रजनी द्वारा लिखित, 19 साल की छात्रा

कुशीनगर जिले के एक वैज्ञानिक ने बड़ा ही खास मुकाम हासिल किया है। कुशीनगर के निवासी कृषि वैज्ञानिक वैभव ने अलग-अलग जगहों  की जलवायु के हिसाब से रोगरोधी व उच्च पैदावार क्षमता वाली गेहूं की 20 नई प्रजातियां विकसित की हैं। इस काम के  लिए उन्हे इंडियन सोसाइटी ऑफ जेनेटिक एंड प्लांट ब्रीडिंग (आईएसजीपीबी) की तरफ से फेलोशिप-2020 दी गई है। देश भर के केवल 11 कृषि वैज्ञानिकों को ये फेलोशिप प्रदान की गई है।

कुशीनगर जिले के कसया तहसील के निवासी वैभव पहले ही भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद दिल्ली में कृषि वैज्ञानिक के पद पर तैनात हैं। उन्होनें अपने इस प्रयास में एचआई 8737 पूजा अनमोल, एचडी 3178 पूजा वत्सला, एचडी 3271, एचडी 3226 सहित गेहूं की 20 नई प्रजातियां तैयार की हैं। इन प्रजातियों में से एचडी 3271 तथा एचडी 3226 प्रजाति पश्चिम बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश की जलवायु के अनुसार हैं। फेलोशिप मिलने के तुरंत बाद ही वैभव ने  22 तारिख को रिपोर्टर से ऑनलाइन बातचीत करने के साथ ही ये सूचना दी।

इन प्रजातियों मे उच्च स्तर की रोग प्रतिरोधक क्षमता है मौजूद:

वैभव ने रिपोर्टर से बात करते हुए बताया कि इन प्रजातियों मे उच्च स्तर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मौजूद है। इससे पैदावार में बढोतरी होगी और लागत में कमी आएगी। उन्होन कहा की देश की आबादी आने वाले कुछ सालों में कई गुना बढ़ जाएगी तथा देश को उस समय अनाज के भंडार की जरूरत होगी। भारतीय कृषि वैज्ञानिक के सामने ये चुनौती बहुत बड़ी है। इसके साथ ही जलवायु के बदलाव की भी चुनौती सामने है।

गाँव में है खुशी का माहौल:

वैभव को फेलोशिप मिलने के साथ ही उनके गाँव में जश्न का माहौल है। इसी मौके पर उनके सभी गाँव वालों ने उन्हे बधाई देते हुए बहुत खुशी ज़ाहिर की है। गाँव वालों का कहना है कि वैभव ने उनके गाँव का नाम रोशन करके उन्हे एक नई पहचान दी है।

कुशीनगर के निवासी वैभव ने ऐसा करते हुए बहुत ही प्रशंसनीय काम किया है और अपने गाँव और जिले का नाम भी रोशन किया है।

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