रजनी द्वारा लिखित, 19 साल की छात्रा

देश में चल रही कोरोना महामारी की तीसरी लहर मे संक्रमण का प्रभाव देखने के लिए चौथा सीरो सर्वे इसी महिने में किया जाएगा। ये सर्वे भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के द्वारा किया जाएगा। आईसीएमआर ने इस सर्वे की सब तैयारी पूरी कर ली हैं।

नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल का कहना है कि देश में कोरोना के मामले पहले से काफ़ी कम हो रहे हैं तो ऐसी स्थिति में सीरो सेवा की अहमियत काफ़ी हद्द तक बढ़ गई है।

क्या है सीरो सर्वे?

सीरो सर्वे में ब्लड सैंपल लिया जाता है और उसका टेस्ट किया जाता है। किसी भी संक्रमण के खिलाफ बनी एंटीबॉडी की जांच की जाती है। जब कोई वायरस आपके शरीर में प्रवेश करता है, तब बॉडी का प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune system) उसके खिलाफ एंटीबॉडी बनाता है। जिसका अर्थ यह है कि अगर आपके शरीर में एंटीबॉडी बनी है तो आप किसी वायरस के संपर्क में आए हैं।

केसे किया जाता है सीरो सर्वे?

रैंडम सैंपलिंग के द्वारा सीरो सर्वे किया जाता है। देश में जब पिछले साल सीरो सर्वे हुआ था  तो देश को दो भागों में विभाजित कर दिया गया था। इसके पहले भाग में देश के वो शहर शामिल थे जिनमे कोरोना संकर्मण दर सबसे ज्यादा थी।

वहीं दूसरे भाग में कम संकर्मण वाले शहर रखे गए थे। इसमे देश के अलग- अलग हिस्से से सैंपल लिए जाते हैं, ताकी सही आँकड़े मिल सकें।

6 साल से ज्यादा उम्र के लोग होंगे शामिल:

देश में हुए पहले तीन सेरो सर्वे में 10 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को शामिल किया गया था लेकिन चौथे सीरो सर्वे में 6 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को शामिल किया जाएगा। चौथी सीरो सर्वे में बच्चों की ज्यादा संख्या में शामिल करने की तैयारी है।

देश में पहले किए जा चुके हैं तीन सीरो सर्वे:

देश में पहला सीरो सर्वे आईसीएमआर के द्वारा मई 2020 में किया गया था। इसके बाद दो सीरो सर्वे और किए गए थे। दिसम्बर में हुए अन्तिम सीरो सर्वे में पता चला था कि देश भर में 21.5% आबादी कोरोना के संकर्मण में आ गई है और अभी भी इसका खतरा बना हुआ है। देश में हुए पहले तीन सीरो सर्वे में 10 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को शामिल किया गया था।

क्यों जरुरी है सीरो सर्वे?

कोरोना महमारी से सारी दुनिया प्रभावित है। महामारी से जुड़े सभी आँकड़े का पता लगाने के लिए सीरो सर्वे किया जाता है। सीरो सर्वे के द्वारा ही भविष्य के लिए बीमारी से लड़ने की रणनीति तैयार की जाती है।

देश में कोरोना संकर्मण के प्रभाव को सही से समझने के लिए सीरो सर्वे बहुत ही ज्यादा जरूरी है। सीरो सर्वे इस महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए भविष्य की रणनीति बनाने में बहुत मददगार है।

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