संजय लामा द्वारा लिखित – कक्षा 12 का छात्र

भारत-चीन के बीच रिश्तों में आई तकरार पर चीनी राजदूत का कहना है कि भारत से चीन की अर्थव्यवस्था को अलग करने में दोनों देशों का नुकसान होगा। चीन के राजदूत सुन वीडॉन्ग ने कहा कि चीन भारत के लिए कोई खतरा नहीं है। चीन की ओर से ये बयान तब आया जब भारत चीन की कुल 106 एप्स पर प्रतिबंध लगा चुका है और भारत में रंगीन टीवी के आयात पर रोक लगा चुका है।

भारत ने ये कदम गलवां घाटी में हुए भारत और चीनी सेना के बीच झड़प के बाद लिया है, जिसमें भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे। हालांकि लद्दाख में अभी भी चीनी सेना पूरी तरह से पीछे नहीं हटी है और चीन के सेना पीछने के दावे को भारत ने खारिज किया है।

भारत-चीन संबंधों पर इंस्टीट्यूट ऑफ चाइनीज स्टडीज, दिल्ली की ओर से आयोजित वेबिनार में चीन के राजदूत ने कहा कि दोनों देशों को किसी एक देश को नुकसान पहुंचाने का रवैया नहीं रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन और भारत की अर्थव्यवस्था एक दूसरे पर टिकी हुई हैं, इसे अलग करना नुकसानदायत साबित हो सकता है।

बता दें कि सरकार ने भारत में रंगीन टेलीविजन के आयात पर रोक लगा दी है। सरकार ने ये फैसला घरेलू मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और चीन से गैर-जरूरी सामान के आयात को कम करने के लिए लिया है। भारत में टीवी एक्सपोर्ट्स में चीन भी शामिल है।

चीन के राजदूत का कहना है कि साल 2018-19 में भारत में 92 फीसदी कंप्यूटर, 82 फीसदी टीवी, 80 फीसदी आप्टिकल फाइबर और 85 फीसदी मोटर साइकिल कंपोनेंट का आयात चीन से हुआ है। भारत-चीन के बीच ट्रेड को-ऑपरेशन से मोबाइल फोन, हाउसहोल्ड एप्लायंसेज, इंफ्रास्ट्रक्चर, ऑटोमोबाइल मेकिंग और दवाई जैसी इंडस्ट्री का विकास तेज हुआ है।

इसके अलावा भारत ने लद्दाख में चीनी सेना के पीछे हटने के चीन के दावे को खारिज कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी कि अभी लद्दाख से चीनी सेना के पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। मंत्रालय के मुताबिक इसके लिए कमांडर स्तर की बातचीत की एक और बैठक जल्द हो सकती है।