किलोमीटर लंबे रेलवे ट्रैक पर सफर तय किया था। इस ट्रेन में तीन भाप इंजन लगे हुए थे जिनका नाम सिंध, सुल्तान और साहिब था। हालांकि इस ट्रेन की स्पीड काफी कम थी। परंतु यह देश के लोगों के लिए उनकी आवाजाही व आय़ (Income) का बेहतरीन स्रोत थी। भारत की पहली ट्रेन का नाम ‘फेय़री क्वीन’ था। इस ट्रेन की सबसे बड़ी खासियत तो यह थी कि इस ट्रेन में जिस भाप इंजन का प्रयोग किया गया था, वह विश्व का सबसे पुराना भाप इंजन था। जिसका निर्माण साल 1855 ईस्वी में ब्रिटेन की कंपनी ‘किटसन‘ के द्वारा किया गया था। यह ट्रेन अपने आप में इतनी मशहूर थी कि साल 1997 के बाद ‘फेय़री क्वीन’ ट्रेन को भारत की हेरिटेज ट्रेन के रूप में चलाया व जाना जाने लगा।

भारत और पाकिस्तान की आजादी व बंटवारे के बाद रेल नेटवर्क का हुआ बंटवारा

जैसा कि हम सभी लोग जानते ही हैं कि साल 1947 में भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ जिसमें हर एक चीज को आपस में बांट लिया गया। इस बंटवारे में रेल नेटवर्क भी दोनों देशों के बीच बट गया। भारतीय रेलवे बोर्ड की स्थापना साल 1905 ईसवी में हुई जबकि साल 1950 में भारतीय रेल का राष्ट्रीयकरण किया गया। भारतीय रेलवे के नाम कई तरह के वर्ल्ड रिकॉर्ड दर्ज हैं। भारतीय रेलवे अमेरिका, चीन और रूस के बाद दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। साथ ही यह विश्व का नौवां सबसे बड़ा नौकरी देने वाला विभाग भी है, जिसमें लगभग 16 लाख से भी अधिक लोग कार्यरत हैं। प्रतिदिन 2 करोड़ से भी अधिक लोग भारतीय ट्रेनों में यात्रा करते हैं। कुल मिलाकर भारत में 7,500 छोटे-बड़े रेलवे स्टेशनों की संख्या है। इसके अलावा नई दिल्ली के रेलवे स्टेशन का नाम दुनिया के सबसे बड़े रूट रिले इंटरलॉकिंग सिस्टम के लिए गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है। विश्व के सबसे लंबे प्लेटफार्म की बात करें तो इसका वर्ल्ड रिकॉर्ड भी भारतीय रेलवे के ही नाम पर है। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर रेलवे स्टेशन की पहचान दुनिया के सबसे बड़े रेलवे स्टेशन के रूप में की जाती है, जिसकी लंबाई 4483 फीट यानी 1366.33 मीटर है। पहले की बात करें तो लोगों को ट्रेन का सफर करने के लिए घंटों टिकट की लाइन में लगना पड़ता था। जिससे न केवल उन्हें थकान महसूस होती थी बल्कि उनका समय भी बर्बाद होता था। इस समस्या को दूर करने के लिए भारतीय रेलवे ने ऑनलाइन टिकट बुकिंग की सुविधा की शुरुआत की। यह सुविधा 3 अगस्त, 2002 को शुरू की गई जिसके चलते आज लोग आसानी से घर बैठे इंटरनेट के जरिए टिकट बुक कर पा रहे हैं।

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