कक्षा 12 की छात्रा द्वारा लिखित

दांते एलघिएरी, जो कि अपनी लुहावनी कवितायों के लिए जाने जाते हैं, उनका जन्म 1265 में फ्लोरेंस, इटली में हुआ था । उनके परिवार में उनकी माँ (बेला डिगली अबती), उनके पिता (एलिघेरियो डी बेलिनसिएन), और उनके दो भाई (फ्रांसेसो और गयाना अलघेरियो) थे । उन्हे प्राचीन रोमन परिवारों का वंशज माना जाता है जिन्होंने फ्लोरेंस की स्थापना की थी । दांते को जन्म देने के कुछ साल बाद उनकी माँ का देहांत हो गया था । 12 साल की उम्र में, डांटे ने डोनाटी परिवार की एक लड़की से शादी कर ली, और शादी के कुछ साल बाद उनके दो बेटे और एक बेटी हुई । डांटे ने बोलोग्ना विश्वविद्यालय से अपनी पढ़ाई पूरी की: मध्यकालीन दुनिया की सबसे प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में से एक ।

जब दांते 11 साल के थे , तो एक समारोह में उनकी मुलाक़ात एक 9 साल की लड़की से हुई जिसने एक सुंदर क्रिमसन रंग की ड्रेस पहनी हुई थी और दांते के अनुसार वो बिलकुल एक परी जैसी दिख रही थी । बीटरिस नाम की यह लड़की दांते के जीवन का प्यार थी और उनकी कुछ बेहतरीन कवितायों की प्रेरणा रही है । दांते ने उस लड़की के प्रति अपने प्यार के बारे में अपने शुरुयाती काम वीटा नुओवा (ए न्यू लाइफ) में बताया है । उसका नाम इन्फर्नो में भी बताया गया है, जो कि डांटे की 14 वीं शताब्दी की महाकाव्य कविता डिवाइन कॉमेडी का पहला भाग है । डिवाइन कॉमेडी को विश्व साहित्य का सबसे महान काम माना जाता है, जो वर्ष 1308 में शुरू हुआ और 1320 में खतम हुआ । इसमें मुख्य रूप से इन्फर्नो (नर्क), पुर्गेटेरियो (शुद्धि का स्थान), और पैराडिसो (स्वर्ग) तीन भाग शामिल हैं । यह कविता दांते की यात्रा को अंधेरे और गलतियों से दैवीय प्रकाश और भगवान की सुंदर दृष्टि तक ले जाती है ।

बीटरिस के निधन के बाद, दांते ने खुद को फ्लोरेंस की राजनीति में शामिल कर लिया । उन्होंने इटली में राजनीतिक अशांति के दौरान कई महत्वपूर्ण सार्वजनिक पदों पर कार्य किया । हालांकि, उन्हे ब्लैक गुएल्फस (जो कि कंसेलियरी गुएल्फ परिवार की एक शाखा थे) के नेताओं द्वारा जीवन के लिए देश निकाला दिया हुआ था । ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि 1295 के दौरान दो सत्ता दल थे: गुएल्फस (जिन्होंने कैथोलिक चर्च के शासक के रूप में पोप का समर्थन किया था लेकिन उनका मानना था कि वे धर्म के मामलों में शामिल न हों) और घिबेलीन (जो मानते थे कि पोप को धर्मनिरपेक्ष और धार्मिक गुट दोनों पर शासन करना चाहिए) । दांते को दोनों पक्षों के बीच शांति बनाए रखने का मिशन दिया गया लेकिन यह तो उन्हे पोप के ही विरुद्ध ले आया । इसलिए उन्हे 1302 में देश निकाला दे दिया गया और उनकी संपत्ति भी जप्त कर ली गई । हालाँकि डांटे को फ्लोरेंस से दूर कर दिया गया था, लेकिन इसने उन्हे डिवाइन कॉमेडी जैसे उत्कृष्ट काम बनाने के लिए प्रेरित किया जो उन्होने अपने निर्वासन के दौरान लिखी थी ।

डिवाइन कॉमेडी फ्लोरेंस की राजनीति से प्रेरित थी और सत्ता की लड़ाई से जो आज भी जारी है और जिससे इटली इतना प्रभावित है । अपने देशनिकाला के बाद, दांते इटली में कोर्ट-कचहरी में घूमते रहते और लोगों को पढ़ाते । दांते ने डिवाइन कॉमेडी के अंतिम भाग को 1320 में रवेना में पूरा किया जहां 13 सितंबर, 1321 को अपनी विरासत को पीछे छोड़ते हुए और विश्व साहित्य पर एक छाप छोड़ते हुए उनकी मृत्यु हो गई । दांते को गए हुए 650 साल हो गए हैं लेकिन उनके दिये शब्द आज भी कला और साहित्य को प्रभावित करते हैं । दांते के शब्दों में, “वह आदमी जो सोता है कभी भी प्रसिद्धि नहीं हो पाता और उसकी इच्छा और सारा जीवन एक सपने की तरह बीतता है और उसकी यादों के निशान समय से हवा में धुएँ की तरह फीकें हो जाते हैं”