रूस में लोग क्यूँ विरोध कर रहे हैं

रूस फार ईस्ट में स्थित खाबरोवस्क शहर में 18 जुलाई 2020 को लगभग 50,000 लोग विरोध प्रदर्शन करने के लिए इकट्ठा हुए थे । ये विरोध प्रदर्शन सर्गेई फ़र्गल की गिरफ्तारी के खिलाफ एक हफ्ते से चल रहे थे । फ़र्गल जो रूस में खाबरोवस्क क्राइ के गवर्नर रह चुके थे, उन्हे रूसी अधिकारियों ने 9 जुलाई 2020 को गिरफ्तार किया था । हालांकि, अधिकारियों ने COVID-19 के फैलने के डर से इतने सारे लोगों को इकट्ठा होने से रोकने का बहुत प्रयास किया, फिर भी हजारों लोग सड़कों पर जमा हुए पुतिन के खिलाफ नारे लगते हुए, बैनर लहराते हुए और फ़र्गल की रिहाई की मांग की ।

PM मोदी ने अलग अंदाज में किया रफाल का स्वागत

रफाल विमानों की हरियाणा के अंबाला एयरबेस पर सुरक्षित लैंडिंग हो गई है. लैंडिंग को देखते हुए अंबाला एयरबेस पर पुलिस ने सैन्य अड्डे के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी है. भारतीय वायुसीमा में पांचों रफाल विमानों के घुसते ही युद्धपोत INS कोलकाता ने स्वागत करते हुए कहा- ये गर्व की उड़ान है, हैप्पी लैंडिंग. वहीं 5 रफाल विमानों की ऐतिहासिक लैंडिग पर पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्वीट किया.

भारत छोड़ो आंदोलन क्या था? जाने इसके बारे में|

8 अगस्त,1942 का हमारे जीवन में बहुत बड़ा महत्व है, क्योंकि इस दिन ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की शुरुआत हुई थी| इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य भारत को अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त करवाना था| इस आंदोलन की शुरुआत महात्मा गांधी ने अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के मुंबई अधिवेशन से किया था| इस आंदोलन को अगस्त क्रांति के नाम से भी जाना जाता है|

ग्रीन स्पेस क्या हैं और हमें उनकी आवश्यकता क्यों है?

सदियों से शहर और लोग के बीच एक दूसरे पर निर्भर रहने का रिश्ता है जहाँ लोग शहर बनाते हैं, उसे आकार देते हैं और शहर लोगों को आकार देते हैं । अब जब शहर का इतना प्रभाव होता है तो यह ज़रूरी है कि शहर की डिज़ाइन के निर्णय ऐसे ही नहीं लेने चाहिए । हमारी इमारतें और आसपास की जगह हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों को प्रभावित करते हैं, खास कर के ऐसी महामारी के वक़्त जब हमे अपने आपको एक सीमित जगह पर ही रखना है (जैसे कि घर, कॉलोनी) । एक ही चीज़ जो हमे तनाव मुक्त और हमारे मानसिक स्वास्थ्य की वृद्धि करता है, वह है ग्रीन स्पेस ।

दांते एलघिएरी की जीवनी

दांते एलघिएरी, जो कि अपनी लुहावनी कवितायों के लिए जाने जाते हैं, उनका जन्म 1265 में फ्लोरेंस, इटली में हुआ था । उनके परिवार में उनकी माँ (बेला डिगली अबती), उनके पिता (एलिघेरियो डी बेलिनसिएन), और उनके दो भाई (फ्रांसेसो और गयाना अलघेरियो) थे । उन्हे प्राचीन रोमन परिवारों का वंशज माना जाता है जिन्होंने फ्लोरेंस की स्थापना की थी । दांते को जन्म देने के कुछ साल बाद उनकी माँ का देहांत हो गया था । 12 साल की उम्र में, डांटे ने डोनाटी परिवार की एक लड़की से शादी कर ली, और शादी के कुछ साल बाद उनके दो बेटे और एक बेटी हुई । डांटे ने बोलोग्ना विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई पूरी की: मध्यकालीन दुनिया की सबसे प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में से एक ।

COVID-19 महामारी का यमन के लोगों पर क्या असर हो रहा है? उनकी मदद करना क्यूँ ज़रूरी है ?

जहां सारे देश COVID-19 महामारी से लड़ रहे हैं, वहाँ एक देश सिर्फ अकेले कोरोना वाइरस से नहीं लड़ रहा । यमन में लोग न केवल महामारी का सामना कर रहे हैं बल्कि 2015 से चल रहे गृह युद्ध का भी सामने कर रहे हैं । युद्ध के कारण 75% से ज़्यादा लोग गरीबी में रह रहे हैं और लगभग 17 लाख लोगों को भोजन की कमी है । COVID-19 की वजह से 950 मामले और 250 से अधिक मौतें हो चुकी हैं।

पीटर ग्रीन कौन थे? जाने उनके बारे में|

पीटर ग्रीन एक महान संगीतकार, गीतकार के साथ- साथ एक अच्छे गिटारवादक भी थे| उनका जन्म 29, अक्टूबर 1946 को बेथनल ग्रीन, लंदन, इंग्लैंड में हुआ था|उन्हें साल 1996 में सर्वश्रेष्ठ गिटारवादक के रूप में चुना गया था| उनकी खासियत यह थी कि वह अपने गीतों के माध्यम से भावनाओं को व्यक्त करने में रुचि रखते थे ना कि यह दिखाने में कि वह कितने अच्छे कलाकार हैं|

सिबेरिया में जंगल की आग ने ग्रीस से भी बड़ा हिस्सा जला डाला

पिछले साल ऑस्ट्रेलिया और अमेज़ॅन वर्षावनों के जंगलों में आग लगी थी । अब इस बार रूस के जंगलों में आग लग गई है । अब तक ग्रीस देश से भी बड़ा क्षेत्र आग में जल चुका है..

असम में भयंकर बाढ़

असम अपनी स्थलाकृति (एक क्षेत्र की भौतिक विशेषताओं की व्यवस्था) के कारण वार्षिक बाढ़ का सामना करता है और बाढ़-ग्रस्त क्षेत्र है । हालांकि, इस साल तबाही और विनाश बहुत ज़्यादा हुआ है...

किसान क्रेडिट कार्ड(KCC) क्या है?

साल 1998 में भारत सरकार के द्वारा “किसान क्रेडिट कार्ड” की शुरुआत की गई थी| इसका मुख्य उद्देश्य गरीब किसानों को समय-समय पर आर्थिक मदद पहुंचाना है| जिससे कि वह अच्छे से अपनी खेती और अन्य जरूरतों को पूरा कर सकें| इस योजना के अंतर्गत जरूरतमंद किसानों को ₹50000 से ₹300000 तक का कर्ज दिया जाता है| जिसका व्याज दर काफी कम होता है, जिसकी वजह से किसान आसानी से कर्ज ले सकते हैं|