2022 का अंतिम सूर्यग्रहण
सूर्य ग्रहण की स्थिति में संपूर्ण धरती पर अंधकार फैल जाता है क्योंकि चंद्रमा के सूर्य के सामने आने से सूर्य की रोशनी चंद्रमा के पीछे छुप जाती है।
सूर्य ग्रहण की स्थिति में संपूर्ण धरती पर अंधकार फैल जाता है क्योंकि चंद्रमा के सूर्य के सामने आने से सूर्य की रोशनी चंद्रमा के पीछे छुप जाती है।
गीतांजलि द्वारा लिखित, 19 साल की छात्रा
सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के बारे में तो आप जानते ही होंगे। यह केवल आध्यात्मिक रूप से ही महत्वपूर्ण नहीं है वैज्ञानिक रूप से भी बहुत महत्वपूर्ण है। संपूर्ण विश्व भर के वैज्ञानिक सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण पर विभिन्न अनुसंधान और रिसर्च में लगे हुए हैं और सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण का इंतजार करते रहते हैं ताकि ग्रहण के बारे में नए-नए चीजों को जान सकें। अभी कुछ समय पहले ही 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण लगा था। आज हम इसके बारे में महत्वपूर्ण जानकारी जानने वाले हैं।
क्या है सूर्य ग्रहण?
आप सभी ने अगर विद्यालय में ध्यान से विज्ञान पढ़ा होगा तो जानते होंगें कि पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है तथा सूर्य की परिक्रमा भी करती है, उसी प्रकार चंद्रमा भी पृथ्वी का चक्कर लगाता है। ऐसे में एक ऐसी स्थिति जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है और सूर्य छुप जाता है तो इसे सूर्य ग्रहण कहते हैं। ऐसी स्थिति में सूर्य आंशिक रूप से दिखाई देता है या फिर बिल्कुल दिखाई नहीं देता है।
सूर्य ग्रहण की स्थिति में संपूर्ण धरती पर अंधकार फैल जाता है क्योंकि चंद्रमा के सूर्य के सामने आने से सूर्य की रोशनी चंद्रमा के पीछे छुप जाती है।
कितने प्रकार से सूर्यग्रहण हैं?
मुख्य रूप से सूर्यग्रहण दो प्रकार के होते हैं जिसमें पहला पूर्ण सूर्यग्रहण तथा दूसरा आंशिक सूर्य ग्रहण है।
पूर्ण सूर्य ग्रहण
सूर्यग्रहण के दौरान जब चंद्रमा प्रत्यक्ष रूप से सूर्य के सामने आ जाता है और पूर्ण रूप से सूर्य को ढक देता है। ऐसी स्थिति में सूर्य की रोशनी बिल्कुल भी नहीं आती तो उसे पूर्ण सूर्यग्रहण कहते हैं ऐसा ही एक सूर्यग्रहण 1999 में हुआ था। इस प्रकार के सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य पूर्ण रूप से ढक जाता है परंतु उसके दोनों छोरों से अर्थात किनारों से बहुत कम मात्रा में रोशनी दिखाई देती है।
आंशिक सूर्यग्रहण
सूर्य ग्रहण की स्थिति में जब चंद्रमा, सूर्य को आंशिक रूप से अर्थात सूर्य के एक भाग को ढक पाता है और कोई दूसरा भाग बच जाता है ऐसी स्थिति में आंशिक सूर्यग्रहण माना जाता है और सूर्य का आधा हिस्सा दिखाई देता रहता है। ऐसा ही एक सूर्यग्रहण 23 अक्टूबर 2014 को देखा गया था।
2022 का सूर्य ग्रहण
2022 में साल का सबसे अंतिम सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को देखा गया जो एक आंशिक सूर्य ग्रहण था जिसमें सूर्य पूर्ण रूप से नहीं ढका था परंतु चांद के द्वारा उसका कुछ हिस्सा ढक गया था।
किन देशों में लगा सूर्य ग्रहण?
हर देश में सूर्यग्रहण की अपनी अलग-अलग मान्यताएं हो सकती हैं परंतु वैज्ञानिक रूप से सूर्य ग्रहण सभी देशों के लिए महत्वपूर्ण है। 2022 का सूर्य ग्रहण यूरोप, उत्तर पूर्वी अफ्रीका और पूर्वी – पश्चिमी एशिया के देशों में देखा गया था।
भारत में सूर्य ग्रहण
भारत में भी यह सूर्यग्रहण साल का सबसे अंतिम सूर्य ग्रहण था जो 25 अक्टूबर को देखने को मिला। सबसे पहला सूर्य ग्रहण इसी वर्ष अप्रैल महीने के 30 तारीख को लगा था।
भारत के कई शहरों बेंगलुरु, कोलकाता, दिल्ली, चेन्नई, वाराणसी, मथुरा आदि में सूर्यग्रहण को देखा गया। केवल पूर्वी भारत के राज्यों में सूर्य ग्रहण नहीं देखा गया था।
सूर्यग्रहण का समय
विश्व में सूर्य ग्रहण के समय की बात करें तो 25 अक्टूबर को 2:29 पर शुरू हुआ जो 6:32 तक चला। यह तो पूरे विश्व का समय था अगर केवल भारत की बात करें तो भारत में यह समय शाम 4:22 से लेकर 5:27 तक देखा गया।
सूर्य ग्रहण के प्रभाव
सूर्य ग्रहण के कारण त्योहारों की तिथियों में बहुत परिवर्तन आया। हर वर्ष दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा मनाया जाता था परंतु इस वर्ष गोवर्धन पूजा 25 अक्टूबर के स्थान पर 26 अक्टूबर को मनाया गया।
ग्रहण के कारण भैया दूज की तिथि में भी परिवर्तन आया जो 26 अक्टूबर की जगह 27 अक्टूबर को मनाया गया।
आशा है आपको इस लेख में सूर्य ग्रहण के बारे में मूलभूत जानकारियों से लेकर 2022 में लगे वर्ष के अंतिम सूर्यग्रहण के बारे में कुछ प्रमुख जानकारियां हासिल हुई होगी। हम इसी प्रकार के ज्ञानवर्धक लेखों के साथ फिर मिलेंगे।
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