गीतांजलि द्वारा लिखित, 19 साल की छात्रा

चीन और अमेरिका के बीच हमेशा से ही संबंध बहुत खराब रहे हैं। यह दोनों देश विचारात्मक, आर्थिक, समाजिक सभी रूपों मे भिन्न रहे हैं और इनके बीच में इतिहास में भी कई विवाद देखने को मिला है। अभी कुछ दिनों पहले ही अमेरिका की निचले सदन की स्पीकर नैंसी पेलोसी ताइवान की यात्रा पर गईं, जिसने ताइवान को लेकर अमेरिका और चीन के बीच एक नए विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई है। चीन बहुत भड़का हुआ है। आज हम इस विवाद के बारे में संपूर्ण जानकारी हासिल करने वाले हैं जिसमें इस विवाद के शुरुआत से लेकर अब तक की सारी जानकारियां शामिल होंगी।

चीन, अमेरिका और ताइवान

इस विवाद को समझने से पहले हम चीन, अमेरिका और ताइवान के बारे में आधारभूत जानकारी हासिल करते हैं।

चीन एक समाजवादी देश है और यहां पर एक पार्टी का शासन है। चीन को उसकी उभरती हुई शक्तियों के कारण दक्षिण एशिया का ड्रैगन भी कहा जाता है। वहीं अमेरिका से तो आप परिचित ही होंगे। अमेरिका विश्व की सबसे शक्तिशाली देश है। ताइवान चीन का पड़ोसी देश है जो अपने आपको स्वतंत्र राष्ट्र मानता है परंतु चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है। इस क्षेत्र में लंबे समय से विवाद चल रहा है। आप ऐसे समझ सकते हैं जैसे भारत और पाकिस्तान दोनों ही कश्मीर को लेकर विवाद में रहते हैं वैसे ही चाइना भी ताइवान को लेकर विवाद में रहता है।

विवाद का कारण

Image credit: Wikimedia

चीन  में उत्पन्न होने वाले विवाद का कारण अमेरिका के निचले सदन के स्पीकर नैंसी पेलोसी द्वारा की जाने वाली ताइवान की यात्रा है। नैंसी पेलोसी के ताइवान आने की जानकारियां बहुत दिनों पहले से दी जा रही थी तथा 2 अगस्त को नैंसी पेलोसी ताइवान पहुंच गई।

नैंसी पेलिसी के सिंगापुर, मलेशिया, जापान तथा साउथ कोरिया जाने की खबरें पहले से सामने आ रही थी परंतु ताइवान के बारे में कोई निश्चित जानकारी नहीं मिली थी।

नैंसी पेलोसी के ताइवान पहुंचने पर चीन ने युद्धाभ्यास आरंभ कर दिया तथा कई सैन्य विमानों और वायु विमानों को ताइवान की ओर रवाना कर दिया था।

चीन की प्रतिक्रिया

अमेरिका के स्पीकर नैंसी पेलिसी के ताइवान में यात्रा करने को लेकर चीन बहुत भड़क गया था तथा चीन के राष्ट्रपति जी शिनपिंग ने तो अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन को फोन करके धमकी भी दी थी। उन्होंने बोला कि चीन अपनी संप्रभुता एवं सुरक्षा को बनाए रखने के मामले मे पीछे नहीं हटेंगे।

अमेरिका तथा अमेरिका के राष्ट्रपति पर चीन की धमकियों का कोई प्रभाव नहीं पड़ा।

नैंसी पेलोसी के ताइवान जाने का कारण

नैंसी पेलोसी ने बताया कि वह ताइवान में जलवायु समस्या, आंतकवाद, अशिक्षा और सुरक्षा के बारे में बातचीत करना चाहती थी।

उन्होंने ताइवान को करोना महामारी से उभरने की बधाई दी तथा भविष्य में आगे बढ़ने की बात कही है।

नैंसी पेलोसी की वापसी

आज 4 अगस्त को नैंसी पेलोसी ताइवान से लौट गई हैं।

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