कक्षा 11 की छात्रा द्वारा लिखित

यह साल 2020 हमारे लिए आँखें खोलने वाला साल रहा है, अमेरिका में ब्लैक लाइव्स के खिलाफ हो रहे अन्याय के खिलाफ विरोध प्रदर्शन से लेकर कोरोना वाइरस महामारी तक जिसने 633 हज़ार लोगों की जान ले ली है और हमारी स्वास्थ्य प्रणाली को और मजबूत करने में मदद करी है । लेकिन एक बात जो हम भूल गए हैं वो है जलवायु परिवर्तन ।

महमारी के शुरुयात में विभिन्न देशों ने यह निर्णय लिया कि वाइरस से बचने के लिए हमे अपने दरवाजें खिड़कियाँ बंद करने होंगे, और पूरे देश में लोक डाउन का इलान करना होगा । इसका मतलब यह भी था कि कोई डोमेस्टिक या विदेश यात्रा नहीं करेगा और सभी बड़े कारखाने बंद कर दिये जाएंगे ।

द नेशनल ज्योग्राफिक द्वारा अभी हाल ही के एक लेख में यह बताया गया कि चीन जो CO2 के उत्सर्जन में 2019 में सबसे ऊपर पाया गया था, वह अपने उत्सर्जन को नियंत्रित करने और कम करने में सफल रहा है । यह बाकी दुनिया को एक सफलता की तरह लगा होगा और है भी लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि जलवायु परिवर्तन का मुद्दा अब ज़रूरी नहीं रहा ।

दुनिया भर के पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने लोगों को आग्रह करना शुरू कर दिया है और जागरूकता फैलाने का प्रयास किया है कि कैसे सिर्फ ये उत्सर्जन कम करने से हमारे जलवायु की बिगड़ती स्थिति पर असर नहीं होगा बल्कि हमे हमारे स्थायी वातावरण के लक्ष्य को पाने के लिए उत्सर्जन के ये पैटर्न को जारी रखना होगा ।

हमारे गृह के तापमान में 1 डिग्री की वृद्धि देखी गई है और यह मुश्किल है कि हम इसे 1.5 डिग्री से नीचे रखने में कामयाब होंगे । अगर ऐसा नहीं होता है तो हमारा जीवन इस गृह पर काफी प्रभावित होने वाला है । यही कारण है कि ग्रेटा के साथ दुनिया भर के बच्चे इस जलवायु आपातकाल के बारे में बात कर रहे हैं । वे जलवायु संकट पर सरकार और बड़े लोगों से कारवाई करने की मांग कर रहे हैं । वे चाहते हैं कि युवा पीढ़ी इस जलवायु परिवर्तन के खिलाफ आवाज़ उठाए ।

आप सभी रोज़ डरावने समाचार पढ़ ही रहे होंगे कि कैसे 2100 तक ध्रुवीय भालू (polar bear) भुखमरी के कारण विलुप्त हो सकते हैं या कैसे छोटे छिपे कीटाणु ग्रीनलैंड में बर्फ की चादरों का पिघलना बढ़ा देंगे जिससे वो अब गुलाबी दिखने लगे हैं और कैसे आर्कटिक की बर्फ में आग लगी हुई है।

हम इन लेखों को पढ़ते हैं, वीडियो को देखते हैं आर 60 सेकंड के लिए बुरा महसूस करते हैं और फिर सोशल मीडिया पर आगे बढ़ जाते हैं । हम यह भूल जाते हैं कि हमारा गृह धीरे धीरे मर रहा है और हम बस बैठे हैं और इसे मरता हुआ देख रहे हैं । हम मदद कर सकते हैं । हम कुछ लोग भी मिलकर कुछ करें तो बहुत कुछ हो सकता है ।

मैं और आप क्या कर सकते हैं ?

यह सवाल लाखों बार पूछा जा चुका है और इसके उत्तर भी लाख से ज़्यादा हैं लेकिन इस से कोई फरक नहीं पड़ता जब तक आप कुछ बदलाव करने का जिम्मा न लें – जैसे कि नहाने के लिए शावर की जगह एक बाल्टी का इस्तेमाल करना या आपके द्वारा इस्तेमाल की गई प्लास्टिक की मात्र कम करना ।

जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए यह सब कदम उठाने तो महत्वपूर्ण हैं ही, इनके अलावा इन मुद्दों पर बोलना भी उतना ही ज़रूरी है जैसे कि स्वच्छ ऊर्जा कंपनियों में निवेश करना, अपने खुद के कार्यों के लिए अपने आप को जवाबदेह रखना और ग्रह पर आपके प्रभाव के बारे में जागरूक होना और हमारे रोज़मर्रा ज़िंदगी से ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन कम करना ।