चिली (दक्षिण अमेरिका का एक देश) ने कोरोनोवायरस से लड़ने का एक प्रभावी तरीका सोचा है । यह उन लोगों को ‘इम्युनिटी पासपोर्ट’ दे रहा है जो कोरोना वाइरस से लड़ने में सफल रहे (वे यह कार्ड डिजिटल रूप में भी प्राप्त कर सकते हैं) ।
19 जून को, तमिलनाडु के थौथुकुडी जिले में लगभग 9:15 बजे, सथनकुलम पुलिस के अधिकारी गश्त पर थे, उन्होंने एक साधारण मध्यम वर्ग के दुकानदार जयराज को पकड़ लिया…
प्लाज्मा थेरेपी का इस्तेमाल कोविड-19 के गंभीर रोगियों का इलाज करने में किया जा रहा है । इस थेरेपी में, डॉक्टर उन रोगियों से प्लाज्मा (खून में पाया जाने वाला एक तरल पदार्थ) लेते हैं जो कोरोनावाइरस से ठीक हो चुके हैं और उन रोगियों को देते हैं जो अभी भी इससे पीड़ित हैं..
अमेरिका के 2 बड़े विश्वविद्यालय, हार्वर्ड और मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) अमेरिकी सरकार को sue कर रहे हैं, मतलब उनपर मुकदमा करना चाहते हैं ।
जैसा कि आजकल आपने सुना होगा, उत्तर प्रदेश के कानपुर में विकास दुबे नामक व्यक्ति जो गैंगस्टर से एक राजनेता बना । गैंगस्टर से राजनेता कैसे बना, आइए जानते हैं ये कैसे हुआ..
कोवैक्सीन भारत में बनने वाली कोरोना वायरस की पहली देशी वैक्सीन है, जिसे आईसीएमआर और भारतीय बायोटेक कंपनी ने साथ में मिलकर बनाया है| जिसका कोड नेम BBV152 रखा गया है| इस वैक्सीन को 15,अगस्त 2020 तक लांच किया जा सकता है|
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना(Soil Health Card Yojana) भारत सरकार द्वारा 19, फरवरी 2015 को शुरू की गई एक योजना है| जिसका मुख्य उद्देश्य देश के किसानों को उनकी मिट्टी की उर्वरता की शक्ति का अनुमान करवाना है| साथ ही उन्हें किस फसल के ऊपर खेती करनी चाहिए और उस फसल के ऊपर उन्हें किन किन खादों का प्रयोग कितनी मात्रा में करना चाहिए यह बताया जाता है|