कक्षा 9 की छात्रा द्वारा लिखित

क्या कभी आपने महसूस किया है कि मूड कैसे अचानक से बदल जाता है ? या क्या आपने कभी “अवसाद” शब्द सुना है ? सुना ही होगा, क्योंकि यह शब्द ज़्यादातर दुख से जोड़े जाते हैं । लेकिन कभी आपने सोचा है अवसाद होता क्या है ? मैं बताती हूँ । इसका मतलब होता है बहुत मायूसी और उदासी । आपने समाचार, मैगज़ीन या ब्लॉग में काफी बार पढ़ा होगा ऐसे लोगों के बारे में जो अवसाद और घबराहट महसूस करने वाली बीमारियों से लड़े हैं और ठीक हुए हैं । इन लोगों की उम्र कितनी होती है ? 20, 25 यहाँ तक की 17 साल? आपको यह जानकर हैरानी होगी कि ज़्यादातर लोग जो अवसाद से पीड़ित हैं वो इसी वर्ग में होते हैं: जिसे किशोरों की उम्र भी कहा जाता है ।

इसका कारण क्या है ? नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन ड्रग एब्यूज के अनुसार, 10 में से 6 ड्रग्स का सेवन करने वालों को मानसिक बीमारी हो सकती है । किशोरों और बड़े दोनों के लिए, नशीले पदार्थों का सेवन और अवसाद एक खतरनाक मेल हो सकता है । अवसाद जैविक, जेनैटिक, मनोवैज्ञानिक और पर्यावरणीय कारणों के मिश्रण की वजह से भी हो सकता है । किसी चीज़ की लत लगना भी ऐसे ही कारणों की वजह से होती है इसलिए दोनों के साथ होने के आसार होते हैं । और विशेष रूप से यह किशोरों के लिए घातक साबित हो सकता है: इस से यौवन में देरी हो सकती है या प्रजनन प्रणाली पर बुरा असर पड़ सकता है, हड्डियों को कमजोर करता है, शरीर का विकास रोक सकता है, एचआईवी, कैंसर आदि हो सकते हैं । अवसाद, बच्चों में एक तरह की मनोवैज्ञानिक विकार है ।

लेकिन, ड्रग्स के इस तरह के भयानक प्रभाव होने के कारण भी किशोर ऐसी गतिविधियों का हिस्सा क्यूँ बन जाते हैं ? दुर्भाग्य से, आजकल स्कूल के खेल मैदान ऐसी गतिविधियों की जगह बन गए हैं । लत केंद्र द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण से यह पता चला कि 60% या उस से अधिक किशोर “ड्रग संक्रमित’ स्कूलों में पढ़ते हैं जिसका मतलब है वहाँ के स्कूल के मैदानों में ड्रग्स रखे जाते हैं, बेचे जाते हैं और इस्तेमाल किए जाते हैं । सबसे डरावनी बात यह है कि हाइ स्कूल के बच्चे यह बताते हैं कि उनके बहुत सारे सहपाठी ऐसे हैं जो स्कूल के दौरान ड्रग्स का इस्तेमाल करते हैं, ड्रिंक और धूम्रपान करते हैं ।

इस से निकलने का क्या तरीका है ? ड्रग्स के सेवन की रोकथाम घरों में माता-पिता से हो सकती है । माता-पिता ही हैं जो उन पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं । गारंटी नहीं है कि आपका बच्चा ड्रग्स छोड़ देगा लेकिन अगर आप ऐसा करें तो शायद एशिया मुमकिन है:

  • ड्रग्स इस्तेमाल न करने के बारे में उनका मार्गदर्शन करें
  • अपने बच्चों के साथ समय बिताएँ
  • खुद भी तम्बाकू, शराब या अन्य नशीले पदार्थों का सेवन न करें

किशोरों को बड़ा होने से पहले उन्हे ड्रग्स के बुरे प्रभाव के बारे में बताना चाहिए जिससे वो इसके सेवन में न पड़े । इसके लिए काफी तरह के शैक्षिक कार्यक्रम भी हैं जिसमें किशोर भाग ले सकते हैं ।

सबसे ज़्यादा अच्छा है, डॉक्टर से मिलें ! आप अगर अच्छा महसूस नहीं कर रहे हैं या हर पल लगता है कि ड्रग्स आपके पास होने चाहिए, तो थेरपिस्ट या डॉक्टर से मिलने में संकोच न करें । मदद हमेशा आपके आसपास है, बस आपको देखना है । लोगों को इसके बारे में जागरूक करें । ज़रूरतमंद बच्चों के लिए हेल्पलाइन की स्थापना करें और हमेशा ऐसे लोगों का ध्यान रखें जिनकी मानसिक स्थिति ठीक न हो ।

आखिरी में मैं एक लेखक द्वारा लिखी हुई बात कहना चाहूँगी, “ये ड्रग्स लोगों को उनका आदि नहीं बनाते, ये तो लोग असलियत से भागने की कोशिश करते हैं”